समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल मुखिया जयंत चौधरी ने मुजफ्फरनगर में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हम दोनों किसान के बेटे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में इस बार बीजेपी का राजनीतिक पलायन होगा। अगर उनकी सरकार बनती है तो वो पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करेंगे। किसानों को उनका वाजिब हक मिलेगा। इस दौरान अखिलेश यादव ने भाजपा पर भी खुलकर हमला बोला। साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी पर उनके हेलिकॉप्टर को रोककर दिल्ली से उनके आगमन में देरी करने का भी आरोप लगाया। यही नहीं, भाजपा और रालोद मुखिया जयंत चौधरी के बीच चुनाव बाद गठबंधन के बारे में चर्चा का खंडन करते हुए अखिलेश ने कहा, "उनका न्योता मान कौन रहा है? कहा सोचिए उनके (बीजेपी के) हालात कैसे हैं कि न्योता देना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शुक्रवार को मुजफ्फरनगर पहुंचे तो किसानों को लेकर अपना रोडमैप बताया। जयंत चौधरी के संग खुद को किसान का बेटा बताते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार चौधरी चरण सिंह, अजित सिंह और मुलायम सिंह यादव की विरासत को आगे बढ़ाएगी। इस दौरान अखिलेश यादव ने जेब से निकालकर एक 'लाल पोटली' दिखाई और कहा कि इसमें अन्न है और इसलिए इसे जेब में लेकर घूम रहे हैं।
हेलिकॉप्टर को दिल्ली में देर से उड़ान की इजाजत की वजह से काफी देरी से मुजफ्फरनगर पहुंचे अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दो लड़के, और बुआ भतीजा के बाद अखिलेश-जयंत की जोड़ी को क्या नाम देंगे? एक पत्रकार की ओर से पूछे गए इस सवाल के जवाब में सपा अध्यक्ष ने कहा कि वे दोनों किसानों के बेटे हैं। किसानों के हक के लिए आखिरी वक्त तक लड़ेंगे। इसलिए मैं जेब में एक पोटली लेकर चलता हूं, लाल टोपी और लाल पोटली। यह अन्नदाता के पक्ष में उन्हें हारने के लिए अन्न संकल्प लेकर चलता हूं।
अखिलेश यादव ने कहा, ''मैं चौ चरण सिंह को याद करता हूं, उन्होंने जो रास्ता दिखाया था, किसानों को मजबूत करने के लिए, उन्हें आर्थिक रूप से संपन्न करने के लिए। चौधरी चरण सिंह, अजित सिंह, बाबा टिकैत और नेता जी ने सरकारों को जगाने का काम किया। मुझे खुशी है इस बात की आज जयंत चौधरी और हम लोग इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। यह चुनाव जहां किसानों के भविष्य का है, वहीं चौधरी चरण सिंह के विरासत को आगे बढ़ाने का है जो किसानों को संपन्न बनाना चाहते थे।"
अखिलेश यादव ने किसान राजनीति के गढ़ मुजफ्फरनगर में ऐलान किया कि अगर राज्य में सपा सरकार आती है तो किसानों को 15 दिन में गन्ने का पेमेंट मिलेगा। उन्होंने 300 यूनिट फ्री बिजली के अलावा सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया।अखिलेश ने कहा, 'सपा सरकार में किसानों को गन्ने के भुगतान के लिए 15 दिन से ज्यादा का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। हम 300 यूनिट बिजली फ्री देंगे, सिंचाई के लिए बिजली माफ होगी। किसानों के लिए MSP पर खरीद के लिए इंतजाम किए जाएंगे। गन्ने के भुगतान के लिए उन्हें इंतजार न करना पड़े इसके लिए फार्मर कॉरपस फंड और फॉर्म रिवाल्विंग फंड बनाए जाएंगे। जब उनसे पूछा गया कि 'यूपी के लड़कों की जोड़ी', 'बुआ-बबुआ की जोड़ी' के बाद इस जोड़ी को क्या नाम देंगे, तो अखिलेश बोले "हम किसानों के बेटे हैं, किसानों के हक के लिए आखिरी वक्त तक लड़ेंगे।"
शुक्रवार को संयुक्त कांफ्रेंस में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने वादों को पेश करते हुए कहा कि वो कभी सीएम योगी आदित्यनाथ से बिजली के कारखानों के बारे में सवाल करते हैं तो उसका जवाब नहीं मिलता है। बीजेपी के पास उपलब्धि के नाम पर कुछ भी नहीं हैं। वो जनता को भरोसा दिलाना चाहते है कि मार्च के बाद यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद जिन योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है उन्हें दोबारा शुरू की जाएगी।
अखिलेश यादव- जयंत चौधरी के साझे वादे
300 यूनिट बिजली फ्री देंगे।
गन्ना का बकाया समय पर देंगे, 15 दिन में भुगतान करेंगे।
चुनाव से पहले लोग आते जाते रहते हैं।
पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करेंगे।
प्राइवेट और सरकारी विश्वविद्यालयों के निर्माण में सहयोग देंगे।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम करेंगे।
चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप
जयंत चौधरी ने कहा कि चुनाव आयोग विपक्षी दलों से भेदभाव कर रहा है। विपक्षी उम्मीदवारों को वीडियो वैन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों में सरकार के प्रति गहरी नाराजगी है। वो सरकारी कर्मचारियों से अपील करेंगे कि वो अपने पोस्टल बैलट पेपर का इस्तेमाल होशियारी से करें।
उधर, एक दिन पहले बीजेपी की दिल्ली में जाट नेताओं के साथ बैठक व चुनाव बाद गठबंधन के न्योते पर रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा था कि वो कोई चवन्नी नहीं हैं जो पलट जाएं। जयंत चौधरी ने अमित शाह के निमंत्रण को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि “कल (बुधवार) रात से खबर चलाई जा रही है कि बहुत बड़ी बैठक हुई दिल्ली में। ये लोग कहां गए थे जब लखीमपुर में किसानों को रौंदा गया, कुचला गया। ये लोग आपसे उम्मीद कर रहे हैं, मुझसे उम्मीद कर रहे हैं, मैं कोई चवन्नी हूं जो पलट जाऊंगा? आपके मान सम्मान की बात है। ये फैसले मैं अकेले नहीं लेता, बहुत सोच विचार करके ये फैसला लिया है।” यही नहीं, जयंत चौधरी ने इस पर ट्वीट भी किया था कि, “न्योता मुझे नहीं, उन 700 से ज्यादा किसान परिवारों को दो, जिनके घर आपने उजाड़ दिए!”
जयंत ने कहा था कि उत्तर प्रदेश की इतनी सारी समस्याएं हैं, मैं खुलकर कह रहा हूं कि हम लोग सत्ता में भी आ जाएंगे तो ईमानदारी से प्रयास करेंगे। इतना अहंकार मेरे दिल में नहीं है कि कह दूं सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। हमारी सरकार में अगर आप कोई मांग रखते हो, कोई आंदोलन करते हो, पुलिस वालों की हिम्मत नहीं होगी कि लाठी चल जाए।” आरएलडी अध्यक्ष ने कहा, “नौकरी नहीं दे सकते तो लाठी क्यों दे रहे हो। ये लाठी सिर्फ एक नौजवान पर नहीं पड़ रही, ये लाठी हमारे आने वाले कल पर पड़ रही है, ये देश के भविष्य पर पड़ रही है।”
जयंत चौधरी ने समर्थकों को आगाह करते हुए कहा था कि “आपको सतर्क रहना होगा, अब चंद दिन बाकी हैं। अगर खीर मीठी और अच्छी हो लेकिन उसमें थोड़ा सा भी विष गिर जाए तो वो खतरनाक हो जाती है। इतनी सी भी नफरत मत पालने देना आप किसी को। आजकल बहुत तेजी से अफवाह फैलाई जाती है।” उन्होंने आगे कहा, “एक दौर था जब लोग सोचते थे टेलीविजन में जो चल रहा है वो सत्य और सही है, लेकिन अब लोग जान गए हैं कि उसके पीछे कुछ न कुछ षड्यंत्र होता है।”
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हेलिकॉप्टर को दिल्ली में देर से उड़ान की इजाजत की वजह से काफी देरी से मुजफ्फरनगर पहुंचे अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दो लड़के, और बुआ भतीजा के बाद अखिलेश-जयंत की जोड़ी को क्या नाम देंगे? एक पत्रकार की ओर से पूछे गए इस सवाल के जवाब में सपा अध्यक्ष ने कहा कि वे दोनों किसानों के बेटे हैं। किसानों के हक के लिए आखिरी वक्त तक लड़ेंगे। इसलिए मैं जेब में एक पोटली लेकर चलता हूं, लाल टोपी और लाल पोटली। यह अन्नदाता के पक्ष में उन्हें हारने के लिए अन्न संकल्प लेकर चलता हूं।
अखिलेश यादव ने कहा, ''मैं चौ चरण सिंह को याद करता हूं, उन्होंने जो रास्ता दिखाया था, किसानों को मजबूत करने के लिए, उन्हें आर्थिक रूप से संपन्न करने के लिए। चौधरी चरण सिंह, अजित सिंह, बाबा टिकैत और नेता जी ने सरकारों को जगाने का काम किया। मुझे खुशी है इस बात की आज जयंत चौधरी और हम लोग इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। यह चुनाव जहां किसानों के भविष्य का है, वहीं चौधरी चरण सिंह के विरासत को आगे बढ़ाने का है जो किसानों को संपन्न बनाना चाहते थे।"
अखिलेश यादव ने किसान राजनीति के गढ़ मुजफ्फरनगर में ऐलान किया कि अगर राज्य में सपा सरकार आती है तो किसानों को 15 दिन में गन्ने का पेमेंट मिलेगा। उन्होंने 300 यूनिट फ्री बिजली के अलावा सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया।अखिलेश ने कहा, 'सपा सरकार में किसानों को गन्ने के भुगतान के लिए 15 दिन से ज्यादा का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। हम 300 यूनिट बिजली फ्री देंगे, सिंचाई के लिए बिजली माफ होगी। किसानों के लिए MSP पर खरीद के लिए इंतजाम किए जाएंगे। गन्ने के भुगतान के लिए उन्हें इंतजार न करना पड़े इसके लिए फार्मर कॉरपस फंड और फॉर्म रिवाल्विंग फंड बनाए जाएंगे। जब उनसे पूछा गया कि 'यूपी के लड़कों की जोड़ी', 'बुआ-बबुआ की जोड़ी' के बाद इस जोड़ी को क्या नाम देंगे, तो अखिलेश बोले "हम किसानों के बेटे हैं, किसानों के हक के लिए आखिरी वक्त तक लड़ेंगे।"
शुक्रवार को संयुक्त कांफ्रेंस में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने वादों को पेश करते हुए कहा कि वो कभी सीएम योगी आदित्यनाथ से बिजली के कारखानों के बारे में सवाल करते हैं तो उसका जवाब नहीं मिलता है। बीजेपी के पास उपलब्धि के नाम पर कुछ भी नहीं हैं। वो जनता को भरोसा दिलाना चाहते है कि मार्च के बाद यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद जिन योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है उन्हें दोबारा शुरू की जाएगी।
अखिलेश यादव- जयंत चौधरी के साझे वादे
300 यूनिट बिजली फ्री देंगे।
गन्ना का बकाया समय पर देंगे, 15 दिन में भुगतान करेंगे।
चुनाव से पहले लोग आते जाते रहते हैं।
पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करेंगे।
प्राइवेट और सरकारी विश्वविद्यालयों के निर्माण में सहयोग देंगे।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम करेंगे।
चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप
जयंत चौधरी ने कहा कि चुनाव आयोग विपक्षी दलों से भेदभाव कर रहा है। विपक्षी उम्मीदवारों को वीडियो वैन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों में सरकार के प्रति गहरी नाराजगी है। वो सरकारी कर्मचारियों से अपील करेंगे कि वो अपने पोस्टल बैलट पेपर का इस्तेमाल होशियारी से करें।
उधर, एक दिन पहले बीजेपी की दिल्ली में जाट नेताओं के साथ बैठक व चुनाव बाद गठबंधन के न्योते पर रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा था कि वो कोई चवन्नी नहीं हैं जो पलट जाएं। जयंत चौधरी ने अमित शाह के निमंत्रण को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि “कल (बुधवार) रात से खबर चलाई जा रही है कि बहुत बड़ी बैठक हुई दिल्ली में। ये लोग कहां गए थे जब लखीमपुर में किसानों को रौंदा गया, कुचला गया। ये लोग आपसे उम्मीद कर रहे हैं, मुझसे उम्मीद कर रहे हैं, मैं कोई चवन्नी हूं जो पलट जाऊंगा? आपके मान सम्मान की बात है। ये फैसले मैं अकेले नहीं लेता, बहुत सोच विचार करके ये फैसला लिया है।” यही नहीं, जयंत चौधरी ने इस पर ट्वीट भी किया था कि, “न्योता मुझे नहीं, उन 700 से ज्यादा किसान परिवारों को दो, जिनके घर आपने उजाड़ दिए!”
जयंत ने कहा था कि उत्तर प्रदेश की इतनी सारी समस्याएं हैं, मैं खुलकर कह रहा हूं कि हम लोग सत्ता में भी आ जाएंगे तो ईमानदारी से प्रयास करेंगे। इतना अहंकार मेरे दिल में नहीं है कि कह दूं सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। हमारी सरकार में अगर आप कोई मांग रखते हो, कोई आंदोलन करते हो, पुलिस वालों की हिम्मत नहीं होगी कि लाठी चल जाए।” आरएलडी अध्यक्ष ने कहा, “नौकरी नहीं दे सकते तो लाठी क्यों दे रहे हो। ये लाठी सिर्फ एक नौजवान पर नहीं पड़ रही, ये लाठी हमारे आने वाले कल पर पड़ रही है, ये देश के भविष्य पर पड़ रही है।”
जयंत चौधरी ने समर्थकों को आगाह करते हुए कहा था कि “आपको सतर्क रहना होगा, अब चंद दिन बाकी हैं। अगर खीर मीठी और अच्छी हो लेकिन उसमें थोड़ा सा भी विष गिर जाए तो वो खतरनाक हो जाती है। इतनी सी भी नफरत मत पालने देना आप किसी को। आजकल बहुत तेजी से अफवाह फैलाई जाती है।” उन्होंने आगे कहा, “एक दौर था जब लोग सोचते थे टेलीविजन में जो चल रहा है वो सत्य और सही है, लेकिन अब लोग जान गए हैं कि उसके पीछे कुछ न कुछ षड्यंत्र होता है।”
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