पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में रेनोवेशन (मरम्मत का काम) से गुजर रहे एक 100 साल पुराने हिंदू मंदिर पर हमला किया गया है. पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत के जरिए इसकी जानकारी मिली है. इससे पहले, खैबर पख्तूनख्वा के एक मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी.
पुलिस में दर्ज की गई शिकायत के मुताबिक, मंदिर पर हमले की ये घटना शहर के पुराना किला क्षेत्र में शनिवार शाम 7.30 बजे हुई. 10 से 15 की संख्या में लोगों की भीड़ ने मंदिर पर धावा बोल दिया. भीड़ ने मंदिर के मुख्य दरवाजे को क्षतिग्रस्त कर दिया. मंदिर की ऊपरी मंजिल के एक अन्य दरवाजे और सीढ़ियों को नुकसान पहुंचाया गया. डॉन अखबार के मुताबिक, ‘एवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ (ETPB) के सुरक्षा अधिकारी सैयद रजा अब्बास जैदी ने रावलपिंडी के बन्नी पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज करवाई.
FIR में कहा गया कि मंदिर में निर्माण और रेनोवेशन का काम पिछले एक महीने से चल रहा था. जैदी ने कहा कि मंदिर के सामने कुछ अतिक्रमण था, जिसे 24 मार्च को हटा दिया गया. हालांकि, रेनोवेशन की वजह से मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान शुरू नहीं किए गए थे और न ही कोई मूर्ति या कोई अन्य पूजा सामग्री थी. ETPB के सुरक्षा अधिकारी ने मंदिर को नुकसान पहुंचाने वाले और इसकी पवित्रता को खंडित करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
इससे पहले, अतिक्रमण माफिया ने लंबे समय से मंदिर के आसपास की जगह पर दुकानों को बनाकर कब्जा करना शुरू कर दिया था. हाल ही में जिला प्रशासन ने पुलिस की मदद से सभी अतिक्रमणों को हटाया था. मंदिर को अतिक्रमणों से मुक्त करने के बाद रेनोवेशन का काम शुरू किया गया था.
वहीं, मंदिर के प्रशासक ओम प्रकाश ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही रावलपिंडी पुलिस के जवान घटनास्थल पर पहुंचे और हालात को काबू में किया. प्रकाश ने कहा कि सुरक्षा के लिए उनके घर के साथ-साथ मंदिर में भी पुलिस तैनात की गई है.
पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. पिछले साल दिसंबर में, खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में एक हिंदू मंदिर पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था और इसे क्षतिग्रस्त कर दिया था.
पुलिस में दर्ज की गई शिकायत के मुताबिक, मंदिर पर हमले की ये घटना शहर के पुराना किला क्षेत्र में शनिवार शाम 7.30 बजे हुई. 10 से 15 की संख्या में लोगों की भीड़ ने मंदिर पर धावा बोल दिया. भीड़ ने मंदिर के मुख्य दरवाजे को क्षतिग्रस्त कर दिया. मंदिर की ऊपरी मंजिल के एक अन्य दरवाजे और सीढ़ियों को नुकसान पहुंचाया गया. डॉन अखबार के मुताबिक, ‘एवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ (ETPB) के सुरक्षा अधिकारी सैयद रजा अब्बास जैदी ने रावलपिंडी के बन्नी पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज करवाई.
FIR में कहा गया कि मंदिर में निर्माण और रेनोवेशन का काम पिछले एक महीने से चल रहा था. जैदी ने कहा कि मंदिर के सामने कुछ अतिक्रमण था, जिसे 24 मार्च को हटा दिया गया. हालांकि, रेनोवेशन की वजह से मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान शुरू नहीं किए गए थे और न ही कोई मूर्ति या कोई अन्य पूजा सामग्री थी. ETPB के सुरक्षा अधिकारी ने मंदिर को नुकसान पहुंचाने वाले और इसकी पवित्रता को खंडित करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
इससे पहले, अतिक्रमण माफिया ने लंबे समय से मंदिर के आसपास की जगह पर दुकानों को बनाकर कब्जा करना शुरू कर दिया था. हाल ही में जिला प्रशासन ने पुलिस की मदद से सभी अतिक्रमणों को हटाया था. मंदिर को अतिक्रमणों से मुक्त करने के बाद रेनोवेशन का काम शुरू किया गया था.
वहीं, मंदिर के प्रशासक ओम प्रकाश ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही रावलपिंडी पुलिस के जवान घटनास्थल पर पहुंचे और हालात को काबू में किया. प्रकाश ने कहा कि सुरक्षा के लिए उनके घर के साथ-साथ मंदिर में भी पुलिस तैनात की गई है.
पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. पिछले साल दिसंबर में, खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में एक हिंदू मंदिर पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था और इसे क्षतिग्रस्त कर दिया था.