मुंबई। पुणे में एक युवती की कथित तौर पर आत्महत्या और एक व्यक्ति के साथ उसके संदिग्ध अवैध संबंध पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि मीडिया इस संबंध में अनावश्यक प्रचार नहीं करे। शुक्रवार को जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई है। जस्टिस एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की खंडपीठ ने गुरवार को युवती के पिता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया।
Image courtesy: Amit Bandre / https://www.newindianexpress.com
महिला के पिता ने उनकी बेटी, उसकी मौत और उसके कथित संबंध को लेकर आ रही खबरों के खिलाफ यह याचिका दायर की थी। महिला के पिता के वकील शिरीष गुप्ते ने अदालत से कहा कि याचिकाकर्ता को पता चला था कि उसकी बेटी आठ फरवरी को पुणे में अपने फ्लैट की बालकनी से गिर गई थी और अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा कि घटना के तुरंत बाद 'प्रिंट और 'इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने कक्षा 10 की छात्रा के एक व्यक्ति के साथ अवैध संबंध होने की खबरें देना शुरू कर दिया गुप्ते ने इन खबरों को मानहानि करने वाली और अपमानजनक बताया। गुप्ते ने दलील दी कि राजनीतिक दलों और मीडिया ने याचिकाकर्ता की बेटी और एक अज्ञात व्यक्ति के बीच हुई कथित बातचीत की करीब 12 ऑडियो क्लिप सार्वजनिक कीं।
गुप्ते ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में 'मीडिया ट्रायल के खिलाफ दायर याचिका पर उच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि संवेदनशील मामलों पर खबरे देते समय मीडिया को तय दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। इसके बाद अदालत ने मीडिया को उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया। अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 31 मार्च की तारीख तय की है।
पूरा आदेश यहां पढ़ा जा सकता है-
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