अनुराग, तापसी के घर IT रेड पर SKM ने कहा- ये छापे सरकार की बौखलाहट को दर्शाते हैं

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 4, 2021
नई दिल्ली। फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप और अभिनेत्री तापसी पन्नू के घर पर आयकर विभाग की छापेमारी पर संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई पर संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार की निंदा की है। किसान संगठन की ओर से कहा गया है कि हम समझते हैं कि ये छापे किसानों का समर्थन करने पर सरकार की बौखलाहट को दर्शाते हैं।



इसके साथ ही सयुंक्त किसान मोर्चा ने उन सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय हस्तियों का धन्यवाद दिया है, जिन्होंने बिना डर के और खुले दिल से किसानों के आंदोलन का समर्थन दिया है। 

गौर हो कि अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू समेत कई लोगों के मुंबई और पुणे स्थित ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा टैक्स चोरी के केस में छापेमारी की जा रही है। आयकर विभाग की इस कार्रवाई को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि केन्द्र सरकार के अनेक षड्यत्रों के बावजूद देश के किसान दिल्ली की सीमा पर तीन कानूनों की वापसी की मांग को लेकर डटे है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, हालांकि सरकार का यह कर्तव्य है कि लोकतांत्रिक तरीके से वह किसानों की मांगे माने, लेकिन इसके उलट वह लगातार किसानों व उनके समर्थकों को परेशान करने में लगी हुई है। फिल्मकार अनुराग कश्यप और अभिनेत्री तापसी पन्नू जिन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन किया है के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे भी उन्हें परेशान करने की कोशिश का ही हिस्सा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वह सरकार के इन सभी प्रयासों की कड़ी निंदा व विरोध करता है।

बता दें कि पन्नू और कश्यप दोनों पहले केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बात कर चुके हैं। हाल ही में, पन्नू ने सोशल मीडिया पर "इंडिया अगेंस्ट प्रोपेगैंडा" हैशटैग को लेकर मशहूर हस्तियों की आलोचना की थी, जिन्होंने किसान आंदोलन के संबंध में पॉप स्टार रिहाना के ट्वीट को खारिज किया था।

उस समय तापसी ने ट्वीट में लिखा, ''अगर एक ट्वीट से आपकी एकता पर आंच आती है, एक मजाक आपके विश्वास को हिला देता है या एक शो आपकी धार्मिक भावना पर असर डालता है तो वो आप हैं जिसे अपने विश्वास के सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है, ना कि दूसरों के लिए प्रोपेगेंडा टीचर बनने की।''  इसी तरह, कश्यप ने 2019 में नागरिकता विरोधी संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में हिंसा की निंदा की थी।
 

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