नई दिल्ली। किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए सरकार और किसान नेताओं के बीच मंगलवार को विज्ञान भवन में बैठक की गई। सिर्फ 32 किसान प्रतिनिधियों को बुलाए जाने से नाराज किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने पहले कहा था कि सरकार सभी संगठनों के प्रतिनिधियों को न बुलाकर उनमें फूट डालना चाहती है, ऐसे में सरकार का बुलावा मंजूर नहीं लेकिन इसके बावजूद मीटिंग हुई।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने किसानों को आश्वासन देने की कोशिश की। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की। कृषि मंत्री ने कहा कि कि हम 3 दिसंबर को दोपहर 12 बजे फिर बातचीत करेंगे। सरकार किसानों से आंदोलन खत्म करने की मांग करती है। वहीं, किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।
किसान संगठन के प्रतिनिधि ने कहा कि आप लोग ऐसा कानून लाए हैं जिससे हमारी जमीने बड़े कॉरपोरेट ले लेंगे, आप कॉरपोरेट को इसमें मत लीजिए। अब समिति बनाने का समय नहीं है। आप कहते हैं कि आप किसानों का भला करना चाहते हैं, हम कह रहे हैं कि आप हमारा भला मत कीजिए।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में एक किसान संगठन के प्रतिनिधि ने कहा कि किसान कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर हैं। और उन्होंने मांग किया कि सरकार को इसे वापस लेने पर विचार करना चाहिए। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों से बैठक में कहा कि 4 से 5 नाम अपने संगठन से दीजिए, एक समिति बना देते हैं जिसमे सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे, नए कृषि कानून पर चर्चा करेंगे। लेकिन किसान संगठनों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
किसानों ने ठुकराई सरकारी चाय
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर प्रजेंटेशन के बाद मंत्रियों ने बैठक में टी ब्रेक लिया। मंत्रियों ने किसानों से भी चाय के लिए पूछा। तभी एक किसान ने खड़े होकर कहा कि वे (मंत्री) उनके साथ सिंघु बॉर्डर पर जलेबियां और लंगर चखें। यही नहीं, किसानों ने मंत्रियों की ओर से दिए गए चाय के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इस बैठक के बाद किसान नेता बाहर निकल आए।
सरकार ने किसान नेताओं को कमिटी बनाने का प्रस्ताव दिया है, जो मौजूदा कानून की समीक्षा करेगी। अब किसान नेताओं को इस पर फैसला करना है। नए कृषि कानून पर चर्चा के लिए सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि किसान नेता अपने-अपने संगठनों से 4-5 लोगों के नाम दें और एक समिति बनाएं जिसमें सरकार के प्रतिनिधि और कृषि विशेषज्ञ शामिल होंगे और वे मिलकर मंथन करेंगे।
इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने भी हिस्सा लिया। किसानों के करीब 35 प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होने के लिए विज्ञान भवन पहुंचे।
शाहीन बाग वाली बिलकिस दादी को सिंघु बॉर्डर से पहले ही रोका
शाहीन बाग से सुर्खियों में आईं बिलकिस बानो दादी को भी प्रदर्शन में शामिल होना था लेकिन दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन स्थल सिंघु बॉर्डर पर जाने से दादी को रोक दिया। किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा सीमा) पहुंचीं बिलकिस दादी को पुलिस ने हिरासत में लिया। इससे पहले खबर आई थी कि उन्हें एमसीडी टोल प्लाजा पर पुलिस ने रोका और एक कार से वापस भेज दिया।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने किसानों को आश्वासन देने की कोशिश की। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की। कृषि मंत्री ने कहा कि कि हम 3 दिसंबर को दोपहर 12 बजे फिर बातचीत करेंगे। सरकार किसानों से आंदोलन खत्म करने की मांग करती है। वहीं, किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।
किसान संगठन के प्रतिनिधि ने कहा कि आप लोग ऐसा कानून लाए हैं जिससे हमारी जमीने बड़े कॉरपोरेट ले लेंगे, आप कॉरपोरेट को इसमें मत लीजिए। अब समिति बनाने का समय नहीं है। आप कहते हैं कि आप किसानों का भला करना चाहते हैं, हम कह रहे हैं कि आप हमारा भला मत कीजिए।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में एक किसान संगठन के प्रतिनिधि ने कहा कि किसान कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर हैं। और उन्होंने मांग किया कि सरकार को इसे वापस लेने पर विचार करना चाहिए। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों से बैठक में कहा कि 4 से 5 नाम अपने संगठन से दीजिए, एक समिति बना देते हैं जिसमे सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे, नए कृषि कानून पर चर्चा करेंगे। लेकिन किसान संगठनों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
किसानों ने ठुकराई सरकारी चाय
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर प्रजेंटेशन के बाद मंत्रियों ने बैठक में टी ब्रेक लिया। मंत्रियों ने किसानों से भी चाय के लिए पूछा। तभी एक किसान ने खड़े होकर कहा कि वे (मंत्री) उनके साथ सिंघु बॉर्डर पर जलेबियां और लंगर चखें। यही नहीं, किसानों ने मंत्रियों की ओर से दिए गए चाय के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इस बैठक के बाद किसान नेता बाहर निकल आए।
सरकार ने किसान नेताओं को कमिटी बनाने का प्रस्ताव दिया है, जो मौजूदा कानून की समीक्षा करेगी। अब किसान नेताओं को इस पर फैसला करना है। नए कृषि कानून पर चर्चा के लिए सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि किसान नेता अपने-अपने संगठनों से 4-5 लोगों के नाम दें और एक समिति बनाएं जिसमें सरकार के प्रतिनिधि और कृषि विशेषज्ञ शामिल होंगे और वे मिलकर मंथन करेंगे।
इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने भी हिस्सा लिया। किसानों के करीब 35 प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होने के लिए विज्ञान भवन पहुंचे।
शाहीन बाग वाली बिलकिस दादी को सिंघु बॉर्डर से पहले ही रोका
शाहीन बाग से सुर्खियों में आईं बिलकिस बानो दादी को भी प्रदर्शन में शामिल होना था लेकिन दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन स्थल सिंघु बॉर्डर पर जाने से दादी को रोक दिया। किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा सीमा) पहुंचीं बिलकिस दादी को पुलिस ने हिरासत में लिया। इससे पहले खबर आई थी कि उन्हें एमसीडी टोल प्लाजा पर पुलिस ने रोका और एक कार से वापस भेज दिया।