बिजली के फ्लैट रेट को लेकर बुनकरों की हड़ताल जारी है। रविवार को भी बुनकरों की हड़ताल रही जिसका असर बाजार पर दिखने लगा है। हालात ये हैं कि पॉवरलूम और हथकरघा हड़ताल का ताला लगने के बाद बनारसी साड़ियों के ऑर्डर कैंसिल होने शुरू हो गए हैं।

आंकड़ों के मुताबिक 3 दिनों में करीब 300 करोड़ रुपये का झटका बनारसी साड़ी उद्योग को लगा है। फ्लैट रेट पर बिजली की मांग को लेकर बनारस के बुनकर 15 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लैट रेट पर बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर बुनकरों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी है। तमाम बुनकर बस्तियों में बुनकरों सड़क पर प्रदर्शन के साथ ही आगे की रणनीति पर बैठक कर चर्चा की। बुनकरों की मांग है जब तक सरकार उन्हें पुरानी व्यवस्था के तहत सस्ते दर पर बिजली नही देगी तब तक उनका हड़ताल जारी रहेगा।
बनारस की पहचान बनारसी साड़ी यों तो दुनियाभर में मशहूर है लेकिन इसके सबसे ज्यादा कद्रदान साउथ इंडिया और वेस्ट बंगाल में हैं। इसके अलावा पड़ोसी देशों में भी इसे पसंद किया जाता है। हड़ताल के कारण साउथ इंडिया और वेस्ट बंगाल के सबसे ज्यादा आर्डर व्यपारियों ने कैंसिल किए जा रहे हैं।
बुनकरों की बदहाली दूर करने के लिए वर्ष 2006 में सस्ते दाम पर बिजली देने के लिए फ्लैट रेट योजना की शुरूआत की गई था। विभाग ने जनवरी 2020 से मीटर रीडिंग आधारित बिल वसूलने का आदेश जारी किया तो बुनकरों में उबाल आ गया। सरकार ने तीन सितंबर को बुनकर संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। बैठक के दौरान सूबे के अपर मुख्य सचिव हथकरघा नवनीत सहगल ने फ्लैट रेट योजना को 31 जुलाई तक बढ़ाने और आगे की नीति बुनकरों से सामंजस्य बना कर अगले एक पखवाड़े में घोषित करने को कहा था।
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बुनकरों के आंदोलनों के आगे झुकने को मजबूर हुई योगी सरकार, पुरानी दरों पर बिजली की मांग को स्वीकारा

आंकड़ों के मुताबिक 3 दिनों में करीब 300 करोड़ रुपये का झटका बनारसी साड़ी उद्योग को लगा है। फ्लैट रेट पर बिजली की मांग को लेकर बनारस के बुनकर 15 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लैट रेट पर बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर बुनकरों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी है। तमाम बुनकर बस्तियों में बुनकरों सड़क पर प्रदर्शन के साथ ही आगे की रणनीति पर बैठक कर चर्चा की। बुनकरों की मांग है जब तक सरकार उन्हें पुरानी व्यवस्था के तहत सस्ते दर पर बिजली नही देगी तब तक उनका हड़ताल जारी रहेगा।
बनारस की पहचान बनारसी साड़ी यों तो दुनियाभर में मशहूर है लेकिन इसके सबसे ज्यादा कद्रदान साउथ इंडिया और वेस्ट बंगाल में हैं। इसके अलावा पड़ोसी देशों में भी इसे पसंद किया जाता है। हड़ताल के कारण साउथ इंडिया और वेस्ट बंगाल के सबसे ज्यादा आर्डर व्यपारियों ने कैंसिल किए जा रहे हैं।
बुनकरों की बदहाली दूर करने के लिए वर्ष 2006 में सस्ते दाम पर बिजली देने के लिए फ्लैट रेट योजना की शुरूआत की गई था। विभाग ने जनवरी 2020 से मीटर रीडिंग आधारित बिल वसूलने का आदेश जारी किया तो बुनकरों में उबाल आ गया। सरकार ने तीन सितंबर को बुनकर संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। बैठक के दौरान सूबे के अपर मुख्य सचिव हथकरघा नवनीत सहगल ने फ्लैट रेट योजना को 31 जुलाई तक बढ़ाने और आगे की नीति बुनकरों से सामंजस्य बना कर अगले एक पखवाड़े में घोषित करने को कहा था।
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