बुनकरों के आंदोलनों के आगे झुकने को मजबूर हुई योगी सरकार, पुरानी दरों पर बिजली की मांग को स्वीकारा

Written by sabrang india | Published on: September 4, 2020
वाराणसी। बीते कुछ महीने से लगातार बढ़ी बिजली की दरों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बुनकरों की मांग के आगे आखिरकार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार झुक गयी है। उनकी मांगों पर शासन ने सहमति जताई है। बुनकरों को अब पुरानी दरों पर ही बिजली मिलेगी। इसके लिए काशी के बुनकरों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है। 



बुनकरों का कहना है कि मुख्यमंत्री आपका बहुत-बहुत शुक्रिया जो आपने गरीब बुनकरों की पुकार सुन ली हैं। तीन दिनों से चली आ रही बुनकरों की हड़ताल अब समाप्त हो जाएगी। बुनकर बिरादराना तंजीम पांचों केसरदार मुर्तजा ने अब बुनकरों से काम पर लौटने की अपील की है।

उन्होंने कहा है कि बड़ी खुशी से इतेला दी जाती है कि सरकार ने बुनकरों की मांग को मान लिया है। इसलिए तंजीम मुर्री बंद का फैसला वापस लेती है। सभी से आग्रह है कि वह शुक्रवार से अपना कारोबार चालू करें। 

सरदार बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के  हाजी अबुल कलाम ने कहा कि  मुख्यमंत्री के शुक्रगुजार हैं हड़ताल समाप्त हुई। सरकार ने बुनकरों की मांगे मान ली हैं। अब जुलाई तक पुरानी व्यवस्था से बिल लिया जाएगा। इसके बाद नया शासनादेश जारी होगा। इसके  लिए हम लोग मुख्यमंत्री के शुक्रगुजार है। उनको धन्यवाद है कि उन्होंने गरीब बुनकरों की पुकार सुनी। 

वहीं दूसरी ओर अधिवक्ता सभा के महानगर अध्यक्ष जमाल अहमद के आवास पर हुई बैठक के दौरान दिलशाद अहमद ने पुरानी दरों पर बिजली दिए जाने की मांग को सपा के संघर्षों की जीत बताया है। सपा केप्रदेश अध्यक्ष नरेश उतम पटेल ने सभी को बधाई दी। मिथिलेश साहनी और सफीकुज्जमा अंसीन ने कहा कि सपा हमेशा बुनकर भाइयों केसाथ खड़ी है। 

लखनऊ के खादी भवन में 4.30 घंटे चली बैठक में बुनकरों से वार्ता के लिए माननीय मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव श्री नवनीत सहगल ( वरिष्ठ आईएएस अधिकारी) को नियुक्त किया था। बैठक में सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, हथकरघा मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के बड़े अधिकारी मौजूद थे।

बुनकरों ने वार्ता के लिए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक धवन, मेरठ के समाजवादी पार्टी के विधायक  रफीक अंसारी, टांडा के बुनकर नेता हाजी इफ्तेखार अंसारी, मऊ के पूर्व चेयरमैन श्री अरशद जमाल इत्यादि को अधिकृत किया था।

घंटों चली इस बैठक में कई चक्र की वार्ता हुई, कई बार वार्ता टूटी, कई बार आपस में भी कुछ मुद्दों पर विवाद गुआ। बुनकर विधुत विभाग के अधिकारियों के मनमाने आचरण से बहुत नाराज़ थे और सभी ने जमकर भड़ास निकाली। मनमाने ठंग से बुनकरों के बिल का लोड बढ़ाए जाने से भी बुनकर नाराज़ थे। लाइन लॉस का बोझ भी बुनकरों की बिल में जोड़कर सरकार से को गलत तरीके से पैसा वसूल किया जा रहा था उसपर भी विस्तार से अवगत कराया गया। हर बार विवाद को धवन और रफीक अंसारी  ने संभाला और वार्ता के क्रम को बनाए रखने में समझदारी दिखाई।

अधिकारियों से समन्वय बन जाने के बाद प्रस्ताव लेकर सहगल साहब माननीय मुख्यमंत्री  के पास गए। वहां से मुख्यमंत्री की संस्तुति के बाद भी एक विवाद रह गया। बुनकर प्रतिनिधियों की मांग थी के जबतक कोई नया प्रस्ताव सबकी सहमति से नहीं बन जाए तब तक 2006 वाली फ्लैट रेट की व्यवस्था लागू रखी जाएं। 

अंत में सहगल साहब ने फिर मुख्यमंत्री से फोन पर बात करके उनको जूलाई 2020 तक पुरानी व्यवस्था के अनुसार पासबुक पर बकाया जमा करने के लिए राज़ी कर लिया। इस ख़बर के मिलते ही बुनकर खुशी से उछल पड़े और मुख्यमंत्री ज़िंदाबाद का नारा लगाने लगे। 

जो बाते इस बैठक में तय हुई है वो निमनवत है। इन बिंदुओं पर सहमति के बाद बुनकरों ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी।

1. जूलाई 2020 तक सभी बुनकरों का बकाया 2006 की फ्लैट रेट वाली गाइड लाइन के अनुसार पासबुक पर जमा कराया जाएगा।

2. जिन बुनकरों ने किसी कारण वश पासबुक की धनराशि नहीं जमा कराई है, उनका पूरा बकाया भी पुरानी ब्यवस्था के अनुसार ही जमा कराया जाएगा।

3. जिन बुनकरों ने दिसम्बर 2020 तक पासबुक पर पूरा पैसा जमा किया है या नहीं किया फिर भी उनको बकाए का मेसेज विभाग द्वारा भेजा जा रहा है वो सभी बकाया बुनकरों के खाते से पासबुक पर पैसा जमा होने के बाद समाप्त कर दिया जाएगा। 

4. जिन बुनकरों की बकाए की वजह से आरसी कटी गई है उसको वापस लिया जाएगा या जिनके कनेक्शन काटे गए है तो वो जोड़ दिए जाएंगे।

5. जबतक नई बयवस्था लागू नहीं होती तब तक बुनकरों को किसी भी प्रकार से विधुत विभाग द्वारा परेशान नहीं किया जाएगा।

6. नई व्यवस्था लागू करने के नियम बनाने से पहले सरकार बुनकर प्रतिनिधियों से वार्तालाप करेगी।

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