बनारस: बिजली के फ्लैट रेट की मांग को लेकर बुनकरों की फिर हड़ताल शुरू, करोड़ों के ऑर्डर फंसे

Written by Sabrangindia Staff | Published on: October 16, 2020
बनारस के बुनकरों ने दो महीने में दूसरी बार हड़ताल कर दी है। इस हड़ताल से बनारसी साड़ी उद्योग को भारी झटका लगा है। करोड़ों के आर्डर फंस गए हैं। बुनकर यह हड़ताल बिजली बिल की पुरानी व्यवस्था बहाल करने यानी फ्लैट रेट पर बिजली की मांग को लेकर कर रहे हैं जो गुरुवार से शुरू हुई है।



हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, बुनकरों की इस हड़ताल से विश्व प्रसिद्ध बनारसी साड़ी कारोबार पर संकट मंडराने लगा है। कोरोना के कारण लंबे समय तक कारोबार ठप रहने के बाद पिछले कुछ हफ्तों में व्यापार ने रफ्तार पकड़ी थी। दुर्गापूजा और लगन के आर्डर भी मिलने शुरू हो गए थे। लेकिन हड़ताल से 100 करोड़ से ज्यादा के ऑर्डर पर ब्रेक लग गया है। 

हर साल सितंबर-अक्तूबर से साड़ी का पीक सीजन शुरू होता है। इस साल लॉकडाउन के बाद एक महीने के दौरान हालात में कुछ सुधार हो रहा था। पश्चिम बंगाल, दिल्ली, दक्षिण भारत के राज्यों से ऑर्डर मिले थे। हर साल नवरात्र, दिवाली व लगन से पहले साड़ी कारोबारियों को अच्छे ऑर्डर मिलते हैं। दिसंबर में लगन तक 500 से 700 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। पिछले दिनों जब साड़ी कारोबार शुरू हुआ तो बुनकरों और कारोबारियों के यहां पहले से पड़े स्टॉक की बिक्री हुई। इसके बाद कई राज्यों में स्थिति सुधरने के बाद ऑर्डर भी मिलने शुरू हो गये थे। 

इस समय बुनकरों के हैंडलूम व पावरलूम के ऑर्डर पड़े हुए हैं। कहीं जरी का काम बाकी है तो कहीं साड़ी की रंगाई और फिनिशिंग बाकी है। दुर्गा पूजा शुरू होने में चंद दिन रह गये हैं। ऑर्डर फंसने के कारण साड़ी करोबारी खासे परेशान हैं। बुनकरों के यहां बड़ी मात्रा में स्टॉक पड़ा है। 

रसूलपुरा निवासी बुनकर अजीम बाबू, शाहिद ने बताया कि हैंडलूम की कुछ साड़ी के ऑर्डर मिले थे जिसको अगले सप्ताह तक भेजना था। इस समय बुनकरों के पास लगन के लिए साड़ी और ड्रेस मैटेरियल का भी ऑर्डर मिला था। लेकिन अब काम बंद होने से बाद में ही ऑर्डर पूरा होगा। 

बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन के महामंत्री राजन बहल ने बताया कि सितंबर में ही हड़ताल हुई थी। आठ माह के दौरान तीसरी बार कारोबार में समस्या आ रही है। 15 से 20 फीसदी काम शुरू हो गया था। यदि ये हड़ताल लंबी चली तो 100 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। 

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