कानपुर के शेल्टर होम में कई बच्चियों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद इस मसले पर राजनीति बढ़ती जा रही है। इस मसले पर बीते दिन उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को नोटिस भेजा था। अब शुक्रवार सुबह प्रियंका गांधी ने इसपर जवाब दिया है। प्रियंका ने कहा कि वह इंदिरा गांधी की पोती हैं, कोई अघोषित बीजेपी प्रवक्ता नहीं हैं।
प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर पर लिखा, 'जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रॉपेगेंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिजूल की धमकियां देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है' प्रियंका गांधी ने आगे लिखा कि जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें। मैं सच्चाई सामने रखती रहूंगी। मैं इंदिरा गांधी की पोती हूं, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।
दरअसल, हाल ही में प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार पर कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर हमला किया था। उन्होंने रविवार को ट्वीट में यूपी के कानपुर में शेल्टर होम में कोरोना पॉजिटिव मिली लड़कियों के प्रेग्नेंट और एचआईवी पॉजिटिव मिलने के मामले को जोर-शोर से उठाया था। साथ ही इसकी तुलना उन्होंने बिहार के मुज्जरफरपुर शेल्टर होम केस से कर दी थी, जहां बड़ी संख्या में लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। इस पर गुरुवार को राज्य के बाल अधिकार पैनल ने प्रियंका गांधी को नोटिस जारी किया। प्रियंका को इस मामले में गलत तुलना के लिए तीन दिन में जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा प्रियंका ने 22 जून को ट्वीट किया था कि आगरा के एक अस्पताल में पिछले 48 घंटों में 28 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। उन्होंने यह भी कहा था कि यूपी सरकार का आगरा मॉडल अब एक्सपोज हो गया है। उन्होंने ट्वीट के साथ एक न्यूज रिपोर्ट टैग की थी। इस पर आगरा के डीएम प्रभु नारायण सिंह ने मंगलवार को बयान जारी करते हुए प्रियंका के दावे को गलत बताया और उन्हें ट्वीट डिलीट करने के लिए कहा। हालांकि, प्रियंका यहीं नहीं रुकीं और उन्होंने आगरा में उच्च मृत्यु दर पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से 48 घंटे में जवाब देने की मांग रख दी।
प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर पर लिखा, 'जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रॉपेगेंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिजूल की धमकियां देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है' प्रियंका गांधी ने आगे लिखा कि जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें। मैं सच्चाई सामने रखती रहूंगी। मैं इंदिरा गांधी की पोती हूं, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।
दरअसल, हाल ही में प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार पर कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर हमला किया था। उन्होंने रविवार को ट्वीट में यूपी के कानपुर में शेल्टर होम में कोरोना पॉजिटिव मिली लड़कियों के प्रेग्नेंट और एचआईवी पॉजिटिव मिलने के मामले को जोर-शोर से उठाया था। साथ ही इसकी तुलना उन्होंने बिहार के मुज्जरफरपुर शेल्टर होम केस से कर दी थी, जहां बड़ी संख्या में लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। इस पर गुरुवार को राज्य के बाल अधिकार पैनल ने प्रियंका गांधी को नोटिस जारी किया। प्रियंका को इस मामले में गलत तुलना के लिए तीन दिन में जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा प्रियंका ने 22 जून को ट्वीट किया था कि आगरा के एक अस्पताल में पिछले 48 घंटों में 28 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। उन्होंने यह भी कहा था कि यूपी सरकार का आगरा मॉडल अब एक्सपोज हो गया है। उन्होंने ट्वीट के साथ एक न्यूज रिपोर्ट टैग की थी। इस पर आगरा के डीएम प्रभु नारायण सिंह ने मंगलवार को बयान जारी करते हुए प्रियंका के दावे को गलत बताया और उन्हें ट्वीट डिलीट करने के लिए कहा। हालांकि, प्रियंका यहीं नहीं रुकीं और उन्होंने आगरा में उच्च मृत्यु दर पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से 48 घंटे में जवाब देने की मांग रख दी।