गंगा की अविरलता के लिए मातृसदन अध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती का आमरण अनशन

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 13, 2020
हरिद्वार। मातृसदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने गंगा रक्षा को लेकर होली के दिन से तप (अनशन) शुरू कर दिया है। बुधवार को भी उनका तप जारी रही। इधर, मातृसदन के ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद ने फिलहाल अपना अनशन तोड़ दिया। शिवानंद ने डीजी (लॉ एंड आर्डर) अशोक कुमार पर मातृसदन के साथ हो रहे षड़यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया है।  



जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में अनशन कर रहे स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि ब्रह्मलीन पूर्व प्रोफेसर ज्ञान स्वरूप सानंद के गंगा रक्षा संकल्प को पूरा कराने के लिए उन्होंने तपस्या शुरू की है। वह एक दिन में बिना नींबू, नमक और शहद वाला केवल पांच गिलास पानी लेंगे। धीरे-धीरे इस पानी की मात्रा को भी कम करके चम्मच में कर देंगे। अंत में जल भी त्याग करके वह अपनी आत्मा को परम तत्व में विलीन कर पूर्व प्रोफेसर ज्ञान स्वरूप सानंद, ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद और ब्रह्मचारिणी पद्मवती के संकल्प को बल देने का प्रयास करेंगे। 

उन्होंने बताया कि मंगलवार को आश्रम पहुंचे संत गोपालदास ने जानकारी दी कि डीजी (लॉ एंड आर्डर) अशोक कुमार ने उन्हें मातृसदन के खिलाफ सरकारी गवाह बनने लिए मजबूर करने का प्रयास किया था। ऐसा न करने पर उनका 151 में चालान कर दिया गया। कहा कि, वह जल्द ही इसको लेकर राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजेंगे। 

इधर, ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद ने दिल्ली एम्स से लौटकर मातृसदन आश्रम में 40वें दिन अपना अनशन समाप्त कर विराम दे दिया। उन्होंने 20 दिन से जल त्याग रखा था। शिवानंद ने बताया कि साध्वी पद्मावती का अनशन दिल्ली एम्स में भी 88वें दिन जारी रहा। 

 

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