दिल्ली हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची भीम आर्मी, कपिल मिश्रा को ठहराया कसूरवार

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 25, 2020
नई दिल्ली। दिल्ली में 23 फरवरी की शाम को भड़की हिंसा में एफआईआर दर्ज करने को लेकर लगाई गई याचिका के बीच भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की तरफ से मंगलवार को नया आवेदन दिया गया है। कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई को तैयार है।



उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर में नागरिकता कानून पर हुई भारी हिंसा के चलते एक दिल्ली पुलिस कांस्टेबल समेत सात लोगों की मौत हो गई है। चंद्रशेखर आजाद ने अपनी याचिका में दंगा भड़काने और इसकी योजना बनाने के लिए बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को कसूरवार ठहराया है।

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद, पूर्व सीआईसी वजाहत हबीबुल्लाह और शाहीन बाग निवासी बहादुर अब्बास नकवी द्वारा दायर याचिका का उल्लेख वकील महमूद प्राचा द्वारा मंगलवार को जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ के सामने किया गया। 
वकील अमित साहनी द्वारा दायर लंबित रिट याचिका में ही इस आवेदन को दाखिल किसी गया है जिसमें शाहीन बाग के विरोध के कारण सड़क नाकेबंदी खोलने की मांग की गई है। 

आवेदकों के अनुसार, कल जो हिंसा भड़की, वह भाजपा नेता कपिल मिश्रा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों का नतीजा थी। आरोप है कि यूपी के आसपास के गांवों से असामाजिक तत्व बसों और ट्रकों में दिल्ली में घुस गए हैं और दिल्ली के निवासियों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर हमला कर रहे हैं। यह आरोप लगाया गया है कि पुलिस हमले में घायल हुए लोगों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों पर कार्रवाई करने में विफल रही।

आजाद ने शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही सभी महिलाओं के लिए भी सुरक्षा की मांग की है। शाहीन बाग में पिछले करीब 80 दिनों से प्रदर्शन लगातार जारी है।

बता दें कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा एक वीडियो में यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं- “हम ट्रंप (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप) के यहां रहने तक इंतजार करेंगे। अगर रास्ता साफ नहीं किया जाता है तो फिर आम आपकी (पुलिस) भी नहीं सुनेंगे। हम आपसे (पुलिस) यह अपील करते हैं कि ट्रंप के जाने तक जाफराबाद और चांदबाग को खाली करा दें। अगर नहीं तो हमें गलियों में उतरना पड़ेगा।”

सोमवार की हिंसा के बाद मिश्रा ने शांति की अपील की। उन्होंने कहा- “मैं सभी लोगों से यह अपील करता हूं कि वे हिंसा रोक दें क्योंकि इससे समाधान नहीं होगा। मैं सभी से शांति की अपील करता हूं, उन लोगों से भी जो सीएए का समर्थन कर रहे हैं और जो सीएए का विरोध कर रहे हैं। दिल्ली का भाईचारा बना रहना चाहिए।”

 

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