नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) में मुस्लिमों के साथ साफतौर पर पक्षपात किए जाने व एनआरसी के संभावित सरकारी प्रयासों के विरोध में देशभर में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार की भेदभावपूर्ण नीयत पर सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि हर धर्म के लोग सवाल उठा रहे हैं। लेकिन हिंदुवादी संगठनों को सरकार से असहमति जताने वाले देशद्रोही नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में हिंदू महासभा ने सरकार से अपील की है कि सीएए का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों को गोली मार दी जाए। साथ ही महासभा ने यह भी कहा कि राजद्रोह के लिए नसीरुद्दीन शाह और काफील खान जैसे लोगों को फांसी पर लटका दिया जाए।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू महासभा ने कहा कि नसीरुद्दीन शाह आतंकवादियों से प्रभावित हैं। हिंदू महासभा के प्रवक्ता अशोक पांडेय ने ये बातें कही है।
हिंदू महसभा शुरू से ही सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध करने वालों के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाए हुए है। हिंदू महासभा ने सरकार से यह भी मांग की थी कि सीएए का विरोध करने वालों को पुलिस गोली मार दे ताकि इनलोगों (सीएए विरोधियों) की सुरक्षा और इनके प्रदर्शन स्थल की सुरक्षा पर टैक्सपेयर्स का पैसा न खर्च हो।
सीएए और एनआरसी को लेकर देश में कहीं विरोध-प्रदर्शन हो रहा है तो कहीं इसके समर्थन में रैलियां निकाली जा रही है। दिल्ली के शाहीनबाग, लखनऊ के घंटाघर, पटना के सब्जीबाग, मुंबई में मुंबई बाग जैसी जगहों पर लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए। वहीं हिंदूवादी संगठनों ने इसके समर्थन में रैलियां निकाली है।
पिछले महीने हिंदू महासभा के प्रमुख चक्रपाणी ने कहा था, “अंग्रेजों के अविभाजित भारत से चले जाने के बाद पाकिस्तान ने एक इस्लामिक राष्ट्र बनना चुना लेकिन भारत के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना। इस वजह से सीएए आवश्यक हो गया। अगर धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र नहीं बनने की जगह हिंदू राष्ट्र चुना होता तो आज सीएए की जरूरत नहीं होती।”
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू महासभा ने कहा कि नसीरुद्दीन शाह आतंकवादियों से प्रभावित हैं। हिंदू महासभा के प्रवक्ता अशोक पांडेय ने ये बातें कही है।
हिंदू महसभा शुरू से ही सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध करने वालों के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाए हुए है। हिंदू महासभा ने सरकार से यह भी मांग की थी कि सीएए का विरोध करने वालों को पुलिस गोली मार दे ताकि इनलोगों (सीएए विरोधियों) की सुरक्षा और इनके प्रदर्शन स्थल की सुरक्षा पर टैक्सपेयर्स का पैसा न खर्च हो।
सीएए और एनआरसी को लेकर देश में कहीं विरोध-प्रदर्शन हो रहा है तो कहीं इसके समर्थन में रैलियां निकाली जा रही है। दिल्ली के शाहीनबाग, लखनऊ के घंटाघर, पटना के सब्जीबाग, मुंबई में मुंबई बाग जैसी जगहों पर लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए। वहीं हिंदूवादी संगठनों ने इसके समर्थन में रैलियां निकाली है।
पिछले महीने हिंदू महासभा के प्रमुख चक्रपाणी ने कहा था, “अंग्रेजों के अविभाजित भारत से चले जाने के बाद पाकिस्तान ने एक इस्लामिक राष्ट्र बनना चुना लेकिन भारत के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना। इस वजह से सीएए आवश्यक हो गया। अगर धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र नहीं बनने की जगह हिंदू राष्ट्र चुना होता तो आज सीएए की जरूरत नहीं होती।”