चेन्नईः तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के पास विल्लुपुरम में एक पेट्रोल पंप पर काम करने वाले दलित युवक की उस समय पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जब वह सड़क किनारे शौच करने जा रहा था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना बुधवार की है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें युवक को प्रताड़ित करती भीड़ देखी जा सकती है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को सात लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि वे इस घटना में अन्य लोगों की भागीदारी की जांच कर रहे हैं।
मामले की जांच कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ‘जिस गांव में आर शक्तिवेल (24) पर हमला हुआ, वहां वनियार्स का वर्चस्व है, जो उत्तरी तमिलनाडु का एक शक्तिशाली ओबीसी समुदाय हैं जो दलितों के साथ दुश्मनी के लिए जाना जाता है। वहीं, शक्तिवेल अनुसूचित आदि द्रविड़ समुदाय से हैं।’ पीड़ित शक्तिवेल की बड़ी बहन आर थिवन्नी ने बताया कि शक्तिवेल पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि वह दलित था।
थिवन्नी ने कहा, ‘मंगलवार रात को वह पेट्रोल पंप पर नाइट ड्यूटी कर रहा था और बुधवार सुबह घर पहुंचा। इसके बाद उसके पास उसके एक सहकर्मी का फोन आया, जिसने उसे कुछ आधिकारिक वेरिफिकेशन के लिए अपना आधार कार्ड और फोटो लाने को कहा। वह बुधवार दोपहर लगभग 1।30 बजे घर से यह कहकर निकला कि उसकी मोटरसाइकिल में थोड़ा ही पेट्रोल है।’
थिवन्नी ने कहा कि उसने (शक्तिवेल) ने कहा कि वह कुछ किलोमीटर को बाइक को धकेलते हुए ले जाएगा और उसने अपने एक दोस्त से बोतल में पेट्रोल लाने को कहा है। उसने उसे फोन कर दिया है लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद ही उसके पेट में दर्द होने लगाय। इसके बाद वह शौच के लिए सड़क किनारे बैठ गया।
थिवन्नी ने कहा, ‘कुछ देर बाद मुझे उसके फोन से एक कॉल आया। मैंने पूछा कि क्या वह ऑफिस पहुंच गया है लेकिन वहां से फोन पर कोई और शख्स था, जिसने कहा कि उन्होंने शक्तिवेल को पकड़कर बांध लिया है और अब वह उनकी हिरासत में है। उन्होंने मुझे बुथूर हिल्स आने को कहा। यह साफ था कि कुछ गड़बड़ थी।’
थिवन्नी ने कहा, ‘मैं अपने एक रिश्तेदार के स्कूटर से अपने छह महीने के बच्चे के साथ बुथूर हिल्स पहुंची। जब हम वहां पहुंचे तो शक्तिवेल खून से लथपथ था, उसके मुंह और नाक से खून बह रहा था और लगभग 15 से 20 लोग उसे घेरे हुए थे। मुझे देखते ही वे लोग उसे और पीटने लगे। मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की औऱ मदद की गुहार लगाई लेकिन उन्होंने मुझे लात मारी, जिससे मेरा बच्चा जमीन पर गिर गया। शक्तिवेल बेमुश्किल ही बोल पा रहा था लेकिन उसने मुझे बच्चे के साथ लौट जाने का इशारा किया।’
यह प्रताड़ना शुरू होने के लगभग दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शक्तिवेल और थिवन्नी को घर जाने को कहा। थिवन्नी और उनके गांव से बुथूर हिल्स पहुंचे कुछ लोगों ने किसी तरह शक्तिवेल को बाइक पर बैठाया।
थिवन्नी ने कहा, ‘हमने सोचा कि हम पहले घर जाएंगे, वहां से कुछ पैसे लेकर उसे अस्पताल ले जाएंगे लेकिन जब हम घर पहुंचे, मैंने बाइक से उतरने की कोशिश की। इस बीच शक्तिवेल बाइक से जमीन पर गिर गया। वह बेहोश था लेकिन हमें नहीं पता था कि वह मर चुका था। डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी।’
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे लिंचिंग के वीडियो के आधार पर पुलिस ने शक्तिवेल की हत्या के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें तीन महिलाएं और चार पुरूष हैं। शक्तिवेल पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह एक महिला को कथित तौर पर अपना यौनांग दिखा रहा था।
इस मामले में कई ग्रामीणों से पूछताछ करने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़ित ने चुस्त जींस पहनी हुई थी और उसने शौच करने से पहले जींस निकाल दी थी। वहां पर पास में ही काम कर रही एक महिला ने उसे देखा और सोचा कि वह अपना यौनांग उसे दिखा रहा है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।
इस आरोप पर थिवन्नी ने कहा, ‘वह कभी ऐसा नहीं करेगा। शक्तिवेल हमारा परिवार चला रहा था। उसने दसवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी और काम करने लगा। उसने मेरी और मेरी छोटी बहन की शादी कराई। इससे पहले वह घर चलाने के लिए सीमेंट की भारी-भारी बोरियां उठाया करता था। जब भीड़ ने उसे पकड़ा, तब भीड़ ने उसका आधार कार्ड चेक किया और इस तरह उन्हें उसकी जाति का पता चला। उस पर हमला करते वक्त वे उसे जातिसूचक गालियां दे रहे थे।’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना बुधवार की है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें युवक को प्रताड़ित करती भीड़ देखी जा सकती है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को सात लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि वे इस घटना में अन्य लोगों की भागीदारी की जांच कर रहे हैं।
मामले की जांच कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ‘जिस गांव में आर शक्तिवेल (24) पर हमला हुआ, वहां वनियार्स का वर्चस्व है, जो उत्तरी तमिलनाडु का एक शक्तिशाली ओबीसी समुदाय हैं जो दलितों के साथ दुश्मनी के लिए जाना जाता है। वहीं, शक्तिवेल अनुसूचित आदि द्रविड़ समुदाय से हैं।’ पीड़ित शक्तिवेल की बड़ी बहन आर थिवन्नी ने बताया कि शक्तिवेल पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि वह दलित था।
थिवन्नी ने कहा, ‘मंगलवार रात को वह पेट्रोल पंप पर नाइट ड्यूटी कर रहा था और बुधवार सुबह घर पहुंचा। इसके बाद उसके पास उसके एक सहकर्मी का फोन आया, जिसने उसे कुछ आधिकारिक वेरिफिकेशन के लिए अपना आधार कार्ड और फोटो लाने को कहा। वह बुधवार दोपहर लगभग 1।30 बजे घर से यह कहकर निकला कि उसकी मोटरसाइकिल में थोड़ा ही पेट्रोल है।’
थिवन्नी ने कहा कि उसने (शक्तिवेल) ने कहा कि वह कुछ किलोमीटर को बाइक को धकेलते हुए ले जाएगा और उसने अपने एक दोस्त से बोतल में पेट्रोल लाने को कहा है। उसने उसे फोन कर दिया है लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद ही उसके पेट में दर्द होने लगाय। इसके बाद वह शौच के लिए सड़क किनारे बैठ गया।
थिवन्नी ने कहा, ‘कुछ देर बाद मुझे उसके फोन से एक कॉल आया। मैंने पूछा कि क्या वह ऑफिस पहुंच गया है लेकिन वहां से फोन पर कोई और शख्स था, जिसने कहा कि उन्होंने शक्तिवेल को पकड़कर बांध लिया है और अब वह उनकी हिरासत में है। उन्होंने मुझे बुथूर हिल्स आने को कहा। यह साफ था कि कुछ गड़बड़ थी।’
थिवन्नी ने कहा, ‘मैं अपने एक रिश्तेदार के स्कूटर से अपने छह महीने के बच्चे के साथ बुथूर हिल्स पहुंची। जब हम वहां पहुंचे तो शक्तिवेल खून से लथपथ था, उसके मुंह और नाक से खून बह रहा था और लगभग 15 से 20 लोग उसे घेरे हुए थे। मुझे देखते ही वे लोग उसे और पीटने लगे। मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की औऱ मदद की गुहार लगाई लेकिन उन्होंने मुझे लात मारी, जिससे मेरा बच्चा जमीन पर गिर गया। शक्तिवेल बेमुश्किल ही बोल पा रहा था लेकिन उसने मुझे बच्चे के साथ लौट जाने का इशारा किया।’
यह प्रताड़ना शुरू होने के लगभग दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शक्तिवेल और थिवन्नी को घर जाने को कहा। थिवन्नी और उनके गांव से बुथूर हिल्स पहुंचे कुछ लोगों ने किसी तरह शक्तिवेल को बाइक पर बैठाया।
थिवन्नी ने कहा, ‘हमने सोचा कि हम पहले घर जाएंगे, वहां से कुछ पैसे लेकर उसे अस्पताल ले जाएंगे लेकिन जब हम घर पहुंचे, मैंने बाइक से उतरने की कोशिश की। इस बीच शक्तिवेल बाइक से जमीन पर गिर गया। वह बेहोश था लेकिन हमें नहीं पता था कि वह मर चुका था। डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी।’
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे लिंचिंग के वीडियो के आधार पर पुलिस ने शक्तिवेल की हत्या के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें तीन महिलाएं और चार पुरूष हैं। शक्तिवेल पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह एक महिला को कथित तौर पर अपना यौनांग दिखा रहा था।
इस मामले में कई ग्रामीणों से पूछताछ करने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़ित ने चुस्त जींस पहनी हुई थी और उसने शौच करने से पहले जींस निकाल दी थी। वहां पर पास में ही काम कर रही एक महिला ने उसे देखा और सोचा कि वह अपना यौनांग उसे दिखा रहा है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।
इस आरोप पर थिवन्नी ने कहा, ‘वह कभी ऐसा नहीं करेगा। शक्तिवेल हमारा परिवार चला रहा था। उसने दसवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी और काम करने लगा। उसने मेरी और मेरी छोटी बहन की शादी कराई। इससे पहले वह घर चलाने के लिए सीमेंट की भारी-भारी बोरियां उठाया करता था। जब भीड़ ने उसे पकड़ा, तब भीड़ ने उसका आधार कार्ड चेक किया और इस तरह उन्हें उसकी जाति का पता चला। उस पर हमला करते वक्त वे उसे जातिसूचक गालियां दे रहे थे।’