छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह जो वर्तमान मे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं उनके निजी सचिव ओपी गुप्ता पर 13 साल की नाबालिग बच्ची के साथ दो साल तक बलात्कार करते रहने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। गुप्ता पर आरोप है कि उसने बच्ची को 2 साल तक घर मे बंधक बनाए रखा था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह के गृहज़िला राजनांदगाव में रहने वाले एक गरीब पिता वर्ष 2016 में अपनी 13 साल की मासूम बच्ची को इस उम्मीद से रमनसिंह(उस समय के मुख्यमंत्री) के निजी सचिव ओपी गुप्ता के रायपुर निवास पर छोड़ गए थे कि बड़े शहर मे बच्ची ठीक से पढ़ लिख जाएगी। घर पर ओपी गुप्ता और उसकी पत्नी कमला गुप्ता रहते थे। किसी अनबन की वजह से पत्नी ने घर छोड़ दिया। घर पर किसी और के न रहने का दुरुपयोग करते हुए आरोपी गुप्ता बच्ची का यौन शोषण करने लगा। पीड़िता बच्ची को घर पर एक बाल मजदूर की तरह घरेलू कामकाज करवाने के लिए रखा गया था। रिपोर्ट के अनुसार 2016 से दिसंबर 2019 तक ओपी गुप्ता ने बच्ची के साथ कई बार बलात्कार किया। जब बच्ची के साथ पहली बार बलात्कार हुआ तब वो 13 वर्ष की थी और 8वीं कक्षा मे पढ़ती थी। अभी बच्ची की उम्र 16 वर्ष है।
FIR क्रमांक 3/2020 मे आरोपी ओपी गुप्ता के विरुद्ध धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। कहा जा रहा है कि मामला पहले ही सामने आ जाता पर पूर्व मुख्यमंत्री के रसूख के कारण पुलिस ने मामला दर्ज ही नहीं किया।
विरोध करने पर देता था जान से मारने की धमकी
शिकायत के मुताबिक पीड़िता द्वारा विरोध करने पर आरोपी ओपी गुप्ता उसे जान से मारने की धमकी देता था. इसके चलते वो डर गई थी. बाद में छात्रा ने सारी बात अपने परिजनों को बताई. पहले तो वह डर से चुप रहे, लेकिन फिर एक एनजीओ के माध्यम से महिला थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस की ओर से मामले की जांच में पुष्टि होने के बाद बुधवार देर रात आरोपी को ओपी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है.
मीडिया रेपोर्ट्स के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस बारे कुछ नहीं कहा है। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देने वाली भाजपा ने इतने संवेदनशील मामले से अपना पल्ला झाड लिया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का इस मामले में बयान सामने आया है। संजय श्रीवास्तव का कहना है कि ये 'ओपी गुप्ता का निजी मामला है। बीजेपी का इससे कोई लेना देना नहीं है। पार्टी को इसकी जानकारी भी नहीं है। रेप जैसे गंभीर मामलों में दोषी कोई भी हो उसपर कार्रवाई होनी चाहिए।'
बढ़े आश्चर्य की बात है कि मुख्यमंत्री का निजी सचिव 2 साल से भी ज़्यादा समय तक सरकारी आवास में एक 8वीं कक्षा की बच्ची को बंधक बनाकर रखता है, उसके साथ बलात्कार करता रहता है और मुख्यमंत्री जी को इसकी भनक भी नहीं लगती। चलिए ये न सही, कम से कम इतनी जानकारी तो मिली ही होगी कि उनके निजी सचिव के घर पर एक नाबालिग बच्ची घरेलू कामकाज करने के लिए राखी गई है जो कि गैरकानूनी है। क्या पूर्व मुख्यमंत्री जानबूझकर अनजान बने रहे? यदि ऐसा है तो एक मामला उनपर भी दर्ज किया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह के गृहज़िला राजनांदगाव में रहने वाले एक गरीब पिता वर्ष 2016 में अपनी 13 साल की मासूम बच्ची को इस उम्मीद से रमनसिंह(उस समय के मुख्यमंत्री) के निजी सचिव ओपी गुप्ता के रायपुर निवास पर छोड़ गए थे कि बड़े शहर मे बच्ची ठीक से पढ़ लिख जाएगी। घर पर ओपी गुप्ता और उसकी पत्नी कमला गुप्ता रहते थे। किसी अनबन की वजह से पत्नी ने घर छोड़ दिया। घर पर किसी और के न रहने का दुरुपयोग करते हुए आरोपी गुप्ता बच्ची का यौन शोषण करने लगा। पीड़िता बच्ची को घर पर एक बाल मजदूर की तरह घरेलू कामकाज करवाने के लिए रखा गया था। रिपोर्ट के अनुसार 2016 से दिसंबर 2019 तक ओपी गुप्ता ने बच्ची के साथ कई बार बलात्कार किया। जब बच्ची के साथ पहली बार बलात्कार हुआ तब वो 13 वर्ष की थी और 8वीं कक्षा मे पढ़ती थी। अभी बच्ची की उम्र 16 वर्ष है।
FIR क्रमांक 3/2020 मे आरोपी ओपी गुप्ता के विरुद्ध धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। कहा जा रहा है कि मामला पहले ही सामने आ जाता पर पूर्व मुख्यमंत्री के रसूख के कारण पुलिस ने मामला दर्ज ही नहीं किया।
विरोध करने पर देता था जान से मारने की धमकी
शिकायत के मुताबिक पीड़िता द्वारा विरोध करने पर आरोपी ओपी गुप्ता उसे जान से मारने की धमकी देता था. इसके चलते वो डर गई थी. बाद में छात्रा ने सारी बात अपने परिजनों को बताई. पहले तो वह डर से चुप रहे, लेकिन फिर एक एनजीओ के माध्यम से महिला थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस की ओर से मामले की जांच में पुष्टि होने के बाद बुधवार देर रात आरोपी को ओपी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है.
मीडिया रेपोर्ट्स के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस बारे कुछ नहीं कहा है। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देने वाली भाजपा ने इतने संवेदनशील मामले से अपना पल्ला झाड लिया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का इस मामले में बयान सामने आया है। संजय श्रीवास्तव का कहना है कि ये 'ओपी गुप्ता का निजी मामला है। बीजेपी का इससे कोई लेना देना नहीं है। पार्टी को इसकी जानकारी भी नहीं है। रेप जैसे गंभीर मामलों में दोषी कोई भी हो उसपर कार्रवाई होनी चाहिए।'
बढ़े आश्चर्य की बात है कि मुख्यमंत्री का निजी सचिव 2 साल से भी ज़्यादा समय तक सरकारी आवास में एक 8वीं कक्षा की बच्ची को बंधक बनाकर रखता है, उसके साथ बलात्कार करता रहता है और मुख्यमंत्री जी को इसकी भनक भी नहीं लगती। चलिए ये न सही, कम से कम इतनी जानकारी तो मिली ही होगी कि उनके निजी सचिव के घर पर एक नाबालिग बच्ची घरेलू कामकाज करने के लिए राखी गई है जो कि गैरकानूनी है। क्या पूर्व मुख्यमंत्री जानबूझकर अनजान बने रहे? यदि ऐसा है तो एक मामला उनपर भी दर्ज किया जाना चाहिए।