नई दिल्ली। जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ स्टूडेंट्स ने गुरुवार शाम राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च निकाला जिन्हें बीच में ही रोक लिया गया। इस दौरान दोनों के बीच हाथापाई भी हुई और पुलिस ने लाठीचार्ज किया। वीसी एम जगदीश कुमार को हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन की तरफ जा रहे थे जिन्हें आंबेडकर भवन के पास हिरासत में ले लिया गया। उधर, एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों और जेएनयू प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई बैठक समाप्त हो गई है। बैठक के बाद जेनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि जब तक कुलपति एम जगदीश कुमार को नहीं हटाया जाता किसी भी तरह की बात नहीं होगी और मंत्रालय बात करना चाहता है तो यूनिवर्सिटी कैम्पस आए।
उधर, जेएनयूएसयू ने ट्वीट कर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। जेएनयूएसयू ने कहा, 'शाम के 6 बजे के बाद का वक्त है। क्या पुलिस बता सकती है कि कुछ महिला प्रदर्शनकारियों को कथित रूप से सूर्यास्त के बाद बिना किसी महिला अधिकारी की मौजूदगी के क्यों उठाया गया?' वैसे एएनआई के एक विडियो में देखा जा सकता है कि मौके पर महिला पुलिसकर्मी मौजूद हैं।
5 जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में देशभर में स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे हैं। आज राजधानी दिल्ली में स्टूडेंट्स के साथ ही पॉलिटिकल पार्टियों ने मार्च निकाला। यह मार्च मंडी हाउस से एचआरडी मंत्रालय की तरफ निकाला गया जिन्हें शास्त्री भवन के पास रोक दिया गया। इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई। इस प्रदर्शन में सीपीएम लीडर सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, बृंदा करात, सीपीआई महासचिव डी राजा और लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव भी शामिल हुए।
इस बीच Jnu के कुलपति जगदीश कुमार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद मुरली मनोहर जोशी ने ट्वीट किया है। जोशी ने एक बयान में जेएनयू के वीसी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि अगर वीसी सरकार के फार्मूले पर काम नहीं कर सकते तो उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री जोशी ने कहा- 'रिपोर्ट्स हैं कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू के कुलपति को दो बार सलाह दी थी कि वे जेएनयू में बढ़ी हुई फीस के मुद्दे को हल करने के लिए कुछ उचित और काम के फॉर्मूले को लागू करें।'
लिखा कि 'यह चौंकाने वाला है कि वीसी सरकार के प्रस्ताव को लागू नहीं करने के लिए अड़े हैं। यह रवैया निंदनीय है और मेरी राय में ऐसे वीसी को अपने पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।'
वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाना समाधान नहीं है। मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे ने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी छात्रों के इस दावे पर शुक्रवार को कुमार से फिर बात करेंगे कि संशोधित शुल्क को लागू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘कुलपति को हटाया जाना समाधान नहीं है।' उन्होंने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी कुमार से मुलाकात के बाद जेएनयू छात्र संघ से भी बातचीत करेंगे।
उधर, जेएनयूएसयू ने ट्वीट कर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। जेएनयूएसयू ने कहा, 'शाम के 6 बजे के बाद का वक्त है। क्या पुलिस बता सकती है कि कुछ महिला प्रदर्शनकारियों को कथित रूप से सूर्यास्त के बाद बिना किसी महिला अधिकारी की मौजूदगी के क्यों उठाया गया?' वैसे एएनआई के एक विडियो में देखा जा सकता है कि मौके पर महिला पुलिसकर्मी मौजूद हैं।
5 जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में देशभर में स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे हैं। आज राजधानी दिल्ली में स्टूडेंट्स के साथ ही पॉलिटिकल पार्टियों ने मार्च निकाला। यह मार्च मंडी हाउस से एचआरडी मंत्रालय की तरफ निकाला गया जिन्हें शास्त्री भवन के पास रोक दिया गया। इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई। इस प्रदर्शन में सीपीएम लीडर सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, बृंदा करात, सीपीआई महासचिव डी राजा और लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव भी शामिल हुए।
इस बीच Jnu के कुलपति जगदीश कुमार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद मुरली मनोहर जोशी ने ट्वीट किया है। जोशी ने एक बयान में जेएनयू के वीसी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि अगर वीसी सरकार के फार्मूले पर काम नहीं कर सकते तो उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री जोशी ने कहा- 'रिपोर्ट्स हैं कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू के कुलपति को दो बार सलाह दी थी कि वे जेएनयू में बढ़ी हुई फीस के मुद्दे को हल करने के लिए कुछ उचित और काम के फॉर्मूले को लागू करें।'
लिखा कि 'यह चौंकाने वाला है कि वीसी सरकार के प्रस्ताव को लागू नहीं करने के लिए अड़े हैं। यह रवैया निंदनीय है और मेरी राय में ऐसे वीसी को अपने पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।'
वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाना समाधान नहीं है। मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे ने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी छात्रों के इस दावे पर शुक्रवार को कुमार से फिर बात करेंगे कि संशोधित शुल्क को लागू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘कुलपति को हटाया जाना समाधान नहीं है।' उन्होंने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी कुमार से मुलाकात के बाद जेएनयू छात्र संघ से भी बातचीत करेंगे।