लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल चर्चा के बाद बहुमत से पास हो गया। इस राज्यसभा में पास होना बाकी है। इसे लेकर संसद में भारी हंगामा चल रहा है। विपक्ष बीजेपी पर सांप्रदायिक तरीके से यह बिल लाए जाने के आरोप लगा रहा है। इसे लेकर मोदी सरकार काफी जल्दबाजी में नजर आ रही है। इस बिल पर बहस के बीच ही यूपी के बाराबंकी में नगर पालिका ने एनआरसी को लेकर सर्वे शुरू कर दिया है।
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, बिल को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि जब एनआरसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो देश में एक भी अवैध घुसपैठिया नहीं रह जाएगा। अमित शाह भले ही एनआरसी को लेकर अभी सिर्फ बात ही कर रहे हों लेकिन बाराबंकी नगर पालिका ने अभी से ऐसे लोगों को चिन्हित करना शुरू भी कर दिया है जो शहर में झुग्गी झोपड़ी बनाकर अस्थाई रूप से रह रहे हैं। इन लोगों को लेकर शक है कि वह बांग्लादेशी या रोहिंग्या भी हो सकते हैं।
बताया जा रहा है कि नगर पालिका की रेवेन्यू ऑफिसर पल्लवी अस्थाना टीम के साथ इस सर्वे में आंकड़े जुटा रही है कि यह लोग कहां के निवासी हैं, कितने सालों से यहां रह रहे हैं और काम क्या करते हैं। इस तरह के तमाम बिंदुओं पर एक रिपोर्ट तैयार करके नगर पालिका की टीम प्रशासन को भेजेगी जिसके बाद उसपर शासन स्तर से आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
नगर पालिका बाराबंकी की रेवेन्यू इंस्पेक्टर पल्लवी अस्थाना ने बताया, 'जो लोग झुग्गी झोपड़ी बनाकर अस्थाई रूप से रह रहे हैं। हम लोग सर्वे करके उनके आंकड़े जुटा रहे हैं। यह सर्वे नगर पालिका की तरफ से चल रहा है। इन सबकी हम एक सर्वे रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन को देंगे।'
एनआरसी पर बीजेपी नेता और नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन रंजीत बहादुर श्रीवास्तव का कहना है कि हमने लगभग एक हफ्ते पहले ही सूची बनाने का काम शुरू कराया है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक वह लोग खुद को असम का बता रहे हैं, लेकिन वे लोग असम का का कोई स्थाई पता नहीं बता पा रहे है। ऐसे में संदेह पैदा होता है कि यह बांग्लादेशी और रोहिंग्या भी हो सकते हैं।
बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर संसद से सड़क तक हंगामा हो रहा है। पूर्वोत्तर में इसका विरोध काफी जोर पकड़ रहा है। लोकसभा में बिल पास होने के बाद से ही पूर्वोत्तर में हिंसा और विरोध प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं। इस बिल को लेकर कहा जा रहा है कि बीजेपी संघ के हिंदू राष्ट्र के एजेंडे के तौर पर काम कर रही है।
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, बिल को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि जब एनआरसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो देश में एक भी अवैध घुसपैठिया नहीं रह जाएगा। अमित शाह भले ही एनआरसी को लेकर अभी सिर्फ बात ही कर रहे हों लेकिन बाराबंकी नगर पालिका ने अभी से ऐसे लोगों को चिन्हित करना शुरू भी कर दिया है जो शहर में झुग्गी झोपड़ी बनाकर अस्थाई रूप से रह रहे हैं। इन लोगों को लेकर शक है कि वह बांग्लादेशी या रोहिंग्या भी हो सकते हैं।
बताया जा रहा है कि नगर पालिका की रेवेन्यू ऑफिसर पल्लवी अस्थाना टीम के साथ इस सर्वे में आंकड़े जुटा रही है कि यह लोग कहां के निवासी हैं, कितने सालों से यहां रह रहे हैं और काम क्या करते हैं। इस तरह के तमाम बिंदुओं पर एक रिपोर्ट तैयार करके नगर पालिका की टीम प्रशासन को भेजेगी जिसके बाद उसपर शासन स्तर से आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
नगर पालिका बाराबंकी की रेवेन्यू इंस्पेक्टर पल्लवी अस्थाना ने बताया, 'जो लोग झुग्गी झोपड़ी बनाकर अस्थाई रूप से रह रहे हैं। हम लोग सर्वे करके उनके आंकड़े जुटा रहे हैं। यह सर्वे नगर पालिका की तरफ से चल रहा है। इन सबकी हम एक सर्वे रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन को देंगे।'
एनआरसी पर बीजेपी नेता और नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन रंजीत बहादुर श्रीवास्तव का कहना है कि हमने लगभग एक हफ्ते पहले ही सूची बनाने का काम शुरू कराया है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक वह लोग खुद को असम का बता रहे हैं, लेकिन वे लोग असम का का कोई स्थाई पता नहीं बता पा रहे है। ऐसे में संदेह पैदा होता है कि यह बांग्लादेशी और रोहिंग्या भी हो सकते हैं।
बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर संसद से सड़क तक हंगामा हो रहा है। पूर्वोत्तर में इसका विरोध काफी जोर पकड़ रहा है। लोकसभा में बिल पास होने के बाद से ही पूर्वोत्तर में हिंसा और विरोध प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं। इस बिल को लेकर कहा जा रहा है कि बीजेपी संघ के हिंदू राष्ट्र के एजेंडे के तौर पर काम कर रही है।