प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छोटे भाई प्रहलाद मोदी केंद्र सरकार के खिलाफ 2 दिसंबर से धरने पर बैठेंगे। प्रहलाद मोदी का कहना है कि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) में अनियमितताएं हैं। इसके साथ ही उनकी मांग है कि भारत को भूख से दूर किया जाए। वह ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के सदस्यों के साथ धरने पर बैठेंगे। प्रहलाद इस फेडरेशन के वाइस-प्रेसिडेंट हैं। यह धरना दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित किया जा रहा है।
फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी बिसम्भर बसु ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि यह धरना 11 दिनों तक जारी रहेगा। फेयर प्राइस शॉप के मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस फेडरेशन की मांग है कि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में अनियमितता और भारत को भूखमरी से दूर किया जाए। फेयर प्राइस शॉप लाइसेंस के तहत राशन कार्ड धारकों को आवश्यक वस्तुएं जैसे चावल, गेहूं आदि वितरित करती है। इस फेडरेशन के अंतर्गत लगभग 5,27,322 राशन डीलर्स आते हैं।
इस फेडरेशन के अंतर्गत लगभग 5,27,322 राशन डीलर्स आते हैं। खाने की चीजों की कीमत में जिस तरह से लगातार बढ़ोतरी हो रही है उसे नियंत्रण में करने के लिए राशन बांटने वाली व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है लेकिन जिस तरह मोदी सरकार संस्थाओं को निजी हाथों में डाल रही है उससे इस व्यवस्था पर भी खतरा मंडरा रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान फेडरेशन ने कुल 8 मागों पर सरकार से समर्थन मांगा है। इसमें ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ स्कीम को वापस लेने, राशन कार्डों के साथ आधार सीडिंग के प्रवर्तन का अंत करना शामिल है। ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ स्कीम में ईपीओएस मशीनों को अनिवार्य किया गया है इसमें तकनीकी खराब होने की वजह से अक्सर लोगों को राशन मिलने में समस्या आती है।
बसु ने आगे बताया ‘धरने के लिए फेडरेशन ने अलग-अलग लोगों से इसके लिए संपर्क कर रहा है, हम गैर-बीजेपी संसद सदस्यों से भी लगातार संपर्क साध रहे हैं। मांगे नहीं सुनीं गई तो वे नए साल की शुरुआत में हड़ताल की जाएगी। फेडरेशन ने राशन डीलर्स की मिनिमम सैलरी में बढ़ोतरी की भी मांग की है। फेडरेशन की मांग है कि मिनिमम सैलरी 30 रुपए की जानी चाहिेए। इसके साथ ही मिनिमम कमीशन 250 रुपए होना चाहिए।
फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी बिसम्भर बसु ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि यह धरना 11 दिनों तक जारी रहेगा। फेयर प्राइस शॉप के मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस फेडरेशन की मांग है कि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में अनियमितता और भारत को भूखमरी से दूर किया जाए। फेयर प्राइस शॉप लाइसेंस के तहत राशन कार्ड धारकों को आवश्यक वस्तुएं जैसे चावल, गेहूं आदि वितरित करती है। इस फेडरेशन के अंतर्गत लगभग 5,27,322 राशन डीलर्स आते हैं।
इस फेडरेशन के अंतर्गत लगभग 5,27,322 राशन डीलर्स आते हैं। खाने की चीजों की कीमत में जिस तरह से लगातार बढ़ोतरी हो रही है उसे नियंत्रण में करने के लिए राशन बांटने वाली व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है लेकिन जिस तरह मोदी सरकार संस्थाओं को निजी हाथों में डाल रही है उससे इस व्यवस्था पर भी खतरा मंडरा रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान फेडरेशन ने कुल 8 मागों पर सरकार से समर्थन मांगा है। इसमें ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ स्कीम को वापस लेने, राशन कार्डों के साथ आधार सीडिंग के प्रवर्तन का अंत करना शामिल है। ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ स्कीम में ईपीओएस मशीनों को अनिवार्य किया गया है इसमें तकनीकी खराब होने की वजह से अक्सर लोगों को राशन मिलने में समस्या आती है।
बसु ने आगे बताया ‘धरने के लिए फेडरेशन ने अलग-अलग लोगों से इसके लिए संपर्क कर रहा है, हम गैर-बीजेपी संसद सदस्यों से भी लगातार संपर्क साध रहे हैं। मांगे नहीं सुनीं गई तो वे नए साल की शुरुआत में हड़ताल की जाएगी। फेडरेशन ने राशन डीलर्स की मिनिमम सैलरी में बढ़ोतरी की भी मांग की है। फेडरेशन की मांग है कि मिनिमम सैलरी 30 रुपए की जानी चाहिेए। इसके साथ ही मिनिमम कमीशन 250 रुपए होना चाहिए।