अर्थव्यवस्था में चल रही सुस्ती को लेकर एक बार फिर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने कहा कि देश में हर रोज मंदी की खबर आ रही है और उस पर भाजपा की खामोशी है जो बहुत खतरनाक है।
प्रियंका ने अपने ट्वीट में कहा, 'काउंटडाउन: हर दिन मंदी की खबर और हर दिन बीजेपी सरकार की इस पर खामोशी: दोनों बहुत खतरनाक हैं।' प्रियंका गांधी ने आगे कहा,'इस सरकार के पास न हल है न देशवासियों को भरोसा दिलाने का बल है। सिर्फ बहानेबाजी, बयानबाजी और अफवाहें फैलाने से काम नहीं चलेगा।'
प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर से एक खबर का हवाला दिया है जिसमें ऑटो सेक्टर के खराब हालत का जिक्र हैं। खबर में कहा गया है कि इस सेक्टर में प्राइवेट व्हीकल के साथ-साथ कॉमर्शियल सेगमेंट की बिक्री में भी भारी गिरावट आई है। देश के चार बड़े कॉमर्शियल व्हीकल मेकर्स टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड, वॉल्वो आयशर और महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री अगस्त में 59.5 फीसदी तक गिरकर 31,067 यूनिट रह गई।
देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को लेकर प्रियंका गांधी लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही हैं। इससे पहले प्रियंका ने ट्वीट कर कहा था, किसी झूठ को सौ बार कहने से वह सच नहीं हो जाता ऐसे ही आर्थिक मंदी का हाल सबके सामने है। सरकार को ये स्वीकार करना चाहिए कि अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक मंदी है और इसे हल करने के उपायों की तरफ बढ़ना चाहिए।
प्रियंका ने अपने ट्वीट में कहा, 'काउंटडाउन: हर दिन मंदी की खबर और हर दिन बीजेपी सरकार की इस पर खामोशी: दोनों बहुत खतरनाक हैं।' प्रियंका गांधी ने आगे कहा,'इस सरकार के पास न हल है न देशवासियों को भरोसा दिलाने का बल है। सिर्फ बहानेबाजी, बयानबाजी और अफवाहें फैलाने से काम नहीं चलेगा।'
प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर से एक खबर का हवाला दिया है जिसमें ऑटो सेक्टर के खराब हालत का जिक्र हैं। खबर में कहा गया है कि इस सेक्टर में प्राइवेट व्हीकल के साथ-साथ कॉमर्शियल सेगमेंट की बिक्री में भी भारी गिरावट आई है। देश के चार बड़े कॉमर्शियल व्हीकल मेकर्स टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड, वॉल्वो आयशर और महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री अगस्त में 59.5 फीसदी तक गिरकर 31,067 यूनिट रह गई।
देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को लेकर प्रियंका गांधी लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही हैं। इससे पहले प्रियंका ने ट्वीट कर कहा था, किसी झूठ को सौ बार कहने से वह सच नहीं हो जाता ऐसे ही आर्थिक मंदी का हाल सबके सामने है। सरकार को ये स्वीकार करना चाहिए कि अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक मंदी है और इसे हल करने के उपायों की तरफ बढ़ना चाहिए।