'लड़की हूं, लड़ सकती हूं': प्रशासन की रोक के बावजूद प्रियंका गांधी के आह्वान पर मैराथन में उमड़ीं युवतियां

Written by Navnish Kumar | Published on: December 27, 2021
कांग्रेस के 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' मैराथन दौड़ कार्यक्रम को प्रशासन की अनुमति ना मिलने के बावजूद लखनऊ के 1090 चौराहे पर मैराथन में हजारों की संख्या में लड़कियां दूर-दूर से शामिल होने पहुंचीं। सभी लड़कियां मैराथन रोकने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से नाराज नजर आईं और अनुमति ना होने के बावजूद 1090 चौराहे पर इकट्ठा हुईं। लड़कियां लगातार तालियों और महिला सशक्तिकरण के नारों के बीच 'लड़की हूं, लड़की सकती हूं' का सुर बुलंद करती दिखीं। उधर कांग्रेस पार्टी ने यूपी मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर लड़कियों का मैराथन नहीं होने देने का आरोप लगाते हुए रविवार को दावा किया कि बिना सरकारी बसों और सरकारी व्यवस्था के बिना ही दस हजार से अधिक लड़कियां झांसी में मैराथन में दौड़ने उतरीं हैं। 



उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि योगीजी भीड़ जुटाकर लैपटॉप और मोबाइल बांट सकते हैं लेकिन मैराथन नहीं होने दे रहे हैं। लड़कियों के साथ इतना अन्याय क्‍यों। कई लड़कियां भी कैमरे पर इस तरह के आरोप लगाती नजर आईं। वहीं अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कांग्रेस ने आरोप लगाया, बिना सरकारी बसें और सरकारी तंत्र लगाए, आज झांसी में दस हजार से अधिक लड़कियां ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ मैराथन में दौड़ने उतरीं। आज प्रदेश की हर लड़की इस नारे के साथ है।” इसी ट्वीट में आगे कहा गया, ”योगी जी लड़कियों से इतने डरे हैं कि लखनऊ में मैराथन की अनुमति रद्द कर दी। लेकिन लड़कियां लड़ेंगी।”

खास है कि राजधानी लखनऊ में मैराथन दौड़ प्रतियोगिता की अनुमति निरस्‍त किए जाने के बाद शनिवार की शाम को कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने लखनऊ पुलिस आयुक्‍त के कैंप कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैराथन दौड़ प्रतियोगिता की अनुमति इसलिए नहीं मिली क्योंकि प्रदेश की लड़कियों का झुकाव कांग्रेस की तरफ दिख रहा है। कांग्रेस महासचिव एवं उत्‍तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी के निर्देश पर पार्टी को रविवार को राजधानी के गौतमपल्‍ली थाना इलाके के 1090 चौराहे से लड़कियों की मैराथन दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन करना था। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि अनुमति निरस्त होने के बावजूद बहुत सी लड़कियां रविवार की सुबह 1090 चौराहे पर पहुंचीं और सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी दर्ज कराई। कांग्रेस नेताओं के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने मैराथन दौड़ की अनुमति मांगी थी लेकिन इजाजत नहीं दी गई तो वे लोग इसके विरोध में प्रदर्शन करने आए थे। उन्होंने बताया कि पार्टी पदाधिकारियों से कहा गया कि वे मैराथन दौड़ न करें बल्कि ‘बंद स्थान’ पर कोई कार्यक्रम कर लें जिसकी अनुमति दे दी जाएगी।

कांग्रेस की महिलाओं को लेकर की गई घोषणाओं के बाद उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए महिला-केंद्रित घोषणाओं की संख्या बढ़ गई है। कांग्रेस, जो पिछले कई चुनावों में राज्य में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रही है, ने लिंग समानता का मुद्दा उठाते हुए चुनावों में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का ऐलान किया है। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी की महिला-केंद्रित "लड़की हूं, लड़ सकती हूं" अभियान का उत्तर प्रदेश में एक बड़ा असर देखने को मिला है। राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए आज हजारों महिलाओं ने झांसी और लखनऊ में आयोजित कांग्रेस की मैराथन दौड़ में भाग लिया। झांसी मैराथन में युवतियों की लंबी कतार सड़कों पर दौड़ती दिखी। 



कांग्रेस द्वारा मैराथन दौड़ का वीडियो ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। वीडियो में दिख रहा है कि लखनऊ और झांसी में मैराथन दौड़ में बड़ी भीड़ उमड़ी है, जबकि जिला प्रशासन ने ओमिक्रॉन वायरस के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए मैराथन के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था। हालांकि झांसी में पुलिस प्रशासन ने इनकार के बाद मैराथन को रोकने को पूरी कोशिश की। आगे नहीं बढ़ने दिया लेकिन लड़कियों ने भी घर लौटने से इनकार कर दिया और दौड़ में शरीक होकर ही मानीं। कांग्रेस द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में एक महिला को यह कहते हुए साफ साफ सुना जा सकता है, "राज्य सरकार को तब कोई समस्या नहीं हुई, जब एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया और वहां लाखों छात्र जुटाकर लैपटॉप वितरित किए गए थे, तो फिर अब क्यों दिक्कत हो रही है?" इस वीडियो को शेयर करते हुए प्रियंका गांधी ने लिखा कि 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' मैराथन, झांसी। लड़कियां लड़ेंगी अपने हक के लिए, अपनी उड़ान के लिए, बदलाव के लिए। 

कांग्रेस ने दोनों मैराथन में पहले तीन विजेताओं के लिए स्कूटी की घोषणा की है और उसके बाद से 25वें स्थान पर आने वालों को स्मार्टफोन देने का एलान किया था। इससे अगले 100 प्रतिभागियों को फिटनेस बैंड, जबकि उससे अगली 1,000 महिलाओं को पदक देने का ऐलान किया था। पार्टी ने मैराथन प्रतिभागियों के लिए कोई प्रवेश शुल्क भी नहीं रखा था। इस बार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, जो पिछले कई चुनावों में राज्य में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रही है, ने लिंग समानता का मुद्दा उठाते हुए चुनावों में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का ऐलान किया है। 

लखनऊ में मैराथन को अभिनेत्री मंदिरा बेदी और कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला हरी झंडी दिखाकर रवाना करने वाले थे लेकिन जिला प्रशासन ने धारा 144 और कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए रोक लगा दी। आरोप लगाया इकाना स्टेडियम में सरकार ने तो लाखों की भीड़ जुटा ली, लेकिन कांग्रेस की मैराथन को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर को होने वाली ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ मैराथन दौड़ प्रतियोगिता पर योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा रोक लगाना भाजपा की महिला विरोधी सोच और लोकतंत्र में दोहरे मापदंड को प्रदर्शित करता है।

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