नई दिल्ली। चुनाव आयोग से निराश विपक्ष ने ईवीएम-वीवीपैट के 50%-50% मिलान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। आज सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। 21 दलों ने मिलकर यह याचिका दायर करते हुए चुनाव आयोग से 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम से मिलान का आदेश देने की मांग की थी।

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह निर्देश दिया था कि मतगणना के लिए ईवीएम के साथ लगी वीवीपैट की पर्चियों के मिलान में प्रति क्षेत्र में मतदान केंद्र की संख्या एक से बढ़ाकर पांच कर दी जाए। हालांकि, कोर्ट ने विपक्षी नेताओं के अनुरोध को पहले भी अस्वीकार कर दिया था। परंतु विपक्ष के अधिवक्ता मनु सिंघवी के पुनर्विचार याचिका को स्वीकार करते हुए 7 मई की तारीख तय की थी।
आज पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मात्र 2% की वृद्धि से पहले लिए हुए निर्णय पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। साथ ही इससे चुनाव प्रक्रिया को लेकर जनता का विश्वास बढ़ाया जा सकता है। इसलिए याचिकाकर्ता मेरिट के आधार पर अपनी दलीलों में सफल रहे हों लेकिन वीवीपैट की पर्चियों व ईवीएम के मिलान में मात्र 2% की वृद्धि का आदेश नहीं दिया जा सकता है।
आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान विपक्ष के 21 दलों का नेतृत्व कर रहे थे। पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान विपक्ष ने कहा कि वीवीपैट पर्चियों के औचक मिलान के लिए एक मतदान केंद्र से बढ़ाकर पांच मतदान केंद्र करना पर्याप्त नहीं है और न इससे न्यायालय द्वारा अपेक्षित संतोषप्रद नतीजे मिलेंगें।
कोर्ट में चुनाव आयोग ने यह तर्क रखा था कि चुनाव नजदीक हैं और अचानक ईवीएम के साथ वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की संख्या को बढ़ाना व्यावहारिक नहीं है। जिसका विपक्ष ने विरोध करते हुए याचिका में कहा कि मिलान के लिए व्यावहारिक संख्या तर्कसंगत होनी चाहिए।

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह निर्देश दिया था कि मतगणना के लिए ईवीएम के साथ लगी वीवीपैट की पर्चियों के मिलान में प्रति क्षेत्र में मतदान केंद्र की संख्या एक से बढ़ाकर पांच कर दी जाए। हालांकि, कोर्ट ने विपक्षी नेताओं के अनुरोध को पहले भी अस्वीकार कर दिया था। परंतु विपक्ष के अधिवक्ता मनु सिंघवी के पुनर्विचार याचिका को स्वीकार करते हुए 7 मई की तारीख तय की थी।
आज पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मात्र 2% की वृद्धि से पहले लिए हुए निर्णय पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। साथ ही इससे चुनाव प्रक्रिया को लेकर जनता का विश्वास बढ़ाया जा सकता है। इसलिए याचिकाकर्ता मेरिट के आधार पर अपनी दलीलों में सफल रहे हों लेकिन वीवीपैट की पर्चियों व ईवीएम के मिलान में मात्र 2% की वृद्धि का आदेश नहीं दिया जा सकता है।
आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान विपक्ष के 21 दलों का नेतृत्व कर रहे थे। पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान विपक्ष ने कहा कि वीवीपैट पर्चियों के औचक मिलान के लिए एक मतदान केंद्र से बढ़ाकर पांच मतदान केंद्र करना पर्याप्त नहीं है और न इससे न्यायालय द्वारा अपेक्षित संतोषप्रद नतीजे मिलेंगें।
कोर्ट में चुनाव आयोग ने यह तर्क रखा था कि चुनाव नजदीक हैं और अचानक ईवीएम के साथ वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की संख्या को बढ़ाना व्यावहारिक नहीं है। जिसका विपक्ष ने विरोध करते हुए याचिका में कहा कि मिलान के लिए व्यावहारिक संख्या तर्कसंगत होनी चाहिए।