एक्टिविस्ट ग्रुप स्वराज इंडिया ने मंगलवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता के दौरान यह कहा कि कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के अध्यक्ष आशिम खुराना को नियमों को ताक पर रखकर आवेदन के बिना ही पद पर नियुक्त किया गया है। इसी मामले में कुछ आरटीआई दस्तावेजों को साझा करते हुए, 'युवा हल्ला बोल' ने खुराना को एसएससी अध्यक्ष के पद से हटाने की मांग की और कहा कि भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच में तेजी लाई जाए।
पिछले साल कथित पेपर लीक के कारण छात्र खुराना के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। 'न केवल उनका सेवा में विस्तार अवैध था बल्कि उनकी नियुक्ति भी नियमों के विरुद्ध थी।'
'युवा हल्ला बोल के लीडर अनुपम ने बताया कि, 'आरटीआई द्वारा प्राप्त जानकारी में खुराना का नाम न ही शार्टलिस्टेड कैंडिडेट्स की लिस्ट में था और न ही सेलेक्शन पैनल की रिकमंडेशन लिस्ट में। खुराना ने संपर्क करने पर कोई जवाब नहीं दिया। एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव (जो समूह का हिस्सा हैं) ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नियुक्तियों की कैबिनेट समिति ने यूपीएससी में संबंधित अधिकारियों के कानून के बाद भी नियमों में संशोधन करके खुराना की सेवाओं में विस्तार कर दिया और कानून मंत्रालय ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए लिखित आपत्ति जताई।
अनुपम ने यह भी कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। ज्ञात हो कि खुराना के चेयरमैन बनते ही एक आईटी कंपनी को एसएससी की ऑनलाइन परीक्षाएं कराने का ठेका मिला था।
पिछले साल कथित पेपर लीक के कारण छात्र खुराना के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। 'न केवल उनका सेवा में विस्तार अवैध था बल्कि उनकी नियुक्ति भी नियमों के विरुद्ध थी।'
'युवा हल्ला बोल के लीडर अनुपम ने बताया कि, 'आरटीआई द्वारा प्राप्त जानकारी में खुराना का नाम न ही शार्टलिस्टेड कैंडिडेट्स की लिस्ट में था और न ही सेलेक्शन पैनल की रिकमंडेशन लिस्ट में। खुराना ने संपर्क करने पर कोई जवाब नहीं दिया। एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव (जो समूह का हिस्सा हैं) ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नियुक्तियों की कैबिनेट समिति ने यूपीएससी में संबंधित अधिकारियों के कानून के बाद भी नियमों में संशोधन करके खुराना की सेवाओं में विस्तार कर दिया और कानून मंत्रालय ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए लिखित आपत्ति जताई।
अनुपम ने यह भी कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। ज्ञात हो कि खुराना के चेयरमैन बनते ही एक आईटी कंपनी को एसएससी की ऑनलाइन परीक्षाएं कराने का ठेका मिला था।