नई दिल्ली: विश्वविद्यालयों में 13 प्वाइंट रोस्टर लागू करने के विरोध में पिछले कई दिनों ने एससी/एसटी, ओबीसी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। आज दिल्ली दिल्ली के मंडी हाउस से संसद मार्ग तक पैदल मार्च निकाला गया। इस पैदल मार्च में उपेंद्र कुशवाहा और राजद नेता तेजस्वी यादव, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल, उर्मिलेश उर्मिल, वडनगर विधायक जिग्नेश मेवानी सहित अनेक गणमान्य लोग शरीक हुए।
दिल्ली के अलावा, पटना यूनिवर्सिटी, वाराणसी के बीएचयू, लखनऊ सहित देशभर की कई जगहों पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों, शिक्षकों औऱ चिंतकों का कहना है कि वर्तमान सरकार गुरुकुल प्रणाली लागू करने की साजिश रच रही है। सवर्ण आरक्षण दो दिन में ही कानून बना दिया गया इसके साथ ही दलित, आदिवासी और ओबीसी को 13 प्वाइंट रोस्टर के जरिए उच्च शिक्षा से वंचित करने की पूरी तैयारी कर ली गई है।
इस पैदल मार्च में छात्र और शिक्षक संगठन भी शामिल हुए। रालोसपा के दिल्ली अध्यक्ष ने पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण खत्म करना चाहती है। 13 प्वाइंट रोस्टर से विश्वविद्यालयों की नियुक्ति में आरक्षण लगभग निष्प्रभावी हो गया है। वर्तमान में देशभर की यूनिवर्सिटीज में तीन लाख से ज्यादा पद खाली हैं।
ताजा नीति के अनुसार इन पदों को भरा जाए तो इसमें एससी/एसटी के लिए स्थान ही नहीं है और लगभग सभी पोस्ट सामान्य के लिए हो गई हैं। इसे लेकर छात्रों औऱ शिक्षकों में गुस्से का माहौल है। राजद नेता तेजस्वी यादव इस मामले पर शुरू से ही आरक्षित वर्ग के पक्ष में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के द्वारा दी गई आरक्षण की धज़्ज़िया उडाई जा रही है, पहले विश्वविद्यालय को यूनिट मानकर 200 प्वाइंट रोस्टर के जरिये बहाली होती थी लेकिन अब 13 पॉइंट के विभागवॉर रोस्टर की साज़िश की गई है।
आसान तरीके से समझिए रोस्टर विवाद
किसी डिपार्टमेंट यानी विषय में चार वेकेंसी निकली तो एक ओबीसी को मिलेगी। सात निकलेगी तो एक एससी को मिलेगी। 14वीं वेकेंसी आई तो एक एसटी को नौकरी मिलेगी। सरकारी आदेश में ठीक यही लिखा है।
वेकेंसी भी एक स्तर की यानी प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर या असिस्टेंट प्रोफेसर की होनी चाहिए। यानी चार प्रोफेसर के पोस्ट निकले, तब जाकर एक ओबीसी प्रोफेसर आएगा। अब पता कर लीजिए कि आपके शहर के कितने कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एक डिपार्टमेंट यानी विषय में एक स्तर पर चार या सात या 14 पक्की नौकरियां हैं। हाल ही में राजस्थान और हरियाणा यूनिवर्सिटी में नौकरी का विज्ञापन निकला है जिसमें सारी सीटें अनरिजर्व निकाली गई हैं क्योंकि 13 प्वाइंट रोस्टर में विश्वविद्यालय नहीं बल्कि विभाग को एक इकाई माना गया है।
दिल्ली के अलावा, पटना यूनिवर्सिटी, वाराणसी के बीएचयू, लखनऊ सहित देशभर की कई जगहों पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों, शिक्षकों औऱ चिंतकों का कहना है कि वर्तमान सरकार गुरुकुल प्रणाली लागू करने की साजिश रच रही है। सवर्ण आरक्षण दो दिन में ही कानून बना दिया गया इसके साथ ही दलित, आदिवासी और ओबीसी को 13 प्वाइंट रोस्टर के जरिए उच्च शिक्षा से वंचित करने की पूरी तैयारी कर ली गई है।
इस पैदल मार्च में छात्र और शिक्षक संगठन भी शामिल हुए। रालोसपा के दिल्ली अध्यक्ष ने पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण खत्म करना चाहती है। 13 प्वाइंट रोस्टर से विश्वविद्यालयों की नियुक्ति में आरक्षण लगभग निष्प्रभावी हो गया है। वर्तमान में देशभर की यूनिवर्सिटीज में तीन लाख से ज्यादा पद खाली हैं।
ताजा नीति के अनुसार इन पदों को भरा जाए तो इसमें एससी/एसटी के लिए स्थान ही नहीं है और लगभग सभी पोस्ट सामान्य के लिए हो गई हैं। इसे लेकर छात्रों औऱ शिक्षकों में गुस्से का माहौल है। राजद नेता तेजस्वी यादव इस मामले पर शुरू से ही आरक्षित वर्ग के पक्ष में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के द्वारा दी गई आरक्षण की धज़्ज़िया उडाई जा रही है, पहले विश्वविद्यालय को यूनिट मानकर 200 प्वाइंट रोस्टर के जरिये बहाली होती थी लेकिन अब 13 पॉइंट के विभागवॉर रोस्टर की साज़िश की गई है।
आसान तरीके से समझिए रोस्टर विवाद
किसी डिपार्टमेंट यानी विषय में चार वेकेंसी निकली तो एक ओबीसी को मिलेगी। सात निकलेगी तो एक एससी को मिलेगी। 14वीं वेकेंसी आई तो एक एसटी को नौकरी मिलेगी। सरकारी आदेश में ठीक यही लिखा है।
वेकेंसी भी एक स्तर की यानी प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर या असिस्टेंट प्रोफेसर की होनी चाहिए। यानी चार प्रोफेसर के पोस्ट निकले, तब जाकर एक ओबीसी प्रोफेसर आएगा। अब पता कर लीजिए कि आपके शहर के कितने कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एक डिपार्टमेंट यानी विषय में एक स्तर पर चार या सात या 14 पक्की नौकरियां हैं। हाल ही में राजस्थान और हरियाणा यूनिवर्सिटी में नौकरी का विज्ञापन निकला है जिसमें सारी सीटें अनरिजर्व निकाली गई हैं क्योंकि 13 प्वाइंट रोस्टर में विश्वविद्यालय नहीं बल्कि विभाग को एक इकाई माना गया है।