फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की चिंता के समर्थन में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आए हैं। वाइस चांसलर जनरल जमीर उद्दीन शाह ने कहा कि मैं सेना के बैकग्राउंड से आया हूं, इसलिए मैं कह सकता हूं कि मेरे पास डरने के लिए कुछ भी नहीं है लेकिन मैं चीजों की स्थिति में पूरी तरह से घृणा करता हूं, ध्रुवीकरण की राजनीति से छुटकारा पाना, पागलपन को रोकना है।
उन्होने कहा कि यह सिर्फ बुलंदशहर घटना के बारे में नहीं है। अन्य घटनाएं भी हुई हैं जहां अपराधियों को सजा नहीं दी गई है या गिरफ्तार नहीं किया गया है। मुझे विश्वास करना असंभव लगता है कि पुलिस हिंसा के अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है।
बता दें कि फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि अपने बच्चों के लिए ऐसे देश में डर लगता है जहां एक गाय का जीवन पुलिसकर्मी के जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जमीर उद्दीन शाह उनके भाई हैं।
बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है। ऐसे माहौल में मुझे अपनी औलादों के बारे में सोचकर फिक्र होती है। देश के माहौल में काफी जह फैल चुका है। इस जिन्न को बोतल में डालना मुश्किल लग रहा है।
उन्होने कहा कि यह सिर्फ बुलंदशहर घटना के बारे में नहीं है। अन्य घटनाएं भी हुई हैं जहां अपराधियों को सजा नहीं दी गई है या गिरफ्तार नहीं किया गया है। मुझे विश्वास करना असंभव लगता है कि पुलिस हिंसा के अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है।
बता दें कि फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि अपने बच्चों के लिए ऐसे देश में डर लगता है जहां एक गाय का जीवन पुलिसकर्मी के जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जमीर उद्दीन शाह उनके भाई हैं।
बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है। ऐसे माहौल में मुझे अपनी औलादों के बारे में सोचकर फिक्र होती है। देश के माहौल में काफी जह फैल चुका है। इस जिन्न को बोतल में डालना मुश्किल लग रहा है।