मध्यप्रदेश में भिंड जिले में किसानों पर तब आफत टूट पड़ी जब भिंड मुख्य ब्रांच नहर फूट गई। ऊमरी इलाके में सिकहाटा पुलिया के पास नहर टूटने से सिकहाटा, अकोड़ा और मोहनपुरा की करीब ढाई सौ बीघा जमीन में खड़ी सरसों की फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई।
गुस्साए किसानों ने भिंड-गोपालपुरा स्टेट हाईवे के अकोड़ा चौराहे पर जाम लगा दिया। सूचना मिलने पर ऊमरी टीआई तिमेश छारी, तहसीलदार आरएल वर्मा और पटवारी प्रियंका मौके पर पहुंच गए। सिंचाई विभाग के सब इंजीनियर भी मौके पर पहुंचे।
किसानों की एसडीएम से भी बात कराई गई और उचित मुआवजे के आश्वासन के बाद किसानों ने जाम हटाया।
गुरुवार रात को दस बजे पिपाहाड़ी हेड से भिंड मुख्य नहर में पानी छोड़ा गया और शुक्रवार की सुबह तक पानी ऊमरी सिकहाटा नहर में आ गया। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने न तो किसानों को इसकी सूचना दी और न ही गेट के चौकीदार को बताया। इस कारण सिकहाटा पुलिया के पास गेट कम खुल पाया और पानी का प्रेशर बढ़ने से नहर फूट गई।
नईदुनिया के मुताबिक, किसानों का कहना है कि 250 बीघा जमीन की सरसों तबाह हो गई है जबकि उसमें अंकुर भी फूट चुके थे। उनका हजारों की कीमत का बीज बर्बाद हो गया है। इस बार बारिश के कारण बोवनी पहले से ही लेट हो गई थी। लेकिन खेत में पानी भरने से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।
गुस्साए किसानों ने भिंड-गोपालपुरा स्टेट हाईवे के अकोड़ा चौराहे पर जाम लगा दिया। सूचना मिलने पर ऊमरी टीआई तिमेश छारी, तहसीलदार आरएल वर्मा और पटवारी प्रियंका मौके पर पहुंच गए। सिंचाई विभाग के सब इंजीनियर भी मौके पर पहुंचे।
किसानों की एसडीएम से भी बात कराई गई और उचित मुआवजे के आश्वासन के बाद किसानों ने जाम हटाया।
गुरुवार रात को दस बजे पिपाहाड़ी हेड से भिंड मुख्य नहर में पानी छोड़ा गया और शुक्रवार की सुबह तक पानी ऊमरी सिकहाटा नहर में आ गया। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने न तो किसानों को इसकी सूचना दी और न ही गेट के चौकीदार को बताया। इस कारण सिकहाटा पुलिया के पास गेट कम खुल पाया और पानी का प्रेशर बढ़ने से नहर फूट गई।
नईदुनिया के मुताबिक, किसानों का कहना है कि 250 बीघा जमीन की सरसों तबाह हो गई है जबकि उसमें अंकुर भी फूट चुके थे। उनका हजारों की कीमत का बीज बर्बाद हो गया है। इस बार बारिश के कारण बोवनी पहले से ही लेट हो गई थी। लेकिन खेत में पानी भरने से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।