मध्यप्रदेश के जबलपुर से हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है. दलितों के अलावा अब आदिवासियों पर भी हमले होने शुरु हो गए हैं. यहां जबलपुर के एक सरकारी अस्पताल में एक आदिवासी डॉक्टर ने सवर्ण मरीजों का इलाज क्या कर दिया उस पर मरीज के परिजन टूट पड़े. आदिवासी डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि कि आरोपियों ने उसके साथ मारपीट करते हुए गाली-गलौज भी की. बताया जा रहा है कि मरीजों के परिजन सवर्ण डॉक्टर से ही उनका इलाज कराना चाह रहे थे. पुलिस ने आईपीसी की धाराओं और एसटी-एसटी एक्ट की धाराओं समेत केस दर्ज कर लिया है. आरोपियों की तलाश जारी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला मामला जबलपुर के शासकीय सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज अस्पताल का बताया जा रहा है. शुक्रवार शाम पीड़ित डॉक्टर गीतेश रात्रे इमरजेंसी डिपार्टमेंट में ड्यूटी पर तैनात थे. करीब 7 बजे दुर्घटना में जख्मी दो महिलाओं को अस्पताल लाया गया. महिलाओं की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर गीतेश ने नर्स स्टॉफ को फौरन घायल महिलाओं काइलाज करने के निर्देश दिए. कुछ देर बाद महिलाओं के परिजन अस्पताल पहुंचे.
जबलपुर स्थित गढ़ा पुलिस थाना प्रभारी एस. खान ने बताया कि अस्पताल पहुंचने वाले लोगों में से उमेश यादव नाम के शख्स ने डॉक्टर से उनका नाम और जाति पूछी. उनके अपना नाम और अनुसूचित जनजाति वर्ग के होने की जानकारी देने के बाद वह लोग भड़क उठे. उन्होंने सवर्ण जाति के डॉक्टर से इलाज कराने की मांग की. डॉक्टर रात्रे ने उन्हें बताया कि इस समय वह ड्यूटी में हैं और घायल महिलाओं का प्राथमिकता पर इलाज किया जा रहा है.
उनके इतना कहते ही गुस्साए मरीज के परिजनों ने डॉक्टर रात्रे का कॉलर पकड़कर उनके साथ अभद्रता कर दी. डॉक्टर को धक्का देकर गिरा दिया गया. डॉक्टर रात्रे का आरोप है कि उन्होंने उन्हें अपशब्द भी कहे थे. उनके साथ धक्का-मुक्की और अभद्र व्यवहार करने के बाद वह लोग घायलों को अस्पताल से ले गए. पीड़ित डॉक्टर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया है. आरोपियों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला मामला जबलपुर के शासकीय सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज अस्पताल का बताया जा रहा है. शुक्रवार शाम पीड़ित डॉक्टर गीतेश रात्रे इमरजेंसी डिपार्टमेंट में ड्यूटी पर तैनात थे. करीब 7 बजे दुर्घटना में जख्मी दो महिलाओं को अस्पताल लाया गया. महिलाओं की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर गीतेश ने नर्स स्टॉफ को फौरन घायल महिलाओं काइलाज करने के निर्देश दिए. कुछ देर बाद महिलाओं के परिजन अस्पताल पहुंचे.
जबलपुर स्थित गढ़ा पुलिस थाना प्रभारी एस. खान ने बताया कि अस्पताल पहुंचने वाले लोगों में से उमेश यादव नाम के शख्स ने डॉक्टर से उनका नाम और जाति पूछी. उनके अपना नाम और अनुसूचित जनजाति वर्ग के होने की जानकारी देने के बाद वह लोग भड़क उठे. उन्होंने सवर्ण जाति के डॉक्टर से इलाज कराने की मांग की. डॉक्टर रात्रे ने उन्हें बताया कि इस समय वह ड्यूटी में हैं और घायल महिलाओं का प्राथमिकता पर इलाज किया जा रहा है.
उनके इतना कहते ही गुस्साए मरीज के परिजनों ने डॉक्टर रात्रे का कॉलर पकड़कर उनके साथ अभद्रता कर दी. डॉक्टर को धक्का देकर गिरा दिया गया. डॉक्टर रात्रे का आरोप है कि उन्होंने उन्हें अपशब्द भी कहे थे. उनके साथ धक्का-मुक्की और अभद्र व्यवहार करने के बाद वह लोग घायलों को अस्पताल से ले गए. पीड़ित डॉक्टर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया है. आरोपियों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है.