मध्यप्रदेश में किसानों के साथ धोखाधड़ी लगातार जारी है। जबलपुर की शहपुरा कृषि उपज मंडी में किसानों की चना फसल खरीदी और राशि का भुगतान करने में अभी करीब 9 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।
माना जा रहा है कि पूरी जांच के बाद धोखाधड़ी का मामला एक करोड़ तक पहुंच सकता है। कलेक्टर छवि भारद्वाज के निर्देश पर फूड कंट्रोलर एसके जादौन की जांच के बाद बाद सोमवार की रात शहपुरा पुलिस थाने में कृषि उपज मंडी के विक्रय अधिकारी कुलदीप शुक्ला के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया।
(courtesy: naidunia.jagran.com)
नईदुनिया के मुताबिक, शहपुरा कृषि उपज मंडी में कार्यरत विक्रय अधिकारी शुक्ला के खिलाफ जांच में धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। पुलिस के मुताबिक मंडी में किसानों ने शासकीय दर पर चने की फसल बेची, लेकिन विक्रय अधिकारी शुक्ला के निर्देश पर ज्यादातर किसानों को फसल बेचने के बाद हाथ से लिखी पर्ची दी गई और एक सप्ताह बाद भुगतान लेने आने को कहा गया। इसके बाद चना फसल की खरीदी का रिकॉर्ड कंप्यूटर पर अपडेट नहीं किया गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दो सप्ताह बाद मंडी में किसानों से फिर खरीदी की गई और उसका कंप्यूटर पर रिकॉर्ड तैयार किया गया, लेकिन दो सप्ताह बाद फिर खरीदी हाथ से लिखी पर्ची के आधार पर की गई। इससे फसल बेचने और हाथ से लिखी पर्ची लेने वाले किसानों को भुगतान नहीं हुआ, जबकि बाद में फसल बेचने वाले किसानों को भुगतान किया गया।
इस बीच कृषि उपज मंडी से धीरे-धीरे चने से लदे 79 ट्रक निकल गए। इसके बाद भी सैकड़ों किसान चना फसल का भुगतान पाने मंडी के चक्कर काट रहे हैं।
शहपुरा मंडी की खरीदी में गड़बड़ी होने से किसानों में गुस्सा फैल गया। विक्रय अधिकारी शुक्ला ने कुछ किसानों की पर्ची लेकर कम्प्यूटर रिकॉर्ड में दर्ज कराया, लेकिन इससे फसल खरीदी का रिकॉर्ड ऊपर-नीचे होने के साथ ही गड़बड़ा गया। मंडी के विक्रय अधिकारी शुक्ला ने 1 अप्रैल से 7 जून तक रिकॉर्ड में गड़बड़ी करके किसानों से धोखाधड़ी की।
चना फसल की खरीदी और राशि का भुगतान नहीं होने पर किसानों ने कलेक्टर से शिकायत की। कलेक्टर छवि भारद्वाज ने किसानों की शिकायत पर फूड कंट्रोलर एसके जादौन को इस मामले का जांच अधिकारी बना दिया। जांच के बाद विक्रय अधिकारी कुलदीप शुक्ला के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई।
माना जा रहा है कि पूरी जांच के बाद धोखाधड़ी का मामला एक करोड़ तक पहुंच सकता है। कलेक्टर छवि भारद्वाज के निर्देश पर फूड कंट्रोलर एसके जादौन की जांच के बाद बाद सोमवार की रात शहपुरा पुलिस थाने में कृषि उपज मंडी के विक्रय अधिकारी कुलदीप शुक्ला के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया।
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नईदुनिया के मुताबिक, शहपुरा कृषि उपज मंडी में कार्यरत विक्रय अधिकारी शुक्ला के खिलाफ जांच में धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। पुलिस के मुताबिक मंडी में किसानों ने शासकीय दर पर चने की फसल बेची, लेकिन विक्रय अधिकारी शुक्ला के निर्देश पर ज्यादातर किसानों को फसल बेचने के बाद हाथ से लिखी पर्ची दी गई और एक सप्ताह बाद भुगतान लेने आने को कहा गया। इसके बाद चना फसल की खरीदी का रिकॉर्ड कंप्यूटर पर अपडेट नहीं किया गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दो सप्ताह बाद मंडी में किसानों से फिर खरीदी की गई और उसका कंप्यूटर पर रिकॉर्ड तैयार किया गया, लेकिन दो सप्ताह बाद फिर खरीदी हाथ से लिखी पर्ची के आधार पर की गई। इससे फसल बेचने और हाथ से लिखी पर्ची लेने वाले किसानों को भुगतान नहीं हुआ, जबकि बाद में फसल बेचने वाले किसानों को भुगतान किया गया।
इस बीच कृषि उपज मंडी से धीरे-धीरे चने से लदे 79 ट्रक निकल गए। इसके बाद भी सैकड़ों किसान चना फसल का भुगतान पाने मंडी के चक्कर काट रहे हैं।
शहपुरा मंडी की खरीदी में गड़बड़ी होने से किसानों में गुस्सा फैल गया। विक्रय अधिकारी शुक्ला ने कुछ किसानों की पर्ची लेकर कम्प्यूटर रिकॉर्ड में दर्ज कराया, लेकिन इससे फसल खरीदी का रिकॉर्ड ऊपर-नीचे होने के साथ ही गड़बड़ा गया। मंडी के विक्रय अधिकारी शुक्ला ने 1 अप्रैल से 7 जून तक रिकॉर्ड में गड़बड़ी करके किसानों से धोखाधड़ी की।
चना फसल की खरीदी और राशि का भुगतान नहीं होने पर किसानों ने कलेक्टर से शिकायत की। कलेक्टर छवि भारद्वाज ने किसानों की शिकायत पर फूड कंट्रोलर एसके जादौन को इस मामले का जांच अधिकारी बना दिया। जांच के बाद विक्रय अधिकारी कुलदीप शुक्ला के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई।