कोरोना के कहर से एक तरफ तो लोग अपनों को खो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कफन चोरी तक के मामले सामने आ रहे हैं। गुजरात में बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई जबलपुर में भी खूब हुई है। जबलपुर शहर के बड़े प्राइवेट अस्पताल में शुमार सिटी अस्पताल पर बड़ा आरोप लगा है। अस्पताल ने मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए हैं। पुलिस की प्राथमिक जांच में कुछ साक्ष्य मिले हैं, उसके बाद अस्पताल के मालिक और वीएचपी नेता पर मामला दर्ज किया है।
जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर पुलिस ने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा पर मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा अस्पताल के देवेश चौरसिया और भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन पर भी मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद जबलपुर में हड़कंप मच गया है।
दरअसल, सपन जैन को गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के आरोप मे 7 मई को गिरफ्तार पर ले गई है। सपन जैन के परिजनों ने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत मोखा पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन गुजरात से खरीदे जाने का आरोप लगाया था। आरोपी सपन जैन को जब गुजरात पुलिस गिरफ्तार कर ले गयी थी, उसके बाद सरबजीत सिंह मोखा ने सोशल मीडिया विज्ञप्ति जारी कर अपने ऊपर लगे आरोप को खारिज किया था।
सपन जैन को गुजरात पुलिस की गिरफ्त देखने के बाद सरबजीत मोखा को दिल का दौरा पड़ने के बाद सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सरबजीत मोखा विश्व हिन्दू परिषद जबलपुर का कार्यकारी अध्यक्ष है। 30 अप्रैल को सरबजीत सिंह मोखा ने सांसद राकेश सिंह के निवास पर प्रभारी मंत्री अरविंद भदौरिया की उपस्थिति में 500 बिस्तरों वाले कोविड केयर सेंटर के लिए 11 लाख रुपये की राशि रेड क्रास सोसाइटी को दिए थे।
सूत्र बताते हैं कि मोखा का सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के नेताओं तक खासी पहुंच है। सिटी हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण के भर्ती मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए है। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि जिस तरह से जबलपुर में सैकड़ों की संख्या में कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। कहीं न कहीं उन मौतों का कारण नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तो नहीं था। पुलिस इस पर भी गंभीरता से जांच कर रही है।
पुलिस ने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत मोखा, हॉस्पिटल के मैनेजर देवेश चौरसिया और भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन पर प्रकरण दर्ज किया है।
जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर पुलिस ने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा पर मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा अस्पताल के देवेश चौरसिया और भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन पर भी मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद जबलपुर में हड़कंप मच गया है।
दरअसल, सपन जैन को गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के आरोप मे 7 मई को गिरफ्तार पर ले गई है। सपन जैन के परिजनों ने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत मोखा पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन गुजरात से खरीदे जाने का आरोप लगाया था। आरोपी सपन जैन को जब गुजरात पुलिस गिरफ्तार कर ले गयी थी, उसके बाद सरबजीत सिंह मोखा ने सोशल मीडिया विज्ञप्ति जारी कर अपने ऊपर लगे आरोप को खारिज किया था।
सपन जैन को गुजरात पुलिस की गिरफ्त देखने के बाद सरबजीत मोखा को दिल का दौरा पड़ने के बाद सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सरबजीत मोखा विश्व हिन्दू परिषद जबलपुर का कार्यकारी अध्यक्ष है। 30 अप्रैल को सरबजीत सिंह मोखा ने सांसद राकेश सिंह के निवास पर प्रभारी मंत्री अरविंद भदौरिया की उपस्थिति में 500 बिस्तरों वाले कोविड केयर सेंटर के लिए 11 लाख रुपये की राशि रेड क्रास सोसाइटी को दिए थे।
सूत्र बताते हैं कि मोखा का सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के नेताओं तक खासी पहुंच है। सिटी हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण के भर्ती मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए है। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि जिस तरह से जबलपुर में सैकड़ों की संख्या में कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। कहीं न कहीं उन मौतों का कारण नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तो नहीं था। पुलिस इस पर भी गंभीरता से जांच कर रही है।
पुलिस ने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत मोखा, हॉस्पिटल के मैनेजर देवेश चौरसिया और भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन पर प्रकरण दर्ज किया है।