मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजाति के संयुक्त मोर्चे ने रविवार की सुबह भोपाल के भेल दशहरा मैदान में जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस मोर्चे के प्रदर्शन को चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है.

संयुक्त मोर्चे का महासम्मेलन में प्रदेश भर से आए पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया. सम्मेलन में आरक्षण पर मोर्चे के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी तो वहीं सीएम शिवराज सिंह के उस बयान पर भी नाराजगी जताई जिसमें उन्होंने ''बिना जांच कार्रवाई ना करने का भरोसा दिलाया था."
इसके साथ ही मोर्चे ने साफ कर दिया कि एट्रोसिटी एक्ट, पदोन्नति में आरक्षण से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे और ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में 52 फीसदी आरक्षण लागू करवाने के लिए लड़ाई जारी रखेंगे. ओबीसी-एससी-एसटी संयुक्त मोर्चा की समन्वय समिति के सदस्य एसएल सूर्यवंशी ने कहा कि जातीय आधार पर जनगणना कराई जाए और उसके आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं ताकि बैकलॉग पदों को मेरिट के आधार पर चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले भरा जा सके."

एसएल सूर्यवंशी ने बताया कि रविवार के सम्मेलन के दौरान मोर्चे ने फैसला किया है कि ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग के लोग आने वाले विधानसभा चुनाव में सवर्ण उम्मीदवार या उस उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे जो आरक्षण का विरोध करेगा." साफ है कि इस बड़े शक्ति प्रदर्शन से राजनीतिक दलों को मोर्चे ने ये संदेश देने की कोशिश की है कि जो उनके साथ होगा, चुनाव में इसका फायदा उसे जरूर मिलेगा.

संयुक्त मोर्चे का महासम्मेलन में प्रदेश भर से आए पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया. सम्मेलन में आरक्षण पर मोर्चे के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी तो वहीं सीएम शिवराज सिंह के उस बयान पर भी नाराजगी जताई जिसमें उन्होंने ''बिना जांच कार्रवाई ना करने का भरोसा दिलाया था."
इसके साथ ही मोर्चे ने साफ कर दिया कि एट्रोसिटी एक्ट, पदोन्नति में आरक्षण से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे और ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में 52 फीसदी आरक्षण लागू करवाने के लिए लड़ाई जारी रखेंगे. ओबीसी-एससी-एसटी संयुक्त मोर्चा की समन्वय समिति के सदस्य एसएल सूर्यवंशी ने कहा कि जातीय आधार पर जनगणना कराई जाए और उसके आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं ताकि बैकलॉग पदों को मेरिट के आधार पर चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले भरा जा सके."

एसएल सूर्यवंशी ने बताया कि रविवार के सम्मेलन के दौरान मोर्चे ने फैसला किया है कि ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग के लोग आने वाले विधानसभा चुनाव में सवर्ण उम्मीदवार या उस उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे जो आरक्षण का विरोध करेगा." साफ है कि इस बड़े शक्ति प्रदर्शन से राजनीतिक दलों को मोर्चे ने ये संदेश देने की कोशिश की है कि जो उनके साथ होगा, चुनाव में इसका फायदा उसे जरूर मिलेगा.