राजस्थान के कोटा में स्क्रब टाइफस नाम की बीमारी जानलेवा साबित हो रही है। अब तक इस बीमारी से जिले में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी से ग्रस्त 9 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया था जिनमें से 6 की मौत हो चुकी है।
डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों का लगातार प्रकोप झेल रहे राजस्थान के लोगों पर अब स्क्रब टाइफस नाम की बीमारी नए कहर के रूप में टूट रही है।
मूल रूप से यह बीमारी कीटों के जरिए फैलती है। यह घास में रहने वाले कीड़ों में पलने वाले पिस्सू की वजह से फैलता है। संक्रमित होने के पांच से लेकर 12 दिनों तक के अंदर रोग के लक्षण सामने आने लगते हैं। पहले सिरदर्द, भूख न लगना, भारीपन का अनुभव होने के बाद अचानक सर्दी लगकर तेज बुखार चढ़ता है और बहुत ज्यादा कमजोरी हो जाती है। बुखार 7 से लेकर 12 दिन तक रहता है। कमजोरी बढ़ने लगती है। बेहोशी और हृदय संबंधी समस्याएं सामने आती हैं। बुखार के चौथे से लेकर छठे दिन तक के भीतर शरीर पर गहरे लाल रंग दाने निकल आते हैं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न अस्पतालों से चिकित्सा विभाग ने 38 सैंपल लिए थे और जांच के बाद इनमें से 9 लोगों को गुरुवार को भर्ती किया गया था। इनमें से 6 लोगों की मौत हो जाने के कारण जिले में डर फैल गया है।
इन छह लोगों की मौत 13 से बीस अगस्त के बीच हो गई। इनमें से तीन बूंदी, दो झालवाड़, और एक कोटा का था। इनके अलावा 50 लोगों में स्वाइन फ्लू और 185 में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं।
लोगों ने बताया है कि स्क्रब टायफस के मरीजों की जांच रिपोर्ट में देरी भी इन मरीजों की मौत का कारण है। बताया जा रहा है कि इन मरीजों के सैंपल पहले ही ले लिए गए थे, लेकिन जांच गुरुवार को हो पाई। इस बीच इन मरीजों की मौत हो गई।
डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों का लगातार प्रकोप झेल रहे राजस्थान के लोगों पर अब स्क्रब टाइफस नाम की बीमारी नए कहर के रूप में टूट रही है।
मूल रूप से यह बीमारी कीटों के जरिए फैलती है। यह घास में रहने वाले कीड़ों में पलने वाले पिस्सू की वजह से फैलता है। संक्रमित होने के पांच से लेकर 12 दिनों तक के अंदर रोग के लक्षण सामने आने लगते हैं। पहले सिरदर्द, भूख न लगना, भारीपन का अनुभव होने के बाद अचानक सर्दी लगकर तेज बुखार चढ़ता है और बहुत ज्यादा कमजोरी हो जाती है। बुखार 7 से लेकर 12 दिन तक रहता है। कमजोरी बढ़ने लगती है। बेहोशी और हृदय संबंधी समस्याएं सामने आती हैं। बुखार के चौथे से लेकर छठे दिन तक के भीतर शरीर पर गहरे लाल रंग दाने निकल आते हैं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न अस्पतालों से चिकित्सा विभाग ने 38 सैंपल लिए थे और जांच के बाद इनमें से 9 लोगों को गुरुवार को भर्ती किया गया था। इनमें से 6 लोगों की मौत हो जाने के कारण जिले में डर फैल गया है।
इन छह लोगों की मौत 13 से बीस अगस्त के बीच हो गई। इनमें से तीन बूंदी, दो झालवाड़, और एक कोटा का था। इनके अलावा 50 लोगों में स्वाइन फ्लू और 185 में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं।
लोगों ने बताया है कि स्क्रब टायफस के मरीजों की जांच रिपोर्ट में देरी भी इन मरीजों की मौत का कारण है। बताया जा रहा है कि इन मरीजों के सैंपल पहले ही ले लिए गए थे, लेकिन जांच गुरुवार को हो पाई। इस बीच इन मरीजों की मौत हो गई।