गृह राज्य मामलों के केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि कि साल 2014 से 2016 तक 1, 10, 333 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए. एक लिखित जवाब में उन्होने बताया कि साल 2016 में 38, 947 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2015 में 34,6501 और 2014 में 36, 735 मामले दर्ज किए गए.
उन्होने बताया कि 2016 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 3, 38, 954 मामले दर्ज किए गए जबकि 2015 में 3,29,243 औप 2014 में 3, 39, 457 मामले दर्ज किए गए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होने कहा कि सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम के लिए एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण पर जोर देने, ऑनलाइन शिकायत फाइलिंग प्रणाली प्रदान करने, पुलिस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने, पुलिस की लिंग संवेदीकरण, सक्रिय पीड़ित मुआवजा निधि, मानव तस्करी विरोधी इकाइयों की स्थापना, विशेष माहिला पुलिस की तैनाती पर कदम उठाने के लिए उपाय जारी किए हैं.
रिजिजू ने कहा कि सरकार ने 24*7 हेल्पलाइन नंबर 112 के आधार पर कॉल / एसएमएस / ईमेल / पैनिक बटन के माध्यम से सुलभ एक ‘आपातकालीन प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली’ विकसित करने के लिए एक परियोजना भी शुरू की है. गृह मंत्रालय जांच में सुविधा के लिए यौन अपराधियों के राष्ट्रीय डेटाबेस पर भी काम कर रहा है.’
उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध के लिए एक अलग पोर्टल शुरू किया गया है.
एक अन्य सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि एक हालिया सर्वेक्षण में भारत को महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक देश बताया गया, वह धारणा और दोषपूर्ण पद्धति पर आधारित था.
उन्होने बताया कि 2016 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 3, 38, 954 मामले दर्ज किए गए जबकि 2015 में 3,29,243 औप 2014 में 3, 39, 457 मामले दर्ज किए गए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होने कहा कि सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम के लिए एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण पर जोर देने, ऑनलाइन शिकायत फाइलिंग प्रणाली प्रदान करने, पुलिस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने, पुलिस की लिंग संवेदीकरण, सक्रिय पीड़ित मुआवजा निधि, मानव तस्करी विरोधी इकाइयों की स्थापना, विशेष माहिला पुलिस की तैनाती पर कदम उठाने के लिए उपाय जारी किए हैं.
रिजिजू ने कहा कि सरकार ने 24*7 हेल्पलाइन नंबर 112 के आधार पर कॉल / एसएमएस / ईमेल / पैनिक बटन के माध्यम से सुलभ एक ‘आपातकालीन प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली’ विकसित करने के लिए एक परियोजना भी शुरू की है. गृह मंत्रालय जांच में सुविधा के लिए यौन अपराधियों के राष्ट्रीय डेटाबेस पर भी काम कर रहा है.’
उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध के लिए एक अलग पोर्टल शुरू किया गया है.
एक अन्य सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि एक हालिया सर्वेक्षण में भारत को महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक देश बताया गया, वह धारणा और दोषपूर्ण पद्धति पर आधारित था.