छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने के बाद किसान ठगे महसूस कर रहे हैं। फसल चौपट होने के बाद किसानों ने बीमा दावे पेश किए लेकिन बड़ी संख्या में दावे किसी न किसी कारण से नामंजूर कर दिए गए हैं। बिलासपुर के किसानों का मामला पहले ही चर्चा में रहा है और अब राजनांदगांव में भी किसान परेशान हो रहे हैं।

केवल राजनांदगांव जिले में ही 27 हजार 172 किसानों को बीमा का एक पैसा नहीं मिला है। इसका कारण ये भी है कि शासन ये मानने को ही तैयार नहीं है कि किसानों की फसल खराब हुई है।
बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने की नीयत इसमें साफ दिख रही है क्योंकि सूखा राहत बांटते समय तो माना गया था कि सूखे के कारण फसल नहीं हो पाई है, लेकिन अब जब बीमा की राशि के दावे की बात आई तो किसानों की फसल को अच्छा बताया जाने लगा।
दैनिक भास्कर के अनुसार, 2017-18 में राजनांदगांव में 1,78,878 किसानों ने खरीफ की फसल का बीमा कराया था। 400 करोड़ रुपए के बीमा दावे मंजूर हुए लेकिन 27,172 किसानों को कुछ भी नहीं मिल पाया है। अब किसान परेशान होते घूम रहे हैं।
जिले के बरनाराकला, पनियाजोबी, चिद्दो, खरकाटोला के सैकड़ों किसानों ने जिला कलेक्टर से मुलाकात करके फसल बीमा राशि का भुगतान कराने की मांग की है। इन पंचायतों के किसानों को बीमा राशि बिलकुल भी नहीं मिली है। किसानों को अब अगली फसल की चिंता सता रही है।
बीमा इफको टोकियो कंपनी ने किया था और किसानों ने समय पर प्रीमियम की राशि जमा कराई थी, लेकिन जब दावे की बारी आई तो कंपनी ने उनके दावे खारिज कर दिए। जिन किसानों को भुगतान मिला है, उनका जिक्र तो कंपनी कर रही है लेकिन जिनके दावे रद्द कर दिए, उनके बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
इफको टोकियो कंपनी के स्टेट मैनेजर वैभव शुक्ला का कहना है कि बीमा पॉलिसी के तहत नुकसान का आकलन किया गया था और रिपोर्ट मिलने के बाद दावों का भुगतान कर दिया गया है।

केवल राजनांदगांव जिले में ही 27 हजार 172 किसानों को बीमा का एक पैसा नहीं मिला है। इसका कारण ये भी है कि शासन ये मानने को ही तैयार नहीं है कि किसानों की फसल खराब हुई है।
बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने की नीयत इसमें साफ दिख रही है क्योंकि सूखा राहत बांटते समय तो माना गया था कि सूखे के कारण फसल नहीं हो पाई है, लेकिन अब जब बीमा की राशि के दावे की बात आई तो किसानों की फसल को अच्छा बताया जाने लगा।
दैनिक भास्कर के अनुसार, 2017-18 में राजनांदगांव में 1,78,878 किसानों ने खरीफ की फसल का बीमा कराया था। 400 करोड़ रुपए के बीमा दावे मंजूर हुए लेकिन 27,172 किसानों को कुछ भी नहीं मिल पाया है। अब किसान परेशान होते घूम रहे हैं।
जिले के बरनाराकला, पनियाजोबी, चिद्दो, खरकाटोला के सैकड़ों किसानों ने जिला कलेक्टर से मुलाकात करके फसल बीमा राशि का भुगतान कराने की मांग की है। इन पंचायतों के किसानों को बीमा राशि बिलकुल भी नहीं मिली है। किसानों को अब अगली फसल की चिंता सता रही है।
बीमा इफको टोकियो कंपनी ने किया था और किसानों ने समय पर प्रीमियम की राशि जमा कराई थी, लेकिन जब दावे की बारी आई तो कंपनी ने उनके दावे खारिज कर दिए। जिन किसानों को भुगतान मिला है, उनका जिक्र तो कंपनी कर रही है लेकिन जिनके दावे रद्द कर दिए, उनके बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
इफको टोकियो कंपनी के स्टेट मैनेजर वैभव शुक्ला का कहना है कि बीमा पॉलिसी के तहत नुकसान का आकलन किया गया था और रिपोर्ट मिलने के बाद दावों का भुगतान कर दिया गया है।