राजस्थान में तबाह हो रहे हैं प्याज के किसान

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: October 29, 2018
भारतीय जनता पार्टी अपने शासन वाले राज्यों में किसानों की खुशहाली के दावे कर रही है लेकिन वास्तव में इन राज्यों में किसान बर्बादी के कगार पर जा पहुंचा है और लगातार आत्महत्याएं कर रहा है।

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राजस्थान में भी यही हालात हैं। प्याज़ के किसान अपनी उपज के सही दाम न मिलने से परेशान हैं। किसानों का कहना है कि उनको फायदा होना तो दूर, उनकी लागत तक नहीं निकल पा रही है।
 
इनाडु इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अलवर की मंडली में हर दिन 20 हजार कट्टे प्याज बिक्री के लिए पहुंच रहा है और प्याज का भाव 300 से 650 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।  इससे किसानों को बेहद नुकसान हो रहा है।
 
जानकार बताते हैं कि इस बार प्याज में रोग भी लग गया है जिसके कारण भी किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं। व्यापारी बताते हैं कि मंडी में इन दिनों काफी मात्रा में प्याज आ रहा है लेकिन किसानों को उसका सही दाम नहीं मिल पा रहा है।
 
किसानों का कहना है कि सरकार को किसानों की मदद करनी चाहिए क्योंकि अन्य राज्यों में तो प्याज के भाव तय हैं, लेकिन राजस्थान में ऐसा कुछ नहीं है। 
 
जिन राज्यों में सरकारी भाव तय है वहां कम दाम पर प्याज बिकने की स्थिति में सरकारी कर्मचारी नुकसान का अनुमान लगाकर किसानों को सरकार से मदद दिला देते हैं, लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं कर रखी है। इस कारण किसान परेशान हैं।
 
पत्रिका के अनुसार युवा आढ़ती एसोसिएशन का कहना है कि दक्षिण भारत में प्याज की अच्छी पैदावार होने के कारण भी प्याज के दाम कम मिल रहे हैं। अन्य राज्यों से कम संख्या में खरीददार आ रहे हैं और प्याज की गुणवत्ता भी कमजोर है। इस बार पहले ओलावृष्टि और बरसात से प्याज की पैदावार कमजोर हुई है। इसके कारण प्याज अच्छी तरह से नहीं आया है। इसका खामियाजा किसानों को भी उठाना पड़ रहा है और आढ़तियों को भी।
 

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