यूपी में 'रामराज्य' है- नकली जहरीली-शराब पीने की पूरी आजादी!

Published on: May 22, 2018
उत्तर प्रदेश के कानपुर और कानपुर देहात में  ज़हरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो गई है। इस घटना के बाद से शराब दुकान मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर दुकान को सील कर दिया गया है। इस मामले में कुछ आबकारी विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है। ऐसे में मामले की जांच कर उन कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। वहीं कुछ लोगों को हैलेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद जहां गांव में कोहराम मच गया, वहीं जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। प्रशासन ने जिस ठेके से शराब खरीदी गई थी, उसके सैंपल लेकर ठेका बंद करा दिया है। साथ ही क्षेत्रीय आबकारी इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया है। हालांकि अधिकारी मौतों की वजह जहरीली शराब होना फिलहाल स्वीकार नहीं कर रहे हैं। 

इस मामले पर सोशल मीडिया पर क्या कहते हैं यूजर्स-

वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश लिखते हैं, ''यूपी में 'रामराज्य' है-नकली जहरीली-शराब पीने की पूरी आजादी! कानपुर में पीकर 10 लोग मरे। बिहार में शराब पर पाबंदी है। पर सत्ता और शक्ति का नशा भला किसके रोके रूका है! कुछ समय पहले न जाने किस नशे में एक सत्ताधारी खेमे की गाड़ी से कुचलकर नौ बच्चों की मौत हो गई थी। अभी एक पार्षद को नशे में गिरफ्तार किया गया। बेचारा पीकर सड़क पर घूम रहा था।
बताते हैं नशे की हालत में पकड़े जाने पर इस वक्त हजारों लोग जेल में हैं। इनमें निनान्वे फीसदी गरीब लोग हैं! आप ही बताइये नशे में कौन है? एक मित्र ने बताया कि आज ह्विस्की डे है! कानपुरमें जहरीली शराब से मरे10लोग भला कहां से पाते ह्विस्की! देसी पीकर गम गलत कर रहे थे। 'रामराज्य' मे मारे गये!''

प्रमोद शुक्ला फेसबुक पोस्ट में लिखते हैं, ''गोरखपुर अस्पताल में हुई बच्चों की मौत, बनारस में निर्माणाधीन फ्लाईओवर गिरने से राहगीरों की मौत और कानपुर में जहरीली शराब से हुई मौत ने यह साबित कर दिया है कि योगी का अधिकारियों में साल भर बाद भी वो खौफ नहीं बन पाया है जो मायावती का पहले दिन से हो जाता है।''

नीतेंद्र वर्मा लिखते हैं, ''हिंदुस्तान में जिम्मेदार हादसों के बाद ही जागते हैं। हाल ही में स्कूली वैन हादसे के बाद कुछ दिन स्कूली वैनों को चेक करने का अभियान चला था। अब कानपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद बारी शराब ठेकों की है।''

अंबरीश कुमार लिखते हैं, ''भाजपा ने मोदी की तुलना पवित्र गंगा से की है ,उसी गंगा से जिसका पानी पीने से बीमार पड़ सकते हैं इतनी जहरीली हो चुकी है। कानपूर बनारस में तो गटर का पानी भी गंगा में बहता है। पार्टी ने ठीक से बचाव नहीं किया है इसका लोग उल्टा अर्थ निकाल रहे है। मोदी को सतर्क रहना चाहिए।''

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