नई दिल्ली। केंद्र सरकार को 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का आइडिया मध्य प्रदेश सरकार से मिला था लेकिन मध्यप्रदेश में ही यह योजना केवल नारों में ही सीमित होकर रह गई है। आपको बतो दें कि चाइल्ड राइट्स ऐंड यू (CRY) के एक सर्वे के मुताबिक स्कूल एजुकेशन बजट का 0.6 प्रतिशत हिस्सा ही छात्राओं की स्कूली शिक्षा पर खर्च होता है।
इस सर्वें के मुताबिक बच्चियों के लिए बड़ी योजनाओं की शुरुआत करने का श्रेय लेने वाली एमपी सरकार का प्रदर्शन बाकी राज्यों से खराब रहा है। जब लड़कियों की शिक्षा के लिए बजट की बात करते हैं तो यह राज्य में बढ़ने की बजाय कम हो रही है। 2015 के मुकाबले 2016 में बजट में करीब 1 प्रतिशत की कमी आई। जबकि ओडिशा का रिकॉर्ड इस मामले में बेहतर है। ओडिशा सरकार बजट का 5.9 प्रतिशत हिस्सा छात्राओं को पढ़ाने में खर्च करता है।
सर्वे के मुताबिक, '2016 में लड़कियों के माध्यमिक स्तर पर प्रवेश का रेशियो 45.6 प्रतिशत है वहीं उच्च माध्यमिक में यह 23 प्रतिशत है। इतने कम रेशियो के बावजूद राज्य सरकार स्कूल एजुकेशन बजट का 0.6 फीसदी ही लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करती है।'
बता दें कि मध्यप्रदेश में प्राथमिक स्तर पर छात्राओं का ड्रॉपआउट रेट 8.16 प्रतिशत है, यह माध्यमिक स्तर पर बढ़कर 26 प्रतिशत हो जाता है। हाल ही में राज्य शिक्षा केंद्र के कमिश्नर बनाए गए लोकेश जाटव ने कहा, 'मैं अभी ऑफिस में नया हूं। मुझे सर्वे को बारीके से पढ़ना होगा उसके बाद ही में कोई कमेंट कर पाऊंगा।'
Courtesy: National Dastak
इस सर्वें के मुताबिक बच्चियों के लिए बड़ी योजनाओं की शुरुआत करने का श्रेय लेने वाली एमपी सरकार का प्रदर्शन बाकी राज्यों से खराब रहा है। जब लड़कियों की शिक्षा के लिए बजट की बात करते हैं तो यह राज्य में बढ़ने की बजाय कम हो रही है। 2015 के मुकाबले 2016 में बजट में करीब 1 प्रतिशत की कमी आई। जबकि ओडिशा का रिकॉर्ड इस मामले में बेहतर है। ओडिशा सरकार बजट का 5.9 प्रतिशत हिस्सा छात्राओं को पढ़ाने में खर्च करता है।
सर्वे के मुताबिक, '2016 में लड़कियों के माध्यमिक स्तर पर प्रवेश का रेशियो 45.6 प्रतिशत है वहीं उच्च माध्यमिक में यह 23 प्रतिशत है। इतने कम रेशियो के बावजूद राज्य सरकार स्कूल एजुकेशन बजट का 0.6 फीसदी ही लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करती है।'
बता दें कि मध्यप्रदेश में प्राथमिक स्तर पर छात्राओं का ड्रॉपआउट रेट 8.16 प्रतिशत है, यह माध्यमिक स्तर पर बढ़कर 26 प्रतिशत हो जाता है। हाल ही में राज्य शिक्षा केंद्र के कमिश्नर बनाए गए लोकेश जाटव ने कहा, 'मैं अभी ऑफिस में नया हूं। मुझे सर्वे को बारीके से पढ़ना होगा उसके बाद ही में कोई कमेंट कर पाऊंगा।'
Courtesy: National Dastak