हक़ और आजादी
September 15, 2025
यह किसी व्यक्ति द्वारा व्यक्त की गई राय है... क्या आप यह कह रहे हैं कि इस देश में लोग अपनी राय व्यक्त नहीं कर सकते? आप हमें बताएं कि आपका संवैधानिक अधिकार क्या है?"
साभार : लाइव लॉ
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार 15 सितंबर को मैसूर में आगामी दशहरा महोत्सव के उद्घाटन के लिए मुख्य अतिथि के रूप में लेखिका और बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को नामित करने के राज्य सरकार के फैसले को...
September 15, 2025
मोहोने और लगभग 10 अन्य गांवों के लोगों ने इस परियोजना के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है। यह अभियान एमपीसीबी द्वारा 16 सितंबर को प्रस्तावित जन सुनवाई से पहले शुरू किया गया है।
फोटो साभार : एक्सप्रेस
दक्षिण मुंबई से लगभग 68 किलोमीटर दूर कल्याण शहर के पास मोहोने गांव के मुख्य चौराहे पर लगे पोस्टरों में लोगों से प्रस्तावित सीमेंट ग्राइंडिंग प्लांट के...
September 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट की यह सख्त टिप्पणी विपक्ष-शासित राज्यों में राज्यपालों द्वारा विधेयकों को मंजूरी देने में हो रही अनावश्यक देरी से जुड़े मामले की सुनवाई के अंतिम दिन सामने आई।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 सितंबर को स्पष्ट रूप से कहा कि अगर कोई संवैधानिक पदाधिकारी, चाहे उसका पद कितना भी ऊंचा क्यों न हो, अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में विफल रहता है तो अदालत मूकदर्शक बनी नहीं रह सकती।
मुख्य...
September 13, 2025
अटॉर्नी जनरल ने आईटी मंत्रालय की इस व्याख्या का समर्थन किया है कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (डीपीडीपी एक्ट) सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून को कमजोर नहीं करता। हालांकि, पत्रकार संगठनों और विपक्षी दलों ने इस संशोधन पर आपत्ति जताई है।
साभार : लाइव लॉ
अटॉर्नी जनरल ने आईटी मंत्रालय की इस व्याख्या का समर्थन किया है कि भारत का डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम (डीपीडीपी एक्ट) सूचना...
September 12, 2025
तिनसुकिया की सड़कों पर उमड़ा 20,000 से ज़्यादा लोगों का हुजूम, मोरान समुदाय ने अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे और संवैधानिक सुरक्षा के लिए बुलंद की आवाज़।
Courtesy : timesnownews
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के असम दौरे से कुछ दिन पहले ही तिनसुकिया में बुधवार को मोरान समुदाय ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान समुदाय ने एक बार फिर अपनी पुरानी मांग को उठाया। उन्होंने अपनी...
September 12, 2025
1950 के अधिनियम के तहत कैबिनेट के इस कदम से जिला आयुक्तों को कथित विदेशियों को 10 दिनों में बाहर करने का अधिकार मिल गया है, जिससे उचित प्रक्रिया और शक्तियों के पृथक्करण पर संवैधानिक चिंताएं पैदा हो गई हैं।
असम सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को असम निर्वासन अधिनियम, 1950 के तहत एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को मंजूरी दी। एक ऐस निर्णय जो असम की नागरिकता जांच प्रक्रिया में अहम बदलाव ला सकता है...
September 11, 2025
पीयूसीएल के अनुसार, "यह एक क्रूर कानून है, जिसकी वैधता संदिग्ध है। यह व्यक्तियों से उनके संवैधानिक अधिकार -अंतःकरण की स्वतंत्रता-को छीनता है, धर्मांतरण के लिए कठोर प्रक्रियात्मक प्रावधान लागू करता है और इसमें दी गई सजा के प्रावधान किसी भी अदालत में टिक नहीं सकते। यह अधिनियम संविधान के सभी मौलिक अधिकारों को दरकिनार करता है। ये प्रावधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतर-धार्मिक संवाद, पसंद,...
September 11, 2025
पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) की महाराष्ट्र इकाई द्वारा जारी एक विस्तृत बयान में महाराष्ट्र की महायुति सरकार द्वारा हाल ही में “सुधार” के नाम पर श्रम अधिकारों में कटौती करने के निर्णय की तर्कसंगत आलोचना की गई है। महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा (इनमें से दो कांग्रेस शासित राज्य हैं) जैसे अन्य राज्यों के जैसे हैं, जिन्होंने इसी...
September 11, 2025
विपक्ष, मानवाधिकार समूह और जन आंदोलन एकजुट होकर इसे "जन-विरोधी, लोकतंत्र-विरोधी कानून" बता रहे हैं।
महाराष्ट्र में एक बड़ा आंदोलन देखने को मिला, जब विपक्षी दलों, नागरिक समाज संगठनों और जमीनी स्तर के समूहों ने हाल ही में पारित महाराष्ट्र सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक का विरोध करते हुए इसे “जन उत्पीड़न विधेयक” करार दिया। मुंबई, पुणे, कोल्हापुर, सोलापुर, पालघर, बीड़, हिंगोली...
September 10, 2025
शोधकर्ता और डिजिटल प्राइवेसी अधिकारों के समर्थक श्रीनिवास कोडाली ने तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की है कि राज्य सरकार ने सरकारी सेवाएं ऑनलाइन देने के लिए निर्वाचन फोटो पहचान पत्र (EPIC) के डेटा का उपयोग चेहरे की पहचान (फेशियल रिकग्निशन) के लिए किया है।
तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार पर मतदाता सूची में मौजूद तस्वीरों का फेशियल रिकग्निशन के लिए कथित दुरुपयोग...
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