आदिवासी

April 26, 2022
जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने संसद के बजट सत्र में पूछे गए उत्तर में ऐसे असंभावित आंकड़े पेश किए हैं जो ओडिशा में आदिवासियों की वास्तविक स्थिति का खुलासा नहीं करते हैं। Representation Image | The New Indian Express   संसद के इस बजट सत्र के दौरान, लोकसभा सदस्य सुश्री चंद्रानी मुर्मू (बीजू जनता दल) द्वारा ओडिशा में आदिवासियों की स्थिति की पूछताछ के बारे में प्रश्नों की एक सूची उठाई गई...
April 26, 2022
अधिकार समूहों ने महिलाओं, किसानों, दलितों, आदिवासियों सहित सभी नागरिक समूहों से बस्तर में विस्फोटकों के गोले और अवशेष की खोज पर सवाल उठाने का आह्वान किया। Representation Image   मध्य अप्रैल में छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा के जंगलों में कथित हवाई हमलों से चिंतित, विभिन्न लोगों के समूहों ने 25 अप्रैल, 2022 को प्रशासन और विरोध करने वाले ग्रामीणों के बीच बातचीत की अपील की।   14...
April 5, 2022
केंद्र सरकार, भारत की खानाबदोश जनजातियों की एसटी-स्टेटस की मांगों को स्वीकार करने में विफल रही Image Courtesy:http://nomadictribes.blogspot.com/   1 अप्रैल, 2022 को लोकसभा में संबंधित विधेयक के पारित होने के बावजूद, केंद्र एक बार फिर भारत के खानाबदोश और गैर-अधिसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण के बारे में निश्चित रूप से बोलने में विफल रहा।   भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 4 अप्रैल को...
April 2, 2022
संसद में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) की प्रतिक्रिया कानून की अनदेखी करती है (संशोधित वन्यजीव अधिनियम, 2006) एक निश्चित कार्य योजना दिए बिना वैकल्पिक आजीविका सहायता प्रदान करने का दावा करती है।   इस कानून की अनदेखी करते हुए कि मूल निवासियों, पारंपरिक वन निवासियों और आदिवासियों को टाइगर रिजर्व से बेदखल नहीं किया जाना चाहिए, MoEFCC ने हाल ही में कहा है कि उनका...
March 31, 2022
‘‘जल-जंगल-जमीन हमारा आपका, नहीं किसी के बाप का’’, ’‘ये धरती सारी हमारी, जंगल-पहाड़ हमारे’’, वन विभाग की जागीर नहीं’’, ‘‘लोकसभा न विधानसभा, सबसे बड़ी ग्रामसभा’’, ‘‘बाघ अभ्यारण्य हटाना है, जल-जंगल जमीन बचाना है’’। ये महज नारे भर नहीं हैं बल्कि बिहार के कैमूर क्षेत्र के आदिवासियों के अस्तित्व...
March 30, 2022
‘‘जल-जंगल-जमीन हमारा आपका, नहीं किसी के बाप का’’, ’‘ये धरती सारी हमारी, जंगल-पहाड़ हमारे’’, वन विभाग की जागीर नहीं’’, ‘‘लोकसभा न विधानसभा, सबसे बड़ी ग्रामसभा’’, ‘‘बाघ अभ्यारण्य हटाना है, जल-जंगल जमीन बचाना है’’। ये महज नारे भर नहीं है बल्कि बिहार के कैमूर क्षेत्र के आदिवासियों के अस्तित्व के...
March 29, 2022
मंगलवार को वनाधिकार कानून का मुद्दा लोकसभा में गूंजा। सहारनपुर सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने मामला उठाते हुए कहा कि वनाधिकार कानून 2006 बनने के 16 साल बाद भी वन गुर्जरों और टोंगिया ग्रामीणों को उनके हक-हकूक नहीं मिल सके हैं। यह सब भी तब, जब वनों पर निर्भर दलित आदिवासियों और घुमंतू समुदायों (वन गुर्जरों) को ऐतिहासिक अन्याय से मुक्ति दिलाने के लिए भारतीय संसद ने 15 दिसंबर 2006 को सर्वसम्मति से यह (...
March 29, 2022
झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान की आड़ में दलित आदिवासी युवकों पर पुलिसिया उत्पीड़न कहर बनकर टूट रहा है। झारखंड के गिरिडीह जिले के आदिवासी युवक भगवान दास किस्कू पर पुलिसिया अत्याचार का मामला सुर्खियों में था ही, कि नया मामला सामने आ गया। भगवान दास किस्कू विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन से जुड़े थे। वे पारसनाथ धर्मगढ़ रक्षा समिति, शहीद सुंदर मरांडी स्मारक समिति व झारखंड जन संघर्ष मोर्चा से भी जुड़े...
March 26, 2022
23 मार्च (शहीद दिवस) के मौके पर अखिल भारतीय वन-जन श्रमजीवी यूनियन ने नागरिक अधिकार मंच आदि जन-संगठनों के साथ मिलकर सहारनपुर, सोनभद्र और चित्रकूट में कार्यक्रम आयोजित कर, आजादी और शहादत का साझा जश्न मनाया। सहारनपुर में नागरिक अधिकार मंच के बैनर तले आयोजित गोष्ठी में शहीद भगत सिंह के विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया तो सोनभद्र व चित्रकूट में आदिवासी और वनाश्रित समुदाय के लोगों ने जल, जंगल...
March 19, 2022
संसद के बजट सत्र के दौरान बुधवार को राज्यसभा में जनजातीय मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा हुई। वन अधिकार क़ानून 2006 के बावजूद आदिवासियों को सामुदायिक हक नहीं मिलने आदि के सवालों के जवाब में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आदिवासियों के मामलों में संवेदना प्रकट करने से कुछ नहीं होगा बल्कि संवेदनशील होना होगा। यही नहीं, केंद्रीय कानून व न्याय मंत्री किरेन रिजिजू तो...