नई शिक्षा नीति: मेरठ यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाएंगे योगी, रामदेव और जग्गी वासुदेव

Written by Navnish Kumar | Published on: June 1, 2021
उत्तर प्रदेश की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी (मेरठ यूनिवर्सिटी) में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बोर्ड ऑफ स्टडीज ने नए पाठ्यक्रम को हरी झंडी दे दी है। नए पाठ्यक्रम में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, बाबा रामदेव व जग्गी वासुदेव को भी पढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही बशीर बद्र और कुंवर बेचैन जैसी नामचीन हस्तियों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। कुछ लोग मोदी सरकार के 7 साल पूरे होने के उपलक्ष्य पर, इसे भाजपा आरएसएस की देश की शिक्षा के भगवाकरण की कोशिशों के तौर पर भी देख रहे हैं। 



चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने यूनिवर्सिटी की ओर से गठित बोर्ड ऑफ स्टडीज ने नए पाठ्यक्रम को हरी झंडी दे दी है। नए पाठ्यक्रम में योगी आदित्यनाथ की हठ योग का स्वरूप व साधना पढ़ाई जाएगी। योगी की लिखी गई यह किताब गोरखनाथ ट्रस्ट की ओर से पब्लिश की गई है। वहीं बीए दर्शनशास्त्र में रामदेव की योग साधना एवं योग चिकित्सा रहस्य पुस्तक पढ़ाई जाएगी। बीए दर्शनशास्त्र में अब योग प्रैक्टिकल और थ्योरी दोनों को शामिल किया गया है।

यूनिवर्सिटी के कंवीनर डॉ. डीएन सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी के 30 फीसदी पाठ्यक्रम में दो माइनर पेपर बनाए गए हैं। एक पेपर अप्लाइड ऐथिक्स और दूसरा अप्लाइड फिलॉसफी का रखा गया है। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम में आईआईटियन मोटिवेशनल गुरु सदगुरु जग्गी वासुदेव की ईशा क्रिया साधना को भी रखा गया है। इसके अलावा हिंदी साहित्य में उर्दू गीतकार कुंवर बेचैन और शायर बशीर बद्र को शामिल किया गया है।

आपको बता दें कि रविवार को प्रदेश में सभी यूनिवर्सिटी के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम को लेकर यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक हुई। इस बैठक में सीएम योगी द्वारा लिखी गई पुस्तक 'हठयोग' (Hatha yoga) को नए पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। यह पुस्तक वर्ष 2015 में प्रकाशित की गई थी। इस पुस्तक में हठ, साधना, योग, प्राणायाम, आसन आदि के बारे में लिखा गया है। सीएम योगी की यह पुस्तक गोरखनाथ ट्रस्ट की ओर से प्रकाशित किया गया था। डॉ. डीएन सिंह के मुताबिक, यह पुस्तक स्नातक के विद्यार्थियों के लिए तीन साल के लिए प्रैक्टिकल में प्रयोग किया जाएगा।

सीएम योगी की पुस्तक के अलावा नए पाठ्यक्रम में बाबा रामदेव की पुस्तक, योग साधना एवं योग चिकित्सा रहस्य, गुरु सदगुरु जग्गी वासुदेव की 'ईशा प्रिया साधना' को भी शामिल किया गया है। 

हिंदी के पाठयक्रम में पश्चिमी यूपी के सात साहित्यकारों के गीत-गजल शामिल की गई है। कैंपस में नए सत्र से बीए उर्दू कोर्स भी शुरू हो जाएगा। कैंपस और कॉलेजों में पाठ्यक्रम एक समान रहेगा। बीए उर्दू के नए सिलेबस में गीतकार कुंवर बेचैन, शायर इस्माईल मेरठी, शायर बशीर बद्र, साहित्यकार विष्णु प्रभाकर और सुदामा पांडे ‘धूमिल’ की रचनाएं पढ़ाई जाएंगी।  

उर्दू पाठ्यक्रम में नए-पुराने, उत्तर-पूर्व यूपी एवं स्थानीय साहित्यकारों को प्रमुखता दी गई है। पाठ्यक्रम में शामिल नज्म-नस्र (पद्य-गद्य) के उर्दू-हिंदी के साहित्यकारों में गालिब, अल्लामा इकबाल, मीर, पंडित दया शंकर नसीम, मिर्जा सलामत अली दबीर, इंतजार हुसैन, सर सैयद, प्रेमचंद के अलावा नए सत्र से इस्माईल मेरठी और बशीर बद्र के साहित्य को भी शामिल किया गया है। हिंदी में अमीर खुसरो, कबीरदास, रहीम, प्रेमचंद एवं नए सत्र से विष्णु प्रभाकर, कुंवर बेचैन और सुदामा पांडे ‘धूमिल’ को शामिल किया गया है।

बताते चलें कि दो दिन पहले ही बोर्ड ऑफ स्टडीज ने हिन्दी के पाठ्यक्रम में कालजयी गजलकार दुष्यंत कुमार, संतोष आनंद और शमशेर बहादुर सिंह को शामिल किया था।

यही नहीं, बीएससी के कोर्स में भी बदलाव किया है। अब आर्यभट्ट, भास्कराचार्य, लीलावती, रामानुजन, माधवाचार्य, स्वामी कृष्णतीर्थ जैसे भारतीय गणितज्ञों और उनके योगदान को पढ़ाया जाएगा। गौरतलब है कि अभी तक विदेशी गणितज्ञों के योगदान और उनके बारे में ही पढ़ाया जाता था। भारतीय गणितज्ञ केवल वैदिक गणित तक ही सीमित थे।

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