बेगूसराय। बिहार का लेनिनग्राद कहे जाने वाले बेगूसराय में सियासी संग्राम बेहद दिलचस्प हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने कथित फायरब्रांड नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को नवादा के बजाय बेगूसराय का टिकट थमा दिया है। देशभक्त और देशद्रोही का सर्टिफिकेट बांटने वाले गिरिराज सिं इस सीट को लेकर फंस गए हैं।
दरअसल, बेगूसराय से महागठबंधन की तरफ से आरजेडी ने तनवीर हसन को दोबारा मैदान में उतारा है। वहीं, सीपीआई की तरफ से मुखर छात्रनेता कन्हैया कुमार को टिकट दिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि कन्हैया कुमार के टिकट के कारण गिरिराज सिंह को चुनाव से पहले ही हार का खतरा मंडराने लगा है।
हाल की स्थिति में गिरिराज सिंह अपनी पार्टी (भाजपा) पर हर्ट करने का आरोप लगा रहे हैं। इस सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई के आगाज से पहले ही बीजेपी उम्मीदवार गिरिराज सिंह लगातार पार्टी नेतृत्व से सीट बदलने का बार-बार आग्रह करते दिख रहे हैं। वह नवादा या अररिया से टिकट दिए जाने की मांग कर रहे हैं और चर्चा यह भी है कि बेगूसराय सीट न बदले जाने पर चुनाव न लड़ने की पेशकश कर सकते हैं।
नवादा के बजाय बेगूसराय से टिकट मिलने पर खुलेआम नाराजगी जताने वाले गिरिराज सिंह ने अब इसे आत्मसम्मान से जोड़ दिया है। रविवार को उन्होंने कहा, 'मुझसे बिना पूछे, बिना सलाह-मशविरा किए ही सीट बदल दी गई। पार्टी ने सीट बदलने से पहले मुझे विश्वास में नहीं लिया, इससे मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। बिहार में किसी सांसद या मंत्री की सीट नहीं बदली गई, लेकिन मेरे साथ ऐसा क्यों किया गया। मैं इससे दुखी हूं।'
गिरिराज सिंह भले ही इसे स्वाभिमान का रंग दे रहे हैं, लेकिन इसके पीछे बेगूसराय में उनकी जाति के वोटों का गणित जो उन्हें परेशान किए हुए है। दरअसल, गिरिराज सिंह बेगूसराय में जातीय वोटों के गणित से संतुष्ट नहीं हैं। बेगूसराय में 2014 के चुनाव में बीजेपी के भोला सिंह ने आरजेडी के तनवीर हसन को करीब 58 हजार वोटों से मात दी थी। बीजेपी के भोला सिंह को करीब 4.28 लाख वोट मिले थे, वहीं आरजेडी के तनवीर हसन को 3.70 लाख वोट मिले थे। सीपीआई के राजेंद्र प्रसाद सिंह 1,92,639 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
बेगूसराय लोकसभा सीट पर भूमिहार मतदाताओं की तादाद सबसे अधिक करीब पौने पांच लाख है। यहां 2.5 लाख मुसलमान, कुशवाहा और कुर्मी करीब दो लाख और यादव मतदाताओं की संख्या करीब 1.5 लाख है। विवादों में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के सीपीआई से मैदान में उतरने के बाद यहां लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। कन्हैया युवा हैं और गिरिराज की ही जाति भूमिहार से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में गिरिराज सिंह को डर सता रहा है कि अगर कन्हैया ने भूमिहार वोट काटते हैं, जिसकी संभावना प्रबल है, तो उनकी हार हो जाएगी।
गिरिराज सिंह की भाजपा से नाराजगी पर कन्हैया कुमार ने उनपर जबरदस्त तंज कसा है। कन्हैया कुमार ने गिरिराज सिंह को पाकिस्तान टूर ऐंड ट्रैवल्स विभाग के वीजा मंत्री कहकर कटाक्ष किया। कन्हैया ने ट्वीट किया है, 'बताइए, लोगों को जबरदस्ती पाकिस्तान भेजने वाले पाकिस्तान टूर ऐंड ट्रैवल्स विभाग के वीजा मंत्री जी नवादा से बेगूसराय भेजे जाने पर हर्ट हो गए।' उन्होंने आगे लिखा है, 'मंत्री जी ने तो कह दिया -बेगूसराय को वणक्कम।'
(NBT से इनपुट्स के साथ)
दरअसल, बेगूसराय से महागठबंधन की तरफ से आरजेडी ने तनवीर हसन को दोबारा मैदान में उतारा है। वहीं, सीपीआई की तरफ से मुखर छात्रनेता कन्हैया कुमार को टिकट दिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि कन्हैया कुमार के टिकट के कारण गिरिराज सिंह को चुनाव से पहले ही हार का खतरा मंडराने लगा है।
हाल की स्थिति में गिरिराज सिंह अपनी पार्टी (भाजपा) पर हर्ट करने का आरोप लगा रहे हैं। इस सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई के आगाज से पहले ही बीजेपी उम्मीदवार गिरिराज सिंह लगातार पार्टी नेतृत्व से सीट बदलने का बार-बार आग्रह करते दिख रहे हैं। वह नवादा या अररिया से टिकट दिए जाने की मांग कर रहे हैं और चर्चा यह भी है कि बेगूसराय सीट न बदले जाने पर चुनाव न लड़ने की पेशकश कर सकते हैं।
नवादा के बजाय बेगूसराय से टिकट मिलने पर खुलेआम नाराजगी जताने वाले गिरिराज सिंह ने अब इसे आत्मसम्मान से जोड़ दिया है। रविवार को उन्होंने कहा, 'मुझसे बिना पूछे, बिना सलाह-मशविरा किए ही सीट बदल दी गई। पार्टी ने सीट बदलने से पहले मुझे विश्वास में नहीं लिया, इससे मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। बिहार में किसी सांसद या मंत्री की सीट नहीं बदली गई, लेकिन मेरे साथ ऐसा क्यों किया गया। मैं इससे दुखी हूं।'
गिरिराज सिंह भले ही इसे स्वाभिमान का रंग दे रहे हैं, लेकिन इसके पीछे बेगूसराय में उनकी जाति के वोटों का गणित जो उन्हें परेशान किए हुए है। दरअसल, गिरिराज सिंह बेगूसराय में जातीय वोटों के गणित से संतुष्ट नहीं हैं। बेगूसराय में 2014 के चुनाव में बीजेपी के भोला सिंह ने आरजेडी के तनवीर हसन को करीब 58 हजार वोटों से मात दी थी। बीजेपी के भोला सिंह को करीब 4.28 लाख वोट मिले थे, वहीं आरजेडी के तनवीर हसन को 3.70 लाख वोट मिले थे। सीपीआई के राजेंद्र प्रसाद सिंह 1,92,639 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
बेगूसराय लोकसभा सीट पर भूमिहार मतदाताओं की तादाद सबसे अधिक करीब पौने पांच लाख है। यहां 2.5 लाख मुसलमान, कुशवाहा और कुर्मी करीब दो लाख और यादव मतदाताओं की संख्या करीब 1.5 लाख है। विवादों में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के सीपीआई से मैदान में उतरने के बाद यहां लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। कन्हैया युवा हैं और गिरिराज की ही जाति भूमिहार से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में गिरिराज सिंह को डर सता रहा है कि अगर कन्हैया ने भूमिहार वोट काटते हैं, जिसकी संभावना प्रबल है, तो उनकी हार हो जाएगी।
गिरिराज सिंह की भाजपा से नाराजगी पर कन्हैया कुमार ने उनपर जबरदस्त तंज कसा है। कन्हैया कुमार ने गिरिराज सिंह को पाकिस्तान टूर ऐंड ट्रैवल्स विभाग के वीजा मंत्री कहकर कटाक्ष किया। कन्हैया ने ट्वीट किया है, 'बताइए, लोगों को जबरदस्ती पाकिस्तान भेजने वाले पाकिस्तान टूर ऐंड ट्रैवल्स विभाग के वीजा मंत्री जी नवादा से बेगूसराय भेजे जाने पर हर्ट हो गए।' उन्होंने आगे लिखा है, 'मंत्री जी ने तो कह दिया -बेगूसराय को वणक्कम।'
(NBT से इनपुट्स के साथ)