WB: दुर्गा पंडालों में कलाकारों ने उकेरीं 75 साल पहले हुए तेभागा आंदोलन से लेकर लखीमपुर हिंसा तक की झलक

Written by Sabrangindia Staff | Published on: October 10, 2021
नवरात्रि के दौरान पश्चिम बंगाल दुर्गा पूजा के कारण सुर्खियों में रहता है। इस बार भी दुर्गा पंडाल सज गए हैं और कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से दूरगामी व वर्तमान की परिस्थितियों के संदेश उकेरे हैं। हालांकि, कोलकाता हाईकोर्ट की कोरोना गाइडलाइन के अनुसाल श्रद्धालु पंडालों के अंदर नहीं जा सकेंगे। लेकिन पंडालों की तस्वीरें विभिन्न मीडिया द्वारा सामने आ रही हैं। कोलकाता के आयोजकों ने पंडाल की थीम ‘हम किसान हैं, आतंकवादी नहीं’ रखी है।


Image Credit- Bhaskar.com

दैनिक भास्कर के मुताबिक, इस बार कोलकाता में 3000 से ज्यादा दुर्गा पंडाल सजाए गए हैं। इनमें बारिशा क्लब, श्रीराम स्पोर्टिंग क्लब, दमदम पार्क भारत चक्र पंडाल और अश्विनी नगर स्थित बंधु महल क्लब की सजावट मनमोहक है।

इन पंडालों में 1947 में हुए तेभागा आंदोलन से लेकर कोरोना, नए कृषि कानून और लखीमपुर खीरी हिंसा के साथ-साथ बुर्ज खलीफा तक की झलक दिखाई दे रही है। इन पंडालों में कोविड अस्पताल, ऑक्सीजन प्लांट, किसानों का धरना प्रदर्शन और लखीमपुर में कार से किसानों को रौंदने की तस्वीरें उकेरी हैं। 

दमदम पार्क स्थित भारत चक्र पंडाल के प्रवेश द्वार पर ट्रैक्टर की प्रतिकृति बनाई गई है। फुटपाथ पर एक कार का स्कैच है, जिसके रास्ते में एक किसान लेटा हुआ है। यहां बांग्ला में एक पंक्ति है लिखी है, जिसका अर्थ है- ‘मोटर कार धूल उड़ाती है और उसके नीचे किसान दबते हैं।’

बता दें कि हाल ही में यूपी का लखीमपुर खीरी किसानों के नरसंहार के चलते सुर्खियों में रहा है। यहां सत्ताधारी पार्टी के केंद्रीय मंत्री के बेटे ने कथित तौर पर चार किसानों को कार से कुचलकर मार डाला। इसके अलावा यहां कुल नौ लोगों की जान जाने की खबर है। 

यहां के पंडालों में राजनीति की भी झलक देखने को मिल रही है। बंगाल में खेला होबे की थीम पर पंडाल डिजाइन किए गए हैं, जिसे देखने के लिए लोग उमड़ रहे हैं। 



हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, खेला होबे थीम डिजाइन करने वाले कलाकार सौमेन घोष का कहना है कि 'खेला होबे' का नारा पूरे भारत में प्रसिद्ध है। हमने इस विषय को बच्चों और युवाओं को मोबाइल गेम के बजाय आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करने के लिए चुना है। 

इंडिया डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोविड-19 स्थिति को देखते हुए दुर्गा पूजा पंडालों में दर्शकों की संख्या सीमित करने के अपने पहले के आदेशों में संशोधन करते हुए बृहस्पतिवार को पंडालों के अंदर ‘अंजलि’, ‘आरती’, ‘सिंदूर खेला’ जैसी सभी गतिविधियों और विधानों को अनुमति दे दी थी। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह छूट इसी शर्त पर मान्य है जब पूजा पंडालों के अंदर लोगों की अधिकतम संख्या और अन्य शर्तों का पालन किया जाए, जैसे दोहरा टीकाकरण एवं मास्क पहनना। 

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