नवरात्र के दौरान मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाने और मांस की दुकानें बंद करने की मांग हिंदू संगठनों ने की

Written by सबरंगइंडिया | Published on: September 20, 2017



हिंदू संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि वो नवरात्र के दौरान मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाए और इलाके की मांस और अंडे की दुकानों को बंद करवाए। राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में इन संगठनों ने ऐसी मांग की है।


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ग्रेटर नोएडा के दो मंदिर के महंतों ने भी नवरात्र को दौरान इन दुकानों को बंद करवाने की प्रशासन मांग की है। गौरक्षा हिन्दू दल के पदाधिकारियों ने प्रशासन को स्पष्ट तौर पर चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर बुधवार से जिले में कहीं भी मांस बेचा गया तो वे खुद इन दुकानों को बंद करा देंगे। गौरक्षा हिन्दू दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विश्व हिन्दू महासंघ के प्रदेश मंत्री वेद नागर ने मीडिया को बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी को मंगलवार को कहा है और इस बाबत प्रशासन को पत्र लिखकर मस्जिद से लाउडस्पीकर उतरवाने और मांस की दुकानों को बंद कराने की मांग की है। वेद प्रकाश नागर ने आगे कहा है कि नवरात्र का त्योहार 21 सितंबर से आरंभ हो रहा है, इस दौरान किसी जीव की हत्या नहीं होनी चाहिए। नागर ने होटलों और ढाबों में मांसाहारी भोजन परोसने पर भी रोक लगाने की मांग की है।

मस्जिद से लाउडस्पीकर उतरवाने को लेकर हिन्दू संगठन के नेता तर्क देते हैं कि अखिलेश सरकार ने रमजान के समय कई स्थानों पर मंदिरों में लाउडस्पीकर बंद करवा दिए थे इसलिए नवरात्र के दौरान भी मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे जाने चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक संगठन के नेताओं ने पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान मांस की दुकानें जबरन बंद करवा दी थी। इन संगठनों ने पिछले साल राज्य सरकार और जिला प्रशासन से ही मांस की दुकानें बंद कराने की मांग की थी लेकिन जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बाद इन लोगों ने खुद दुकाने बंद करवाई थी। इस साल कांवड़ यात्रा के दौरान दादरी पुलिस ने मांस बेचने वाली सभी दुकानों को बंद करने का फरमान जारी किया था जिसके बाद सभी दुकानें बंद रहीं।

उधर हिंदू संगठनों की इस मांग पर गौतमबुद्धनगर के डीएम बीएन सिंह का कहना है कि गौ रक्षा हिन्दू दल का कोई भी पदाधिकारी उनके पास नहीं आया है। अगर वे आएंगे तो उनकी बातें सुनी जाएगी लेकिन वे कानून हाथ में लेने की कोशिश करेंगे तो उनपर कार्रवाई की जाएगी।
 

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