वाराणसी। योगी सरकार के फरमान के बाद यूपी में सभी बूचड़खाने बंद किए जाने से नाराज सैकड़ों मीट विक्रेता एक बार फिर सड़क पर उतरे। मीट विक्रेताओं ने जुलूस निकाल कलेक्ट्रेट का घेराव किया। वहीं, इस दौरान ‘वैध-अवैध तो बहाना है, अल्पसंख्यक समाज निशाना है’, ‘गोरक्षा दलों पर प्रतिबंध लगाओ’ के नारे लगते रहे। सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
बता दें कि यूपी में योगी सरकार के एक्शन में आने के साथ ही अवैध बूचड़खाने के खिलाफ अभियान चलाए जाने से बनारस समेत पूर्वांचल में एक दर्जन से ज्यादा बूचड़खाने पर प्रशासन ने ताला लगा दिया है। इस कार्रवाई के विरोध में मीट विक्रेता शास्त्री घाट पर जुटे और हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर कचहरी तक मार्च किया।
मीट विक्रेताओं के साथ सीपीआई (एमएल) के कार्यकर्ता भी थे। कलेक्ट्रेट के बाहर पहुंच प्रदर्शनकारियों ने यूपी सरकार विरोधी जमकर नारे लगाए। अंदर घुसने की कोशिश को फोर्स ने नाकाम कर दिया। कड़ी धूप के बावजूद प्रदर्शनकारी वहीं बैठ धरना देते रहे। मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपने के बाद सभी लौट गए।
इस मामले में मीट विक्रेताओं का कहना है कि यूपी सरकार के स्लाटर हाउस से संबधित आदेश से बनारस समेत पूर्वांचल के करीब एक लाख लोगों व उनके परिवारों के सामने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के संकट के चलते भूखमरी की नौबत है। वहीं, संवेदनहीनता की हद पार करते हुए अल्पसंख्यक समाज पर हमला किया जा रहा है। पुलिस उत्पीड़न के साथ गोरक्षक दल निशाना बना रहे हैं। सरकार की गलत नीतियों की वजह से लाइसेंस होते हुए भी लाखों परिवार रोजगार एवं भोजन के अधिकार से वंचित कर दिए गए हैं।
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही मीट विक्रेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी के जनसम्पर्क कार्यालय का घेराव किया था। उस समय ‘योगी-मोदी बूचड़खाना शुरू कराओ’ के नारे लगे थे।
(संपादन- भवेंद्र प्रकाश)
Courtesy: National Dastak
बता दें कि यूपी में योगी सरकार के एक्शन में आने के साथ ही अवैध बूचड़खाने के खिलाफ अभियान चलाए जाने से बनारस समेत पूर्वांचल में एक दर्जन से ज्यादा बूचड़खाने पर प्रशासन ने ताला लगा दिया है। इस कार्रवाई के विरोध में मीट विक्रेता शास्त्री घाट पर जुटे और हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर कचहरी तक मार्च किया।
मीट विक्रेताओं के साथ सीपीआई (एमएल) के कार्यकर्ता भी थे। कलेक्ट्रेट के बाहर पहुंच प्रदर्शनकारियों ने यूपी सरकार विरोधी जमकर नारे लगाए। अंदर घुसने की कोशिश को फोर्स ने नाकाम कर दिया। कड़ी धूप के बावजूद प्रदर्शनकारी वहीं बैठ धरना देते रहे। मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपने के बाद सभी लौट गए।
इस मामले में मीट विक्रेताओं का कहना है कि यूपी सरकार के स्लाटर हाउस से संबधित आदेश से बनारस समेत पूर्वांचल के करीब एक लाख लोगों व उनके परिवारों के सामने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के संकट के चलते भूखमरी की नौबत है। वहीं, संवेदनहीनता की हद पार करते हुए अल्पसंख्यक समाज पर हमला किया जा रहा है। पुलिस उत्पीड़न के साथ गोरक्षक दल निशाना बना रहे हैं। सरकार की गलत नीतियों की वजह से लाइसेंस होते हुए भी लाखों परिवार रोजगार एवं भोजन के अधिकार से वंचित कर दिए गए हैं।
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही मीट विक्रेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी के जनसम्पर्क कार्यालय का घेराव किया था। उस समय ‘योगी-मोदी बूचड़खाना शुरू कराओ’ के नारे लगे थे।
(संपादन- भवेंद्र प्रकाश)
Courtesy: National Dastak