उत्तराखंड: वन विभाग की शह पर वन गुर्जरों की बिजली काटी, आंदोलन की धमकी पर जोड़ी

Written by Navnish Kumar | Published on: October 15, 2022
"विद्युत विभाग का कहना है कि उसने यह कनेक्शन तराई पश्चिमी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी की लिखित आपत्ति पर काटे थे, जबकि गुर्जरों का कहना था कि यह बिजली कनेक्शन उन्हें केन्द्र सरकार की पं. दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत मिले हैं...। बगैर किसी पूर्व सूचना और कारण के कुम्भगडार, तुमड़िया खत्ता, नत्थावली खत्ता, नई बस्ती 16 नम्बर आदि क्षेत्रों में निवास कर रहे वन गूजर समुदाय के 86 परिवारों की बिजली काटे जाने के खिलाफ वन गूजरों ने एसडीओ का घेराव कर आंदोलन की धमकी दी तो कनेक्शन जोड़े।"


प्रतीकात्मक तस्वीर

सरकार की आंखों में कांटे की तरह चुभने वाले वन गुर्जरों का उत्तराखंड में विभिन्न बहानों से होने वाला उत्पीड़न लगातार जारी है। इस बार कुछ और नहीं मिला तो सालों से बिजली की रोशनी में रह रहे वन गुर्जरों के डेरो की बिजली ही काट दी गई। वन विभाग के कहने पर खत्तों में निवास कर रहे वन गुर्जरों के डेरे के काटे गए सभी बिजली कनेक्शन विद्युत विभाग ने आंदोलन की धमकी के बाद दुबारा जोड़ दिए। इन कनेक्शनों को काटे जाने के बाद गुर्जरों ने व्यापक आंदोलन की चेतावनी देते हुए विद्युत विभाग मुख्यालय पर धरना देने का ऐलान किया था।

आंदोलन की चेतावनी देकर कहा कि निगम द्वारा मनमाने विद्युत कनैक्शन काटना वनाधिकार कानून 2006 के उल्लंघन के साथ जनता के संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है। 

जानकारी के अनुसार तराई पश्चिमी वन प्रभाग की सीमा स्थित कुम्भगडार, तुमड़िया खत्ता, नत्थावली खत्ता, नई बस्ती 16 नम्बर आदि क्षेत्रों में निवास कर रहे वन गुर्जर समुदाय के दर्जनों परिवारों के विद्युत कनेक्शन विद्युत विभाग ने काट दिए थे। वन गुर्जरों का कहना है कि काटे गए कनेक्शन की संख्या 86 है, लेकिन विद्युत विभाग इनकी संख्या 59 ही बता रहा है। विद्युत विभाग का कहना है कि उसने यह कनेक्शन तराई पश्चिमी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी की लिखित आपत्ति पर काटे थे, जबकि गुर्जरों का कहना था कि यह बिजली कनेक्शन उन्हें केन्द्र सरकार की पं. दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत मिले हैं। जिसका बिल भी वह लगातार जमा कर रहे हैं। वन गुर्जरों ने 24 घंटे के भीतर कनेक्शन न जोड़े जाने पर विद्युत निगम कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। 

वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के मौ. सफी ने बताया कि निगम के इस तानाशाही पूर्ण रवैये के कारण हम सभी के घर अंधेरे में हो गये हैं तथा बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो गयी है। वन गुर्जरों द्वारा इस मामले में आंदोलन की चेतावनी दिए जाने के बाद विद्युत विभाग द्वारा शुक्रवार को काटे गए कनेक्शन को जोड़ने की कार्यवाही की गई। विद्युत विभाग के मुताबिक उनके द्वारा वन विभाग की शिकायत के आधार पर कुंभगडार खत्ता के 18, तुमड़िया खत्ता महाराजपुर में 28, नत्थावली खत्ता हल्दुआ में 12 तथा शिवनाथपुर नई बस्ती में 1 बिजली कनेक्शन को काटा गया था। विभाग के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर इन सभी कनेक्शनों को फिर से बहाल कर दिया गया है। 

दूसरी तरफ घरों में बिजली आने के बाद वन गूजर समुदाय ने विद्युत निगम के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है। मौ. शफी ने बताया कि विद्युत निगम के अधिकारियों से कई दौर की वार्ता के बाद अंततः वन गूजरों की बिजली बहाल कर दी गई है। इसलिए कनेक्शन जोड़े जाने के बाद 15 अक्टूबर को रामनगर विद्युत निगम कार्यालय पर प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। वन गूजरों ने 24 घंटे के भीतर कनेक्शन न जोड़े जाने पर विद्युत निगम कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। घेराव कार्यक्रम में मौ. वशीर, नूर आलम, गुलाम रसूल,मौ. आलम, रोशनदीन व मुनीष कुमार शामिल थे।

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