फेसबुक पर लिखी भेदभाव की दास्तान तो सवर्णों ने दलित दंपति को जमकर पीटा

Written by sabrang india | Published on: May 25, 2019
वडोदराः गुजरात के वडोदरा जिले के पाद्रा तालुका में स्थित महुवड गांव में एक फेसबुक पोस्ट को लेकर कथित तौर पर उच्च जाति के 200 से 300 लोगों की भीड़ द्वारा एक दलित दंपति के घर पर हमला करने का मामला सामने आया है। दलित युवक ने फेसबुक पोस्ट में कथित तौर पर लिखा था कि सरकार दलितों के शादी समारोह के लिए गांव के मंदिर का इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं देती।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिस दलित युवक ने फेसबुक पोस्ट की थी, उसके खिलाफ भी विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने के लिए मामला दर्ज किया गया है। 46 वर्षीय तारुलताबेन मकवाना नाम की दलित महिला ने भीड़ द्वारा घर पर हमला करने, पथराव करने, पति प्रवीण मकवाना की पिटाई करने और धमकाने को लेकर वाडु पुलिस स्टेशन में 11 लोगों और अज्ञात लोगों की भीड़ के ख़िलाफ़ 23 मई को एफआईआर दर्ज कराई है।

तारुलताबेन ने अपनी शिकायत में कहा कि छड़ी, डंडे, पाइप और अन्य हथियार लिए लोग उनके घर पर पहुंचे और हमें गालियां देनी शुरू कर दीं। जैसे ही मैं घर से बाहर निकली, मुझे लोगों ने थप्पड़ मारे।

शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि इसके बाद भीड़ उनके घर में घुसी और उनके पति प्रवीण को खींचकर घर से बाहर निकाला और उनकी पिटाई कर दी। महिला ने कहा कि लोगों ने मेरे पति को धमकी देते हुए कहा कि यदि उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट डिलीट नहीं की तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

पुलिस ने कहा कि यह घटना 20 मई की है, लेकिन दोनों समुदायों के बीच समझौता नहीं होने के बाद महिला ने गुरुवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 452, 336, 323, 504, 506 और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

शिकायत दर्ज होने के बाद 24 घंटे गश्ती करने वाले दल को तुरंत गांव भेजा गया, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। गांव में तनाव है। इस मामले की जांच कर रहे वडोदरा ग्रामीण के पुलिस उपाधीक्षक रविंद्र पटेल ने कहा, ‘हम इस मामले में गांववालों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज कर रहे हैं। हमने अभी तक एफआईआर में दर्ज लोगों में से किसी की गिरफ्तारी नहीं की है।’

पटेल ने कहा कि पुलिस प्रवीण द्वारा किए गए दावों की सत्यता का पता लगा रही है कि गांव में दलितों की शादी समारोह के लिए मंदिर में व्यवस्था नहीं किए जाने की बात सही है या नहीं। अभी तक किसी ने इसके बारे में बात नहीं की है। फिलहाल हमने किसी तरह की हिंसा से बचने के लिए वहां पुलिस टीमों को तैनात कर दिया है।
 

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