उत्तर प्रदेश के योगी राज में दलितों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब सुल्तानपुर में पुलिस की बर्बरता से जुड़ा एक खौफनाक मामला सामने आया है। यहां चौकी क्षेत्र सेमरी के गांव ईसुर में चोरी के आरोप में सिपाहियों ने पहले दलित बच्चों के कपड़े उतरवाए और फिर उन्हें उल्टा लटकाकर बुरी तरह पीटा। सबसे बड़ी बात सिपाहियों ने यह घटना अपने चौकी इंचार्ज की मौजूदगी में की। वहीं पुलिस के अधिकारी अब इस घटना को लेकर उठ रहे सवालों से बचते नजर आ रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईसुर गांव में 23 अक्टूबर को भण्डारा था। खाना खाते वक्त तमोलीपुर के एक निवासी राजन तिवारी का मोबाइल गायब हो गया। संदेह जाहिर करते हुए तिवारी ने 2 दलित बच्चों को पकड़ा। लात-घूंसे मारते हुए उन्हें दूसरे दिन चौकी सेमरी ले गया। जहां जयसिंहपुर कोतवाली में चौकी इंचार्ज रामराज व उसके एक अन्य सिपाहियों ने बच्चों को बांध लिया। दीवार के सहारे बच्चों को सर के बल उल्टा किया और कपड़े उतरवा लिए। फिर बुरी तरह प्रताड़ित किया।
पीटने के बाद पुलिस ने बच्चों से कहा कि कल तक कहीं से भी मोबाइल लाकर दे जाना। दोनों बच्चे सचिन 11 वर्ष पुत्र विजय कुमार व गणेश 10 वर्ष पुत्र लहुरी हैं। किसी तरह वे अपने घर आये तो सारी बात अपनी मां-दादी और अन्य परिजनों को बताईं। मार से सचिन काफी सदमें में है, उसका इलाज चल रहा है।
25 अक्टूबर को विजय कुमार बच्चो को लेकर कोतवाली जयसिंहपुर पहुंचा। लेकिन विसर्जन होने व विभागीय मामला होने के कारण पुलिस ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। जिसकी वजह से ईसुर गांव की दलित बस्ती के लोग भयभीत हैं। क्षेत्राधिकारी जयसिंहपुर विजयमल सिंह यादव ने घटना की जानकारी होने से इनकार कर दिया। वहीं, कोतवाल देवेश सिंह ने कहा कि मैं विसर्जन में व्यस्त था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईसुर गांव में 23 अक्टूबर को भण्डारा था। खाना खाते वक्त तमोलीपुर के एक निवासी राजन तिवारी का मोबाइल गायब हो गया। संदेह जाहिर करते हुए तिवारी ने 2 दलित बच्चों को पकड़ा। लात-घूंसे मारते हुए उन्हें दूसरे दिन चौकी सेमरी ले गया। जहां जयसिंहपुर कोतवाली में चौकी इंचार्ज रामराज व उसके एक अन्य सिपाहियों ने बच्चों को बांध लिया। दीवार के सहारे बच्चों को सर के बल उल्टा किया और कपड़े उतरवा लिए। फिर बुरी तरह प्रताड़ित किया।
पीटने के बाद पुलिस ने बच्चों से कहा कि कल तक कहीं से भी मोबाइल लाकर दे जाना। दोनों बच्चे सचिन 11 वर्ष पुत्र विजय कुमार व गणेश 10 वर्ष पुत्र लहुरी हैं। किसी तरह वे अपने घर आये तो सारी बात अपनी मां-दादी और अन्य परिजनों को बताईं। मार से सचिन काफी सदमें में है, उसका इलाज चल रहा है।
25 अक्टूबर को विजय कुमार बच्चो को लेकर कोतवाली जयसिंहपुर पहुंचा। लेकिन विसर्जन होने व विभागीय मामला होने के कारण पुलिस ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। जिसकी वजह से ईसुर गांव की दलित बस्ती के लोग भयभीत हैं। क्षेत्राधिकारी जयसिंहपुर विजयमल सिंह यादव ने घटना की जानकारी होने से इनकार कर दिया। वहीं, कोतवाल देवेश सिंह ने कहा कि मैं विसर्जन में व्यस्त था।