उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक व्यक्ति को इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसने पांच साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ फेसबुक पर एक पोस्ट की थी। पुलिस ने गुरुवार व्यक्ति के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था।
यह पहला मामला नहीं है जब उत्तर प्रदेश किसी व्यक्ति को राजद्रोह कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ नेतृत्व वाली सरकार (2017) आई है तब से राज्यभर में कम से कम 150 देशद्रोह के मामले सामने आए हैं और वाराणसी, गाजियाबद, प्रतापगढ़, बलिया, बहराइच, बस्ती, मेरठ और गौतम बुद्धनगर से करीब आधा दर्ज लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
इनमें से अधिकांश मामलों में 'अपराध' समान है। लोगों को सोशल मीडिया पर 'आपत्तिजनक', 'भड़काऊ' और 'अपमानजनक' सामग्री साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इनमें अधिकांश लोग दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, मोहन भागवत आदि का सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाने को लेकर गिरफ्तार किए गए।
खबरों के मुताबिक मेरठ जिले के इंचोली गांव के रहने वाले फहम अजीम सिद्दीकी को गुरूवार को आईटी एक्ट 2000 और धारा-124 ए (राजद्रोह) के तहत गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ पंकज भारद्वाज नाम के एक शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी। पंकज ने शिकायत में आरोप लगाया था कि सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की एक मोर्फ्ड तस्वीर साझा की गई।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक मेरठ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अविनाश पांडे ने बताया कि पुलिस ने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक पोस्ट साझा की थी। उसेक आईटी एक्ट के तहत जेल भेज दिया गया है। उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी है। व्यक्ति के खिलाफ आईटी एक्ट और आईपीसी की धारा-124 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें सरकार के खिलाफ गतिविधियां शामिल हैं। लेकिन हम सरकार से अप्रूवल के बाद ही 124 ए के तहत कार्रवाई कर सकते हैं।
हालांकि सिद्दीकी के रिश्तेदार मोहम्मद अलबाब ने पुलिस के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने न्यूज क्लिक को बताया कि फहम ने हाल के दिनों में पीएम मोदी के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक शेयर नहीं किया है। यह 2014 का एक पुराना मामला है। उन्होंने 2014 में फेसबुक पर मोदी की एक कथित आपत्तिजनक तस्वीर शेयर की थी लेकिन मेरठ पुलिस ने पांच साल बाद गुरुवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि कुछ स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा पुलिस पर दबाव के कारण सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया।
उत्तर पुलिस के उस दावे पर जिसमें सिद्दीकी को आपराधिक पृष्ठभूमि वाला बताया गया, इस पर अलबाब ने कहा कि दस साल पहले उसका अपने पड़ोसियों के साथ कुछ झगड़ा हुआ था और उसने अपने पिता की बंदूक से एक व्यक्ति को गोली मार दी थी लेकिन कुछ साल बाद इस मामले को सुलझा लिया गया था। उसे फेसबुक पर कथित भड़काउ पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किया गया लेकिन 2014 से उसने कुछ भी शेयर नहीं किया था।
यह पहला मामला नहीं है जब उत्तर प्रदेश किसी व्यक्ति को राजद्रोह कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ नेतृत्व वाली सरकार (2017) आई है तब से राज्यभर में कम से कम 150 देशद्रोह के मामले सामने आए हैं और वाराणसी, गाजियाबद, प्रतापगढ़, बलिया, बहराइच, बस्ती, मेरठ और गौतम बुद्धनगर से करीब आधा दर्ज लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
इनमें से अधिकांश मामलों में 'अपराध' समान है। लोगों को सोशल मीडिया पर 'आपत्तिजनक', 'भड़काऊ' और 'अपमानजनक' सामग्री साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इनमें अधिकांश लोग दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, मोहन भागवत आदि का सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाने को लेकर गिरफ्तार किए गए।
खबरों के मुताबिक मेरठ जिले के इंचोली गांव के रहने वाले फहम अजीम सिद्दीकी को गुरूवार को आईटी एक्ट 2000 और धारा-124 ए (राजद्रोह) के तहत गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ पंकज भारद्वाज नाम के एक शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी। पंकज ने शिकायत में आरोप लगाया था कि सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की एक मोर्फ्ड तस्वीर साझा की गई।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक मेरठ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अविनाश पांडे ने बताया कि पुलिस ने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक पोस्ट साझा की थी। उसेक आईटी एक्ट के तहत जेल भेज दिया गया है। उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी है। व्यक्ति के खिलाफ आईटी एक्ट और आईपीसी की धारा-124 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें सरकार के खिलाफ गतिविधियां शामिल हैं। लेकिन हम सरकार से अप्रूवल के बाद ही 124 ए के तहत कार्रवाई कर सकते हैं।
हालांकि सिद्दीकी के रिश्तेदार मोहम्मद अलबाब ने पुलिस के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने न्यूज क्लिक को बताया कि फहम ने हाल के दिनों में पीएम मोदी के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक शेयर नहीं किया है। यह 2014 का एक पुराना मामला है। उन्होंने 2014 में फेसबुक पर मोदी की एक कथित आपत्तिजनक तस्वीर शेयर की थी लेकिन मेरठ पुलिस ने पांच साल बाद गुरुवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि कुछ स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा पुलिस पर दबाव के कारण सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया।
उत्तर पुलिस के उस दावे पर जिसमें सिद्दीकी को आपराधिक पृष्ठभूमि वाला बताया गया, इस पर अलबाब ने कहा कि दस साल पहले उसका अपने पड़ोसियों के साथ कुछ झगड़ा हुआ था और उसने अपने पिता की बंदूक से एक व्यक्ति को गोली मार दी थी लेकिन कुछ साल बाद इस मामले को सुलझा लिया गया था। उसे फेसबुक पर कथित भड़काउ पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किया गया लेकिन 2014 से उसने कुछ भी शेयर नहीं किया था।