यूपी में 58 सीटों पर पहले चरण का मतदान, पिछली बार 58 में से 53 सीट जीती थी बीजेपी

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 10, 2022
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिमी यूपी की 58 सीटों पर मतदान हो रहा है। इस चरण के मतदान में सूबे की सभी छोटी पार्टियों सहित राष्ट्रीय पार्टियां भी पूरे दमखम के साथ मैदान में हैं। 



माना जा रहा है कि पहले चरण में जाट फैक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राज्य में कुल आबादी का दो फीसदी जाट मतदाता हैं। मथुरा, बागपत, मुजफ्फरनगर, मेरठ जाट बहुल जिले हैं। जबकि गाजियाबाद, अमरोहा, सहारनपुर, बिजनौर, हापुड़, आगरा और हाथरस जिलों में भी काफी संख्या में जाट मतदाता हैं। मेरठ जिले के 20 बूथों पर मतदान शुरू होने के कुछ देर बाद ईवीएम में खराबी आ गई। 

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष, सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने के लिये व्यापक इंतजाम एवं सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है। कोविड-19 के मद्देनजर मतदान केंद्रों पर थर्मल स्कैनर, सैनीटाइजर, ग्लव्स, फेस मास्क, फेस शील्ड, पीपीई किट, साबुन, पानी की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था की गई है।

पहले चरण के मतदान में 2.28 करोड़ योग्य मतदाता हैं। इनमें 1.24 करोड़ पुरुष, 1.04 करोड़ महिला तथा 1448 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। मतदान पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए 48 सामान्य प्रेक्षक, आठ पुलिस प्रेक्षक तथा 19 व्यय प्रेक्षक भी तैनात किये गये हैं। इसके अतिरिक्त 2175 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 284 जोनल मजिस्ट्रेट, 368 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तथा 2718 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किये गये हैं। 

वर्ष 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहले चरण की 58 में से 53 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को दो-दो सीटें मिली थी। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल का भी एक प्रत्याशी जीता था। लेकिन इस बार माना जा रहा है कि किसान आंदोलन की छाप अभी लोगों के दिलोदिमाग से उतरी नहीं है इसलिए इस बार बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। 

इस बार के चुनावों में कई बीजेपी नेताओं को जनता के सामने तिरस्कृत होना पड़ा है। करीब दर्जनभर ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं जहां से ग्रामीणों ने वोट मांगने आए बीजेपी प्रत्याशियों को भगा दिया। इसके साथ ही खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिमी यूपी के बिजनौर से अपनी चुनावी रैली करने वाले थे जो उन्होंने खराब मौसम का हवाला देकर टाल दी। हालांकि, उस दिन धूप खिली हुई थी। ऐसे में कयास लाए जा रहे हैं कि बीजेपी की हालत पहले चरण में काफी पतली है। 

Related:

बाकी ख़बरें