संयुक्त सचिव की सीधी नियुक्ति पर तेजस्वी बोले- मनुवादी सरकार ने संविधान का मजाक बना दिया है

Written by SabrangindiaROMA (AIUFWP) | Published on: June 11, 2018
नई दिल्ली. भारत सरकार ने एक विज्ञापन जारी करके कहा है कि सरकारी नीति बनाने के लिए वह अफसरों की बगैर किसी परीक्षा के नियुक्ति करेगी. इस मामले पर तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार को मनुवादी बताते हुए निशाना साधा है. तेजस्वी ने ट्वीट किया है, ''यह मनुवादी सरकार UPSC को दरकिनार कर बिना परीक्षा के नीतिगत व संयुक्त सचिव के महत्वपूर्ण पदों पर मनपसंद व्यक्तियों को कैसे नियुक्त कर सकती है? यह संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है। कल को ये बिना चुनाव के प्रधानमंत्री और कैबिनेट बना लेंगे। इन्होंने संविधान का मजाक बना दिया है।''

विज्ञापन में साफ लिखा है कि ये अफसर निजी क्षेत्र या विदेशी कंपनियों से भी हो सकते हैं. इन नियुक्तियों में SC, ST, OBC, PH आरक्षण समेत किसी संवैधानिक नियमों का पालन नहीं होगा। विज्ञापन बता रहा है कि केंद्र सरकार नीतियां बनाने वाले पद यानी ज्वांट सेक्रेटरी के 10 पोस्ट सीधे भरेगी. इसके लिए कोई परीक्षा नहीं होगी. ये पद 10 मंत्रालयों को चलाएंगे.

ऐसा करके सरकार संविधान के कई अनुच्छेदों का सीधा उल्लंघन कर रही है. अनुच्छेद 15 (4) का यह सीधा उल्लंघन है, जिसमें प्रावधान है कि सरकार वंचितों के लिए विशेष प्रावधान करेगी. अनुच्छेद 16 (4) में लिखा है कि सरकार के किसी भी स्तर पर अगर वंचित समुदायों के लोग पर्याप्त संख्या में नहीं हैं, तो उन्हें आरक्षण दिया जाएगा.



ज्वांयट सेक्रेटरी लेवल पर चूंकि SC,ST, OBC के लोग पर्याप्त संख्या में नहीं हैं, इसलिए उनकी नियुक्ति में आरक्षण न देने का आज का विज्ञापन 16(4) का स्पष्ट उल्लंघन है. अनुच्छेद 15 और 16 मूल अधिकार हैं. यानी भारत सरकार नागरिकों के मूल अधिकारों के हनन की अपराधी है.

इसके अलावा संविधान के अनुच्छेद 315 से 323 में यह बताया गया कि केंद्रीय लोक सेवा आयोग यानी UPSC होगा, जो केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को नियुक्त करेगा.

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