नई दिल्ली। ईवीएम और वीवीपैट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आड़े हाथों लिया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग 28 मार्च तक हलफनामा दायर कर ये बताए कि एक पोलिंग बूथ की 50 फीसदी तक VVPAT पर्चियों के EVM से मिलान करने में आखिर दिक्कत क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि हम चाहते हैं कि मशीन और पर्ची की मैचिंग की संख्या बढ़ाई जाय, 'एक से दो भले' होते हैं। कोर्ट ने चुनाव आयोग से शपथपत्र मांगा कि क्यों ना मैचिंग की संख्या बढ़ाई जाए।
2 महीने तक सात चरणों में चुनाव करा रहे चुनाव आयोग ने दलील देते हुए कहा कि अगर ईवीएम मशीन से वीवीपैट का मिलान होगा तो इससे समय और संसाधन की बर्बादी होगी।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, किसी भी संस्थान को बेहतर सुझावों से दूर नहीं रहना चाहिए। कोर्ट ने इस बात पर भी आयोग को खिंचाई की कि उसने VVPAT को पूरी तरह से लागू करने के मामले में भी अदालत के आदेश का कड़ा विरोध किया था।
आज जिस याचिका पर सुनवाई थी वह याचिका विपक्ष के 21 नेताओं ने दायर की थी। इस याचिका में EVM के ज़रिए होने वाले चुनाव में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए 50 फीसदी तक VVPAT पर्चियों के EVM से मिलान की मांग की गई थी। अगली सुनवाई 1 अप्रैल को तय की गयी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि हम चाहते हैं कि मशीन और पर्ची की मैचिंग की संख्या बढ़ाई जाय, 'एक से दो भले' होते हैं। कोर्ट ने चुनाव आयोग से शपथपत्र मांगा कि क्यों ना मैचिंग की संख्या बढ़ाई जाए।
2 महीने तक सात चरणों में चुनाव करा रहे चुनाव आयोग ने दलील देते हुए कहा कि अगर ईवीएम मशीन से वीवीपैट का मिलान होगा तो इससे समय और संसाधन की बर्बादी होगी।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, किसी भी संस्थान को बेहतर सुझावों से दूर नहीं रहना चाहिए। कोर्ट ने इस बात पर भी आयोग को खिंचाई की कि उसने VVPAT को पूरी तरह से लागू करने के मामले में भी अदालत के आदेश का कड़ा विरोध किया था।
आज जिस याचिका पर सुनवाई थी वह याचिका विपक्ष के 21 नेताओं ने दायर की थी। इस याचिका में EVM के ज़रिए होने वाले चुनाव में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए 50 फीसदी तक VVPAT पर्चियों के EVM से मिलान की मांग की गई थी। अगली सुनवाई 1 अप्रैल को तय की गयी है।