SKM ने फाइनल किया 26 मार्च को भारत बंद का प्लान, कई संगठन देंगे समर्थन

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 18, 2021
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मार्च को प्रस्तावित भारत बंद को सफल बनाने के लिए बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ अलग अलग संगठनों की बैठक हुई। इसमें ट्रेड यूनियन, व्यापारी, किसान संगठन, आढ़ती, ट्रांसपोर्टर और छात्र संगठनों ने सभी पहलुओं पर मंथन किया। सभी संगठनों ने किसानों के समर्थन में आंदोलन तेज करने और भारत बंद को सफल बनाने की अपील की। संगठनों ने सभी धरना स्थलों पर अधिक से अधिक लोगों से शामिल होने की अपील की।



किसान नेताओं ने कहा कि वे तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तेज करने की तैयारी कर रहे हैं। किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर 26 मार्च को देशव्यापी बंद के दौरान, सभी दुकानें और दूसरे व्यापारिक प्रतिष्ठान 12 घंटे बंद रहेंगे, इसके बाद 28 मार्च को "होलिका दहन" के दौरान तीनों कृषि कानूनों की कॉपियां जलाई जाएंगी।

गंगानगर किसान समिति के रंजीत राजू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "हड़ताल सुबह 6 बजे से शुरू होगी और शाम 6 बजे तक जारी रहेगी, इस दौरान सभी दुकानें और डेयरियां और सब कुछ बंद रहेगा। हम होली के दौरान तीनों कानूनों की प्रतियों को जलाएंगे और आशा करते हैं कि सरकार के भीतर बेहतर समझ पैदा होगी और हमें MSP की एक लिखित गारंटी मिलेगी।"

बंद को सभी ट्रेड और ट्रांसपोर्ट यूनियनों, छात्रों, युवाओं और महिलाओं की यूनियनों का भी समर्थन मिला है। एक दूसरे किसान नेता पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा, "हम राज्य स्तर पर भी इस तरह की बैठकें करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि बंद हर जगह किया जा सके।"

अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) के नेता कृष्ण प्रसाद ने कहा कि ये आंदोलन अब तक जारी रहने में सफल रहा, 112 दिन अपने आप में एक उपलब्धि है और अब इसे और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत बंद "राज्य, जिला, तहसील और ग्राम स्तर" पर होगा।

उन्होंने कहा, "विरोध 112 दिनों से चल रहा है। ये खुद में एक उपलब्धि है। न तो आप और न ही हमने सोचा था कि हम ऐसा कर सकते हैं और जनता ने भी दिखाया है कि वो हमारा समर्थन करती है।"

सयुंक्त किसान मोर्चा ने धरना स्थलों के आसपास अधिक बैरिकेडिंग किए जाने पर संज्ञान लेते हुए इसे गैरकानूनी और तर्कहीन बताया। मोर्चा ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि आंतरिक सड़कों से बैरिकेडिंग हटाने की मांग की ताकि स्थानीय लोगों की परेशानियां कम हो सके।

संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल ने बताया कि 18-23 मार्च के दौरान शहीद यादगार किसान मजदूर पदयात्रा निकाली जाएगी। शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीद दिवस पर हरियाणा, यू.पी और पंजाब के किसान मजदूर पदयात्राओं की तैयारियां कर रहे हैं। 

तीन पद यात्राएं 
18 मार्च को पहली पदयात्रा लाल सड़क हांसी(हिसार) हरियाणा से शुरू होकर 23 मार्च को टीकरी बार्डर पहुंचेगी।
दूसरी पदयात्रा पंजाब के खटकड़ कलां से शुरू हो कर पानीपत पहुंचेगी। इसके बाद हरियाणा के जत्थे के साथ मिलकर पैदल 23 मार्च को सिंघु बार्डर पहुंचेगी। 
तीसरी पदयात्रा मथुरा से शुरू होकर पलवल पड़ाव पर पहुंचेगी।  

 

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