यौन उत्पीड़न, पीछा करने और छेड़छाड़ के आरोपी बृज भूषण को दिल्ली कोर्ट से दो दिन की अंतरिम जमानत

Written by sabrang india | Published on: July 19, 2023
हालांकि SPP का कहना है कि सिंह को जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी, नियमित जमानत पर सुनवाई गुरुवार को होगी


 
18 जुलाई को, दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह को दो दिन की अंतरिम जमानत दे दी, जिन पर छह महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न, पीछा करने और छेड़छाड़ के अपराध करने का आरोप लगाया गया है। मामले में सिंह के सह-आरोपी, डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर को भी अंतरिम जमानत दी गई है।
 
राउज एवेन्यू कोर्ट के न्यायाधीश हरजीत सिंह जसपाल ने दोनों आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी और उन्हें 25,000 रुपये के जमानत बांड भरने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि नियमित जमानत के लिए दलीलें दो दिन बाद 20 जुलाई को सुनी जाएंगी।
 
इससे पहले, 14 जुलाई को दिल्ली की उक्त अदालत ने दोनों आरोपियों के खिलाफ 13 जून को दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद उन्हें समन जारी किया था। आरोप पत्र के आधार पर, दिल्ली पुलिस ने कहा था कि ''अब तक की जांच'' के मद्देनजर सिंह पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि विनेश फोगट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया जैसे प्रमुख पहलवानों के नेतृत्व में नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर 37 दिनों से अधिक समय तक उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना देने के बाद भी सिंह को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया।  
 
मंगलवार को दिल्ली की अदालत में दोनों आरोपियों के वकील राजीव मोहन ने जमानत देने की दलील देते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ बिना गिरफ्तारी के आरोप पत्र दायर किया गया है, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। इस पर, विशेष लोक अभियोजक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने जमानत आपत्ति पर अपनी एकमात्र आपत्ति प्रस्तुत करते हुए कहा कि भले ही आरोप पत्र गिरफ्तारी के बिना दायर किया गया था, लेकिन आरोपी मामले में गवाह को प्रभावित कर सकता है। यहां इस बात पर जोर देना जरूरी है कि नाबालिग पहलवान शिकायतकर्ता ने धमकियों और जान के डर का हवाला देते हुए सिंह के खिलाफ अपनी शिकायत वापस ले ली थी। फिर भी आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी गई।
 
यहां इस बात पर प्रकाश डालना जरूरी है कि दिल्ली पुलिस ने ब्रजभूषण शरण सिंह पर भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 354 (महिला की शीलता भंग करना), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 354 डी (पीछा करना) के तहत आरोप तय किए गए हैं। इसके अलावा, उक्त आरोप पत्र में यह भी बताया गया है कि एक मामले में, सिंह द्वारा उत्पीड़न "बार-बार और जारी" था। यहां इस बात पर प्रकाश डालना जरूरी है कि दोषी पाए जाने पर इन आरोपों में पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यौन उत्पीड़न की कथित घटनाएं 2016 और 2019 के बीच डब्ल्यूएफआई कार्यालय, सिंह के आधिकारिक आवास और विदेश में भी हुईं।

Related:
यूपी': चेतावनी या धमकी? बृजभूषण शरण सिंह का भाजपा के शीर्ष नेताओं को ‘संदेश’
शिकायतकर्ता पहलवानों को धमकाने के आरोपी कोच खिलाड़ी के यौन उत्पीड़न के केस में नामजद थे
रेसलर्स प्रोटेस्ट: आंदोलन खत्म करने की खबरों का पहलवानों ने खंडन किया, कहा- अफवाह न फैलाएं

बाकी ख़बरें